हस्तरेखा – आरती मिश्रा : Moral Stories in Hindi
” मुलाकात हुई, पाण्डेय जी से !” कनक खाने की थाली मेज पर परोसती अपने पति विनय से पूछ बैठी। हां ,हुई तो ! क्या कहा उन्होने? “उन्होंने कहा है कि केस मुकदमा करने की कोई जरूरत नहीं है बस समय का इंतजार करो !” मेरा कहा तो माना नहीं, तो कम से रिश्ते तोड़ने … Read more