मैं अशुद्ध होना चाहती हूं। – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अजी सुनिए ना… चुन्नी के बापू  आपसे चुन्नी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें करनी हैं। जानकी ने चुन्नी के पिता से कहा। बृजेश ने कहा – हां बोलो.. देखिए ना चुन्नी ने सोलह वर्ष पूरे कर लिए सत्रहवें में प्रवेश कर लिया मगर अब तक उसमें शारिरिक परिवर्तन नहीं हुआ। स्त्रियों वाले वो लक्षण … Read more

दिखावे की जिंदगी – आरती मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“सीढ़ियों से उतरती हुई , रेशमा की कानों में जो आवाज पड़ी वो बादल के गर्जना से कम नहीं थी , जिससे वह डरकर बुत बन गई , दूसरे ही पल अपने होश को संभाला,  क्योंकि बहुत जरूरी था उसका होश में आना । कानों में वो गर्जना जैसे शब्द ऐसे गूंज रहे थे जैसे … Read more

भटकन – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

गरीब घर में भले ही जन्म लिया था पूजा ने पर सौंदर्य,आवाज और व्यवहार कुशलता में उससे अमीर कोई दूसरा न था।रूप की खान थी वो, गाती भी बहुत मधुर थी, सुनने वाले सम्मोहित हो जाते और व्यवहार कुशल ऐसी जो मिलता उसका मुरीद बन जाता। उसकी सखियां उसे छेड़ती अक्सर…जो भी तुझसे शादी करेगा, … Read more

अति हर चीज़ की बुरी होती है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” भाभी…इनको..।” कहते हुए अंजू फ़ोन पर ही रोने लगी।तब क्रोधित भाव से सविता बोली,” कुछ बोलोगी भी…या रोती ही रहोगी..।”   ” उनको…।” अंजू ने पूरी बात बताई तो सुनकर सविता सन्न रह गई।   ” ओह…चिन्ता मत करो..तुम्हारे भईया को लेकर मैं अभी आती हूँ।” कहकर सविता ने फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया और बुदबुदाई,” आखिर … Read more

सजावट से स्वत्व तक – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

वो हर सुबह उठते ही सबसे पहले आईने में अपना चेहरा देखती थी। एक महीन-सी मुस्कान, नपी-तुली भौंहों की कमानी, होंठों की सतर्क सजावट… सब कुछ वैसा ही जैसी दुनिया उसे देखने की उम्मीद करती थी। उसका नाम था—सुगंधा। बचपन से ही वो स्वयं के लिए ‘खूबसूरत’ शब्द ही सुनती बड़ी हुई थी। कोई कहता, … Read more

रिश्तों का महत्व – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

 भावेश अपने 5 साल पुराने विचारों में खो जाता है कितना अच्छा समय था—– मैंने एम.बी.ए भी कर लिया था और एक कंपनी में मेरा जॉब भी लग गया था। अपॉइंटमेंन्ट लेटर भी मिल गया था अगले हफ्ते ज्वाइन करने जाने वाला था कि इसके पहले ही पापा की तबीयत अचानक खराब होने के कारण … Read more

रिश्ते – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————— यह धन संपत्ति ना अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देती है, कोई बात नहीं जीजी हम तो आपके साथ ही है ना। बड़ी भाभी गुड़िया को समझा रही थी।            चमन और गगन दोनों भाई अपने माता और परिवार के साथ सुख शांति से रह रहे थे। विवाह के बाद गुड़िया जब भी घर … Read more

किरपा करो हे राम – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

सुबह आठ बजे ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते थे। कभी स्वीगी, ब्लिंकिट तो कभी जमैटो। कोई सप्लाई छूट न जाये इसलिए रामचन्द्र कुशवाहा सुबह जल्दी उठते और नहा धोकर, नाश्ता करके आठ बजे तक तैयार हो जाते। सरकार की पाबंदियों के कारण लकड़ी चिरायी का कारख़ाना बंद होने से, छह महीने पहले नौकरी छूट गई … Read more

रिश्तों की परिभाषा – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

अतुल कई दिन से थका थका सा महसूस कर रहा था  ।ऊपर से यह कोरोना का रोना। इसलिए किसी को बोल भी नहीं रहा था कि उसे कुछ दिक्कत लग रही है ।बेकार ही उसे तो कोरोंटाइन करेंगे ही ,पत्नी और बच्चे को भी कर देंगे । वह अपने परिवार को परेशान नहीं करना चाह … Read more

ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है। और जिसके पास ये अभी अभी आई हो उसका तो क्या कहना। तुम भी इस धन की वजह से बहुत घमंडी हो गए हो, अपने सामने किसी को कुछ नहीं मानते। नए नए पैसे कमाए हो तो इसका मतलब ये नहीं कि तुम रिश्ते … Read more

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