हर एक रिश्ता _जरूरी होता है। – अंजना ठाकुर: Moral Stories in Hindi

रीमा नई नई शादी हो कर आई थी ससुराल मैं सास ,ससुर ,पति राकेश ,और एक शादी शुदा ननद सांची  है ननद के एक दो साल की बेटी पीहू है जिसको लिवर इन्फेक्शन है उसके इलाज के लिए उसे मायके आना पड़ता है क्योंकि उसका ससुराल छोटे शहर मैं है  राकेश भी अपनी बहन को … Read more

रिश्तों की डोर ना हो कभी कमजोर – कमलेश आहूजा: Moral Stories in Hindi

नेहा की माँ का देहांत हो गया था।तेरहवीं की रस्म करके अभी अपने घर आई थी कि भाभी का फोन आ गया  -“हैलो दीदी,आपसे एक बात पूछनी थी प्लीज बुरा नहीं मानना।” “हां रीना,पूछो क्या बात पूछनी है?” “दीदी मम्मी जी की दो सोने की चूड़ियां एक गले की चैन,एक जोड़ी टॉप्स और कान की … Read more

रिश्तों की डोरी टूटे न – शनाया अहम: Moral Stories in Hindi

ये आप क्या कर रही हैं , आज फिर आपने ये पुराना एल्बम उठा लिया है और फिर से अपना दिल दुखाना शुरू कर दिया है आप ने।  कितनी बार आपसे कहा है भूल जाइये उन रिश्तों को जिनकी डोरी इतनी कच्ची थी,जो ज़रा से झटके से टूट गई।   अपनी माँ सीता देवी के हाथों … Read more

दादी जी और मैं – दिक्षा बागदरे: Moral Stories in Hindi

दादी जी कहती थी मैं राधिका जी को। वह एक सरकारी स्कूल मै शिक्षिका थी। मेरा शुरू से ही स्वभाव रहा है कि मैं अपने आसपास बाजार में महिलाओं से, बच्चों से  सामान्य बातचीत कर ही लेती हूं। इसका मतलब यह नहीं कि मैं हर किसी से बात कर लेती हूं पर हां  विशेष तौर … Read more

रिश्तों की डोर यूं न तोड़ो – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

संगीता कई दिनों से यूं उदास बैठी थी ,कारण संगीता के बड़े भाई की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब थी ।आई,सी यू में भर्ती हैं की दिनों से ।वो भाई से मिलने जाना तो चाहती है लेकिन संगीता के पति पंकज बिल्कुल भी तैयार नहीं है जाने को।और अकेले भी नहीं रहेंगे क्योंकि उनको स्वास्थ्य … Read more

बेनाम रिश्ते – करुणा मलिक: Moral Stories in Hindi

कहाँ हो यजमान …… कित्ती देर  से दरवाज़ा खटखटा रही हूँ…कहाँ गए सब ? ए….. मालती …. अपनी माँ और दादी को तो बुला दे   बेटा । मालती ने आवाज़ सुनी और कमरे में लेटी अपनी माँ से कहा—-मम्मी…. वो बाहमणी दादी …आ गई । जब देखो … मुँह उठा कर चली आती है … Read more

माँ का आशीर्वाद- संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

निर्मला जी हाथ मे दही चीनी की कटोरी पकड़े अभी भी दरवाजे पर टकटकी लगाए देख रही थी जिससे अभी अभी उनका बेटा कार्तिक बाहर निकला था। निर्मला जी की आँख नम थी पता नही बेटे के तिरस्कार से या ऑफिस का पहला दिन और बिना दही चीनी खाये चला गया उस दुख से । … Read more

सासू मां आप मुझे बेटी बनाकर लाई थी पर आपने मुझे बहू का भी अधिकार नहीं दिया – डॉ कंचन शुक्ला Moral Stories in Hindi

अलार्म  की आवाज सुनकर मेनका की आंख खुल गई इस समय सुबह के 5 बजे थे उसका उठने का मन नहीं कर रहा था उसे कल रात सोने में बहुत देर हो गई थी ननद ने अपने बेटे का जन्मदिन यहीं अपने मायके में बनाया था केक से लेकर खाने का सभी सामान घर में … Read more

सासु माँ आप मुझे बेटी बनाकर लाई थीं लेकिन बहू का दर्जा भी नहीं दिया – के कामेश्वरी Moral Stories in Hindi

गौरीशंकर जी बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे कि पत्नी सुगुणा चाय लेकर आई और उनके पास बैठकर कहने लगी कि देखिए ना कहने को तो दो बहुएँ हैं परंतु सारे काम मुझ अकेली को ही करने पड़ते हैं । छोटी बहू विद्या तो शादी होते ही अलग शहर में विजय की नौकरी के … Read more

रिश्तो का ताना-बाना – डॉ सरिता सिंह Moral Stories in Hindi

पहले जन्मदिन पर क्षितिज तोतली जबान से .. शंख बजते ही बार-बार दोनों हाथ उठाकर जय भोलेनाथ कर रहा था.. मोहन और देवकी ने पंडित जी के पैर छुए तो वह भी पंडित जी के पैर छूने लगा मोहन और देवकी ने आगे बढ़कर अपने सभी बड़ों बुजुर्गों के पैर छुए साथ-साथ में क्षितिज भी … Read more

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