मन की कड़वाहट – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

आज एक्साइज इंपेक्टर की ड्यूटी पर बिरला मार्केट में निरीक्षक की भूमिका में वंशिका मार्केट के मुख्य भाग में दाखिल हुई थी। सरकारी महकमे में ड्यूटी की व्यस्तता के कारण उसे बीते पल को याद करने की फुर्सत भी नहीं मिलती। बीस वर्ष के सेवाकाल में वर्तमान को समेटते समेटते भूत को उसने ताक पर … Read more

ससुराल की मिट्टी – सुधीर सोनी : Moral Stories in Hindi

मॉ उन्होंने तलाक़ माँगा है,मुझे पता नहीं वजह क्या है,? बिना इतला किए ससुराल से अपने मायके आकर ये सब वो अपनी मॉ को बता रही थी।,___ ऐसा क्या हुआ तुझे जो तुम भरी दोपहर में बिना इतला किए यहाँ आई ,  फ़ोन पर भी बोल सकती थी मुझे,…!! अपनी मॉ से लिपट कर रो … Read more

साँच को आँच नहीं – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

अक्सर बचपन में सुनी कहानियाँ और सीख जीवन में काम आती हैं।मनुष्य को सरल और सहज जीवन के लिए हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए। कहा भी गया है’सत्यमेव जयते!’अर्थात् हमेशा सत्य की जीत होती है।सत्यवचन से सम्बन्धित प्रस्तुत कहानी पंचतंत्र से ली गई है।पंचतंत्र  विष्णु शर्मा की  कहानियों का संकलन है।पं विष्णु शर्मा ने … Read more

सिंदूर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

वृंदा, कल समय पर तैयार हो लेना , मानव का रिश्ता तय हो गया और बहू को अंगूठी पहनाने चलना है तुम्हें और बुआ जी को हमारे साथ । भाभी, मम्मी जी को कह दूँगी, अभी तो वो मंदिर गई है पर माफ़  करना , मैं नहीं जा पाऊँगी ….. क्यों….. नहीं-नहीं चलना है । … Read more

बोझ – आराधना सेन : Moral Stories in Hindi

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जब सिन्दूर पडेगा ना मेरी बिटिया के माथे पर तो कितना चेहरा मे रौनक आयेगी यह तुम्हे नही पता, बेकार मे चिंता करती हैं वह लोग भी अच्छे नही थी देखना उससे भी अच्छे रिश्ते आयेंगे दादी न जाने कितनी ही बाते बडबडा रही थी माँ चूल्हे मे रोटियाँ सेंक रही थी जो कभी जल … Read more

झांसी की रानी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” भाभी…मेरे स्कूल का टाइम हो रहा है..टिफ़िन तैयार कर दीजिये।” श्रुति ने बिस्तर पर लेटी अपनी भाभी से कहा।    ” अभी देती हूँ…।” कहते हुए नंदिता उठने की कोशिश करने लगी तभी तनुजा आ गई और बोली,” दीदी..आप आराम कीजिये..श्रुति अपना टिफ़िन खुद तैयार कर लेगी।”    ” लेकिन छोटी भाभी…मुझे पराँठे बनाने नहीं आते..और … Read more

खुद का संडे – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीलांश कई दिनों से देख रहा था कि निली काफी उदास और गुमसुम सी होती जा रही है।बस मशीन की तरह अपना काम निपटाती रहती है।ना हँसना न खिलखिलाना। माँ-पापा की चाय, बिट्टू-पिंकी की पढ़ाई, लंच-डिनर, उसका टिफिन, घर की साफ-सफाई सब काम बिल्कुल परफेक्ट, समय पर लेकिन खुद बिल्कुल बुझी-बुझी सी। जब भी नीलांश … Read more

सिंदूर – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

आज फिर गंवार की तरह मांग भर सिंदूर लगा कर चल दी ,कितनी बार कहा है मुझे तुम्हारा इस तरह तैयार होना अच्छा नहीं लगता ।  अरे प्रवेश सुहागिन को सिंदूर लगाना चाहिए इसीलिए लगाती हूं  अच्छा अगर नही लगाओगी तो सुहागन नही हो ,तुम मेरी पत्नी हो ये सब जानते है पर इस तरह … Read more

जिम्मेदारियां और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

जिम्मेदारियां और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं ! दादी मां कहा करती थी लाडो पढ़ाई के साथ साथ मम्मी के साथ थोड़ा काम भी करवा लिया करो, तेरी मां पर घर की जिम्मेदारियां बहुत हैं ! सारा दिन काम कर के थक जाती हैं ! मैं ज्यादा उनकी बातो पर ध्यान नहीं देती थी … Read more

सिंदूर हो रहा दूर – रोनिता : Moral Stories in Hindi

क्या बात है? कुछ दिनों से देख रहा हूं बड़ी बदली बदली सी दिख रही हो? अमर ने अपनी पत्नी मनीषा से कहा  मनीषा:  अच्छा आपको अपने काम के अलावा कुछ और भी दिख गया? पर यह अजूबा कैसे हो गया? अमर:  क्या मतलब? काम पर ध्यान नहीं दूंगा तो यह घर कैसे चलेगा? तुम … Read more

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