नग वाली पायल – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

अरे सुना कुछ …..वो महेश अंकल नहीं रहे क्या? क्या कह रहे हैं आप?… अब? मंजरी  के हाथ,दुख और सदमे से रूक से गए। वरना सुबह सुबह काम से किसे फुर्सत मिलती है? इतनी सुबह ये समाचार मिला बस कुछ ही दूरी पर महेश और सौदामिनी जी रहते हैं। रिटायर हो चुके हैं, परंतु  बहुत … Read more

पुलकन – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरे भई श्रीमती जी कहां हैं आप लीजिए मॉर्निंग टी हाजिर है सुबोध जी ने चाय की केतली टिकोजी सहित लाकर बेड की साइड टेबल पर रख दी। शामली जी  वाश रूम से निकल रहीं थीं…! अरे सॉरी मुझे उठने में देर हो गई मैं बनाती ना आप क्यूं बना लाए कुछ शर्मिंदगी के एहसास … Read more

मतभेद तो हर घर में होते हैं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी, शाम को हम दुलारी ताई जी के यहां चलेंगे, बहुत महीने हो गये है, उनसे मिलना नहीं हुआ, फोन पर तो मै उनके हाल पूछ लेती हूं,” माही खुश होकर बोली, और कमरे की खिड़की से उसने नजर डाली तो सामने वाले घर में कोई हलचल नहीं पाकर हैरान थी। मम्मी, “वो ताई जी … Read more

त्याग से बढ़कर कोई खुशी नहीं – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

कल रात जब से रोहन अपने दोस्त सुधीर की बर्थडे पार्टी में से लौट कर आया है नींद तो जैसे गायब हो गई हो, एक चेहरा उसे  बरबस अपनी और आकर्षित किया जा रहा है कौन था वह चेहरा, किसका था, कहां से आई थी, बहुत सारे सवाल उस के जहन  में चल रहे थे, … Read more

*एक दूजे के लिये* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 पूजा नही आयी ना, माँ?मन नही मानता वह इस प्रकार मुँह मोड़ लेगी।        बेटा, तू उसका ख्याल छोड़ दे।सपने सभी सच हो ये जरूरी तो नही।बस तू जल्द ठीक हो जा,बेटे।       मैं क्या करूँ माँ?पूजा का चेहरा मेरी आँखों के आगे से हटता ही नही।कहते कहते सचिन बिलख पड़ा।       माँ ने सचिन को अपने मे … Read more

रंगहीन से रंगीन – सुनीता संधू : Moral Stories in Hindi

घंटी की आवाज सुनकर राधा रसोई से बाहर आई। तौलिए से हाथ पोंछकर वह दरवाजे तक गई। उसने देखा बाहर पोस्टमैन खड़ा था। उसने उसे एक निमंत्रण पत्र दिया। दरवाजा बंद कर अंदर आते हुए वह उसे ध्यान से देखने लगी। यह उसकी मासी के बेटे रवि के विवाह का निमंत्रण पत्र था। आने वाली … Read more

शादी का लड्डू खाकर ही पछताया जाए! – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi

एक तो पहले ही शादी शब्द से ही मन में कुलबुलाहट सी होने लगती है यह सोच कर कि शादी के बाद क्या होगा कितनी जिम्मेदारियां होंगी… सारी आजादी छीन जाएगी वगेरह वगेरह?? “क्योंकि ज्यादातर केस में शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों ही थोड़े अल्हड़ और गैर जिम्मेदाराना रहते हैं, ना वक्त से … Read more

बैसाखी का बोझ – मानसिंह : Moral Stories in Hindi

आज रमाशंकर सिंह जी बहुत खुश थे। बहुत दिनों बाद उनका फ़ौजी बेटा घर आने वाला था। गांव में उनका छोटा सा घर था। पत्नी हमेशा बीमार रहती थी। मानसिंह उनका इकलौता बेटा जो बहुत मन्नत मांगने के बाद हुआ था। खुद भी सेना में रहे तो बेटे को भी देश सेवा के इतने पाठ … Read more

मै दिखा दूंगी बहू को कैसे रखते है… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

शीला जी एक दबंग महिला थी… सास के रूप में भी थोड़ा कड़क..।   शीला जी की तीन  बहुएँ है.।  जिंदगी ठीक चल रही थी,.. पर बहुओं को हमेशा व्यस्त रखती…. पारंपरिक घर… कितनी भी भूख हो बहुएँ सब को खिलाने के बाद ही खाती थी..। सारा काम करती थी, फिर भी सासुमां की कसौटी … Read more

अब यही हमारा घर हैं !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

मुरली प्रसाद जी बैठे बैठे कविता लिख रहे थे कि उन्हे अपनी बहू राखी की आवाज सुनाई दी जो उनके बेटे कमल से कह रही थी देखा कैसे बैठे बैठे तुम्हारे बाबुजी ने खर्चा करवा दिया हमारा , मैं तो परेशान हो गई हुं इनसे , मुझसे नहीं होने वाली इनकी सेवा वेवा , पहले … Read more

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