हम दोस्त बनकर रहेंगे – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

आशा और रजनी लखनऊ के एक पार्क की हरी घास पर बैठे एक दूसरे को अपलक निहार रहे थे l शाम का सूरज अपनी लालिमा से अनुपम छटा बिखेर रहा था l आकाश रजनी की सुंदर छवि को अपनी आंखों में जीवन भर के लिए बस लेना चाहता था l रजनी भी आकाश की मनमोहक … Read more

मान जाओ ना..!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

नहीं नही मेरा बच्चा शानू बच जायेगा इसे कुछ नही हो सकता….माता सुलभा का हृदय चीत्कार कर उठा था। शाम का समय था हॉस्पिटल से फोन आया । शानू के पापा विकास का फोन था.. सुभा…जल्दी यहां आ जाओ संक्षिप्त कथन था उनका परंतु गहरा लंबा उतर गया था दिल में ।घर से हॉस्पिटल का … Read more

“सासू माँ की प्रेरणा” – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“भाभी, मैंने तो पहले ही कहा था इस अभागी लड़की से अपने विनय की शादी मत करो।पैदा होते ही अपने माँ-बाप को खा गई और अब अपने सुहाग को। खुद भी बोझ बन आप पर आ पड़ी है। अब भुगतो इस अपाहिज को।अभागन कहीं की। ये मर ही जाती तो बढ़िया होता।” कंचन ने हॉस्पिटल … Read more

अभागन – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

“निशा…निशा…तुमने कुछ सुना…?”हडबड़ाती हुई कुसुम की आवाज सुन कर मैं थोडा़ घबरा गई। अभी चंद हफ्ते ही गुजरे थे मुझे यहां आए हुए, मैं न तो किसी को जानती ही थी न ही ऐसा मौका भी मिला था। “क्या हुआ कुसुम?”मैं संदेहात्मक रवैये से पूछा तो उसने बहुत ही दुख भरे लफ्जों में कहा “वो … Read more

कीमत – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठी कविता के गालों पर आसुओं के निशान बदहवास चेहरा और आंखों में गहरी वेदना लिए अपनी किस्मत को कोस रही थी.. बीस साल पहले रजत से उसकी शादी हुई थी.. रिश्तेदार के नाम पर बड़ी दीदी और जीजा जी और उनके दो बच्चे छः साल की … Read more

तू अभागन नहीं थी – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

पैदा होते ही अपने मां बाप को खा गई फिर मनहूस हमारे बेटे को खा गई..अभागन कहीं की…रोज सुमन को अपने सास ससुर के तानों से दो चार होना पड़ता था।अंदर से बेचारी टूट गई थी..पर कर भी क्या सकती थी? मां बाप होते तो उनकी पास चली जाती….मामा मामी ने तो वैसे ही उसे … Read more

अभागन – हेमलता : Moral Stories in Hindi

समृद्धि – समृद्धि बोलते हुए किसी ने उसे ज़ोर से झंझोड़ा तो देखा सामने उसकी प्रिय सखी रूचि खड़ी थीं और उसे पुकार रही थी पर वो तो अपना नाम भूल ही चुकी थी क्योंकि कोई भी उसे समृद्धि नाम से बुलाता ही नहीं था | सब उसे अभागन ही बोलते थे | आज बहुत … Read more

अभागन तू नहीं मैं हूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रश्मि अपने पति शिवम के साथ गाड़ी से अपने मायके जा रही थी | गाड़ी तेजी से आगे जा रही थी और रश्मि का मन उतनी ही तेजी से पीछे भाग रहा था | उसे अपने बीते दिनों की बातें याद आ रही थी |                   शिवम … Read more

कहां हूं मैं अभागन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बड़े घर के बिगड़ैल बेटे से ब्याह दी गई ज्योति।मन में नई नवेली दुल्हन के सपने लिए ससुराल आ गई ज्योति। मायके में सौतेली मां के जुल्म सहते सहते तक गई थी ज्योति चार साल की थी जब मां छोटे भाई के जन्म के समय चल बसी ।दो दिन का छोटा सा छोटू उसकी देखभाल … Read more

अभागन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सौंदर्या व्याकुल होकर घर में ही चहल कदमी कर रही थी कभी बालकनी, कभी घर का गेट खोलकर बाहर देखने जाती। बेचैनी में एक-एक पल उसे एक-एक वर्ष के समान लग रहा था। थोड़ी भी आहट होने पर बाहर देखने लगती। बहुत ही बेसब्री से बेटे अंशुल का इंतजार कर रही थी। और हो भी … Read more

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