आखिरी बार – कंचन श्रीवास्तव

सुबह के चार बजे थे जब रेखा की आंख बुरे स्वप्न के कारण खुली  , देखती भी क्यों ना आज साल भर होने को आया अस्पताल से घर और घर से अस्पताल की होके रह गई है।सब कुछ अस्त व्यस्त हो गया है ना समय से खाना ना पीना और न होना, बिल्कुल अनियमित दिनचर्या … Read more

परफेक्ट कपल – बेला पुनेवाला

 दोस्तों, आज मैं आपको नाहीं कोई कहानी सुनाऊँगी और नाहीं किसी की बात। आज आप जो पढ़नेवाले है, वो है शायद हमारे सब के जीवन की सच्चाई। जहाँ दो दिल मिलते है, प्यार करते है, एक दूसरे से उम्रभर साथ निभाने का वादा करते है, फिर ज़िंदगी शुरू होती है, ज़िम्मेदारियाँ बढ़ने लगती है, कई … Read more

पापा आप बहुत याद आते हो – अर्चना गुप्ता

जिनका हाथ पकड़ कर नींद आती थी , सोचा ना था की हालात ऐसे होंगे …..कि आख़िरी बार उनका हाथ भी ना पकड़ पाऊँगी ….. अपने जीवन में ये शर्मिंदगी मुझे हमेशा महसूस होगी…,..काश जब मैं छोटी थी तो अपने पापा से अक्सर कहा करती थी “पापा मैं थक गयी मुझे गोदी उठा लो ना … Read more

“गुस्सैल पापा” – गरिमा जैन

#पितृदिवस दरवाजे पर कॉल बेल बजती  है मम्मी : देखो बेटा पापा आ गए, दरवाजा खोलो । बेटा : जी मम्मी । पापा : इतनी गर्मी है, कितनी देर लगती है दरवाजा खोलने में! जा पानी लेकर आ । बेटा : मम्मी ,पापा पानी मांग रहे हैं, आप दे दो, मैं दूसरे रूम में जा … Read more

चिठ्ठी ना कोई संदेश – गुरविन्दर टूटेजा

#मन के भाव  नीतू का जन्मदिन था आज खुशी से फूली नही समा रही थी..सुबह से तैयारी में लग गयी थी सबको बुलाने गयी..स्कूल में टॉफ़ियाँ बाँटी..और फिर मम्मी के पीछे लग गयी कि क्या-क्या बनाओगे….केक कौन लायेगा पापा तो बुआ के घर गये थे..तो मम्मी ने कहा ताऊजी केक ले आयेंगे..वो तो ठीक है … Read more

मेरा बैकुंठ गमन – अनुज सारस्वत

आयु 70 वर्ष की हो चुकी थी मैं अपने कंप्यूटर बैठे काम कर रहा था अपने सीक्रेट प्रोजेक्ट पर ,पीछे से धर्म पत्नी ने आवाज लगाई “अरे कहां हो फिर बैठ गए कंप्यूटर पर आपको चैन नहीं है इस उम्र में भी साॅफ्टवेयर इंजीनियर का कीड़ा अब भी है आपके अंदर ,कितने सॉफ्टवेयर बनाओगे और … Read more

बुरे फंसे – प्रीती सक्सेना

बात बहुत पुरानी है,  san 84 की , हम नई नई शादी के बाद इन्दौर, पतिदेव की पोस्टिंग पर आए, कुछ दिन तो घर जमाने में लग गए,आखिर नई गृहस्थी, नया नया सामान, एक अलग सा अनुभव, घर की मालकिन होने का गर्व, कुछ ज्यादा ही समझदारी का गुरुर सा होने लगा हमें।   अब पतिदेव … Read more

 दावानल – राहुल वालिया

दोपहर: लंबी उड़ान के पश्चात केचन कौए ने तनिक विश्राम करने की सोची। घने बरगद के पेड़ का कोई विकल्प न दिखा तो उसकी मोटी टहनी को क्षणिक आश्रय बना लिया। चोंच में दबाये रोटी के टुकड़े को पंजे से जकड़ा और आँखें मूंदने का प्रयास करने लगा। तभी एक चिर-परिचित गंध ने सुषुप्त केचन … Read more

डायन –  मुकुन्द लाल

वृद्धा शनिचरी जंगलों से घिरे एक गांव में रहती थी। उसका निवास मिट्टी के बने हुए एक छोटे से घर में था। उसको अक्सर लोग डायन कहकर ही पुकारते थे।  वह जब भी गांव में निकलती लोग अपने घरों के दरवाजों और खिड़कियों को फटाफट बंद कर देते थे। गली में खेल रहे बच्चों को … Read more

अक्सर होता वही है, जो ईश्वर चाहता हैं!! – मनीषा भरतीया

आज सुबह से ही शीला बहुत खुश थी क्योंकि पूरे 2 साल बाद उसके पति पंकज घूमने जाने का प्रोग्राम बना रहे थे….. आज से पूरे 2 महीने बाद जाने का प्रोग्राम तय हुआ था पंकज ने कहा था कि वह आज शाम ऑफिस से आकर  फ्लाइट की टिकट और होटल बुकिंग करेगा और साथ … Read more

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