दहेज भी लाई पर ना पति से प्यार पाया ना ससुराल में अपनाया । – रेनू आनंद : Moral Stories in Hindi

जिया की अभी अभी ही कॉलेज की पढ़ाई पूरी हुई थी पढ़ने में काफी होशियार और घर के काम में निपुण सावंली सी लड़की जिसके पापा सरकारी पद पर कार्यरत है मां – जिया जाओ तैयार हो जाओ  तुम्हारे लिए एक रिश्ता आया है लड़के वाले तुम्हें आज ही देखने आ रहे हैं  जिया – … Read more

सासू माँ आप मुझे बेटी बनाकर लायी थीं लेकिन बहू का हक भी नहीं दिया – खुशी प्रजापति : Moral Stories in Hindi

सुमन हर कार्य में निपुण लड़की थी। वह सुन्दर एवं सुशील थी। वह खेती से लेकर रसोई तक का सारा काम करना जानती थी। उसे बचपन से ही ऊँचे ख्वाव देखना पसन्द था,  लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वह उन्हें पूरा न कर सकी। उसकी उम्र अब 19 वर्ष की हो गई थी। घरवालों ने … Read more

तलाक की भविष्यवाणी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

मुझे तलाक चाहिए मैं अपने पति अजय के साथ नहीं रहना चाहती उमा ने मायके आकर यह बात अपनी मां और पिताजी को बताई मां ने अपनी बेटी उमा की बात सुनकर कहा तेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं तेरी गोद में 2 वर्ष का बेटा और एक बर्ष की बेटी भी है … Read more

मम्मी साफ साफ बोलो ना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

जानते हैं जी , आज क्या हुआ…?? जैसे ही आरती ने कुछ कहना चाहा…पास में बैठी बिटिया ने तपाक से कहा…मम्मी सीधे-सीधे बात बताना एक घंटे भूमिका मत बाँधना …I और पतिदेव ने भी क्या हुआ बोलकर न्यूज पेपर में ही ध्यान लगाये बैठे रहे ….आरती कुछ बताना चाहती थी पर पति बच्चों के व्यवहार … Read more

गुरुर – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

इंजीनियर दंपति ने यह बहुत पहले ही निर्णय ले लिया था कि संतान रूप में लड़की हो या फिर लड़का केवल एक ही। वे बैंगलोर में रहते थे। दोनों की अच्छी खासी तनख्वाह थी। घर गृहस्थी मजे में चल रही थी। तीन कमरों का फ्लैट था।दो ही प्राणी तो रहने वाले। कुछ खाली खाली सा … Read more

एक मौका – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

अजी सुनती हो सुबह के सात बज गए है । चाय लें आओ……मुझे ऑफिस जाने में देरी हो रही है । यें है हमारी कहानी के मुख्य पात्र केशव कुमार ! जो पेशे से एक प्राइवट फ़र्म में वकील के पद पर कार्यरत है । यें समझ लो की इनके बिना ऑफ़िस का कोई काम … Read more

सासू मां आप मुझे बेटी बनाकर लाई थी और बहू का हक भी नहीं दिया – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

बहू आज दोपहर के खाने में राजमा चावल , भरवा बैंगन और , खीरे का रायता बना लेना और मीठे में खीर हो जाएगी, दूध तुम्हारे ससुर जी से मैंने मंगा लिया था वो फ्रिज में रखा है। उसमें उबाल लगा लो और खीर के लिए चावल भी भिगो दो। क्यों मम्मी जी आज कोई … Read more

मेरे पिता – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

ओडिटोरियम में व्हीलचेयर पर बैठी स्मिता के आते ही तालियों की गड़गड़ाह से स्मिता का स्वागत किया गया , कुर्सियों पर चारों तरफ़ बैठे हुए लोग अपनी अपनी जगह उठ कर खड़े हो गए और उन्होंने तालियां बजाकर स्मिता का स्वागत किया।  मंच तक पहुंचते पहुंचते स्मिता के गले में फूलों की कई मालाएं डल … Read more

गुरुर… किस बात का – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या रानू दीदी… पूरे 1 साल बाद गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ आई हो  और कह रही हो बस चार-पांच दिनों के लिए ही आई हूं, तुम्हारे जीजाजी को खाने की परेशानी हो  जाती है, इस बार  मैं कुछ नहीं सुनने वाला और हां आज दोपहर में तैयार रहना हम सब वाटर पार्क … Read more

बेटी कह देने से बहू बेटी नहीं हो जाती। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मानसी, ये दूध का गिलास निधि के कमरे में दे आ, उसकी परीक्षाएं चल रही है, दूध पीयेंगी तो पढ़ने में भी मन लगेगा, अपनी सास आरती जी की बात सुनकर मानसी अपना खाना छोड़कर पहले दूध देकर आ गई, वो अपने खाने की थाली से दोबारा खाने लगी थी कि आरती जी बुदबुदाने लगी, … Read more

error: Content is Copyright protected !!