महिला कभी रिटायर नहीं होती – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

प्रशांत जी का ‘अगले माह रिटायरमेंट था सो एक छुट्टी बाले दिन वे सुबह चाय पी रहे थे तो पत्नी माधवी से बोले सुनो माधवी अगले माह मैं रिटायर हो जाऊंगा सो मैंने एक अपना रुटीन प्लान सोचा है कि कैसे  अपनी  दिनचर्या बनाऊंगा ।अब ऑफिस जाने का तो कोई ताम -झाम रहेगा नहीं सो … Read more

मखाने की खीर – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    माधुरी ने मखाने की खीर बनाई थी।पति को परोस कर एक कटोरी खीर लेकर बेटी के कमरे में गई और दरवाज़ा बंद कर उसकी तस्वीर के सामने रख कर रो पड़ी।रोते-रोते बोली,” तू कहाँ चली गई मेरी बच्ची…तुझे देखने के लिये मेरी आँखें तरस गई है। तेरे पापा तो कठोर बन गये लेकिन मैं क्या … Read more

एक दूजे बिन अधूरे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ क्या देख रही हो काव्या?” दूर किसी जोड़े को देखकर मन ही मन मुस्कुराती काव्या को ऐसे देख रमन ने पूछा “ देखो ना रमन  वो कपल कितने प्यार से एक दूसरे का हाथ थामे बैठा है और उपर आसमान में उड़ते बैलून , पैराग्लाइडिंग ये सब देख कर उसकी पत्नी बहुत खुश हो … Read more

दिल पर कोई ज़ोर चलता नहीं – भावना पंवार : Moral Stories in Hindi

मेरे मोहल्लें में मेरा और रवि का घर आपने सामने था।हम दोनों के परिवार में आपसी भाईचारा का नामों निशान तक नहीं था। मैं मुस्लिम परिवार से और वो हिंदू परिवार से। हालाँकि मेरे घर वालों को उनसे कोई दिक़्क़त नहीं थी पर रवि के घर वालों को मेरे परिवार से यही दिक़्क़त थी कि … Read more

‘ उम्मीदें ‘ – अनु ‘ इंदु ‘ : Moral Stories in Hindi

विभा रात को सोने से पहले बाहर का दरवाजा  चेक कर रही थी कि  कहीं खुला न रह जाये कि अचानक  ऊपर से आती आवाजों ने चौंका दिया । वरुण तब तक सो चुके थे । विभा वहीँ पर सीढ़ियों के नीचे ठिठक गई। ऊपर से बेटा बहू के झगड़ने की आवाजें आ रहीं थीं … Read more

गिले शिकवे – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

नीले स्वच्छ आसमान में ढलते सूरज की पीले सेन्दुरी किरणों का सम्मोहन। ऊंचे-ऊंचे हरे घने  वृक्ष ,घनी झाड़ियां, घोंसले में लौटते चिड़ियों का तीव्र शोर अपनी ओर खींच रहा था। इस दिलकश वातावरण के खिंचाव में हरीश यूं ही इस ओर बढ़ता चला गया।     जब व्याकुल मन कहीं नहीं बंधे तो उसे प्रकृति के गोद … Read more

सयानी जीजी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

वो मेरे पास आकर बैठी रहती थी।मै घङी की सुइयो की ओर देखकर सोचने लगी।हम दोनों के फ्लैट आमने सामने थे ऐसे मे हम सुख-दुःख के साथी भी बन गये थे।मैं उम्र में उससे बङी जरूर थी पर हमारे बीच दोस्ती हमउम्र सखियों जैसी थी। हम हर विषय पर खुल कर बात करते ,अपने पति, … Read more

मुझे भी चैन से खाने का हक़ है… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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सन्डे की सुबह सबकी फरमाइश पर रमा ने छोले -भठूरे बनाये… सबने चटकारे ले -ले कर खाया। “वाह माँ बहुत टेस्टी छोले -भठूरे बने था, मजा आ गया खा कर “बेटी अंकिता ने माँ की तारीफ करी। पतिदेव ब्रेकफास्ट के बाद टी. वी. पर अपने प्रोग्राम में चिपक गये., बेटी -बेटा अपने मोबाइल में और … Read more

“ना मुझे आपके पैसे चाहिए और ना आपकी प्रॉपर्टी… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“दी, आप के पास कुछ पेपर भेजा है, हस्ताक्षर कर भेज दीजियेगा”मानसी ने रीमा को फोन पर सूचना दी। ” कैसे पेपर भाभी”रीमा ने पूछा. “वो दीदी.. वो बड़ी भाभी ने कहा था, मकान के और गांव की जमीन के पेपर पर आप के हस्ताक्षर ले लें, कहीं बाद में आप हिस्सा ना मांगने लगें … Read more

तुम्हारा मायका तुम्हारे ससुराल से बढ़कर हैं क्या ?? – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

नीलिमा , यह क्या आज अब तक खाना नहीं बना जबकि आज तो हम दोनों कितनी देरी से आई हैं सास उषा जी  अपनी बड़ी बहू निलिमा पर चिल्लाकर बोली !! मम्मी , आज मुन्नी ने बहुत परेशान किया , कुछ काम ही नहीं करने दिया !! अभी चलना सीखी हैं तो यहां वहां भागती … Read more

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