परफेक्ट कपल – बेला पुनेवाला

 दोस्तों, आज मैं आपको नाहीं कोई कहानी सुनाऊँगी और नाहीं किसी की बात। आज आप जो पढ़नेवाले है, वो है शायद हमारे सब के जीवन की सच्चाई। जहाँ दो दिल मिलते है, प्यार करते है, एक दूसरे से उम्रभर साथ निभाने का वादा करते है, फिर ज़िंदगी शुरू होती है, ज़िम्मेदारियाँ बढ़ने लगती है, कई रिश्तें प्यार के बलबूते पे टिक जाते है, तो कई रिश्तें टूट के बिखर भी जाते है। कोई ये ज़िंदगी की बाज़ी जीत जाता है, तो कोई हालत के हाथों मजबूर होकर हार जाता है।

      तो बात है, प्यार, रिश्तें, ज़िम्मेदारियाँ, शिक़ायत या समझोेते की। अगर आप किसी से प्यार करते है, तो उसके साथ एक रिश्ता जोड़ लेते है, रिश्ता जोड़ने के बाद ज़िम्मेदारी उठानी पड़ेगी, अगर ज़िम्मेदारी ली है, तो शिकायत ना करो, या फिर ज़िंदगी और रिश्तों के साथ समझोता कर लो। तो फ़िर ज़िंदगी आसान लगने लगेगी।

       प्यार के बारे में अगर कहूँ, तो हर लड़का और लड़की  शादी से पहले एक ही पूरी से भेल खाना, एक ही कोन से आइस क्रीम खाना, एक स्ट्रॉ से नारियल पानी पीते पीते प्रेम करना, एक साथ मूवी देखना, एक दूसरे का इंतज़ार करना, एक दूसरे की पसंद के कपड़े पहनना, एकदूसरे को गिफ्ट देना, प्यार की बातें करना, कभी रूठना, कभी मनाना, कभी इकरार, कभी इन्कार, एक दूसरे की परवाह करना, एकदूसरे के प्यार में मर-मिटने की बातें करना, एकदूसरे के प्यार में खोए  रहना, इसे ही प्यार समझ लेते है और सोचते है, की ज़िंदगी इसी प्यार के सहारे कट जाएगी, ना कोई परेशानी और नाही कोई ज़िम्मेदारी। मगर असल ज़िंदगी शादी के बाद ही शुरू होती है। जैसे कि

          शादी के बाद लड़का अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाता है, सुबह जल्दी उठ कर दूध लेने जाना, बच्चो को स्कूल छोड़ना, कभी कभी शॉपिंग पे साथ जाना, बच्चो को पढ़ाना, रोज़ सुबह से लेकर शाम तक ट्रैन, ऑफिस, बैंक जाकर सब काम अच्छे से निपटाना, lic, mutual fund, f.d, medicaliam, इन सब मैं कहाँ पैसे इन्वेस्ट करने है, कहाँ कितने खर्च करने है, इन सब का ख्याल ऱखना, शाम को आते वक़्त अगर बीवी का फ़ोन आ जाए की कुछ सामन घर का लाना है और बच्चो की बुक्स भी लानी है, माँ-बाबा की दवाई भी लानी है, तो वो भी ला देते है, वेकेशन में फॅमिली के साथ वक़्त बिताने के लिए घूमने जाने की प्लानिंग करना, हर sunday भी मूवी, फ्रेंड्स या होटल में जाना, घर के हर एक की छोटी से छोटी चीज़ का ख्याल ऱखना, उनकी ज़रूरते पूरी करना, और ये सब बड़े प्यार से अपना फ़र्ज़ समज़कर करते जाना, और किसी बात को लेकर परेशान ना होना, घर में रात को बीवी के साथ पुरे दिन में क्या किया, और कल क्या करेंगे, इसकी प्लानिंग करना, फ़िर अपनी बीवी को प्यार करते-करते सो जाना। ऐसे ही अगर लड़का परिवार के साथ ज़िंदगी को बोझ ना समझकर प्यार से पूरी ज़िंदगी गुज़ार दे, तो ” hats off that men.”


   अब बात करू, तो लड़की जो रोज़ सुबह जल्दी उठना, चाय-नास्ता करना, बच्चो का टिफ़िन बनाना, बच्चो को स्कूल भेजना, कामवाली बाई का इंतज़ार करना, और अगर किसी दिन कामवाली बाई ना आए तो घर का सारा काम ख़ुद ही करना, घर में गेहू, जवार, राइ, हींग, मेथी, सब्जी का हिसाब रखना, साथ में लाइट बिल, गैस बिल, बच्चो की फीस, माँ -पापा की दवाई, बाई का पगार,  इन सब का भी हिसाब करना, दूधवाले का, पेपर वाला, लॉण्ड्रीवाला, फूलवाला इन सब का भी वक़्त संभालना,  साथ में हर महीने घर की साफ सफाई वक़्त पे करना, रोज़ सुबह सब का टिफ़िन तैयार करना, याद करके सब को टिफ़िन देना, टिफ़िन लेकर घर से निकलकर बस, ऑटो या ट्रैन का इंतज़ार करना, धक्के खाते-खाते  ऑफिस पहोंचना, अगर कभी ऑफिस पहोंचने में देर हो जाए, तो ऑफिस में बॉस की दांत भी सुनना, ऑफिस का काम निपटाके शाम को वापिस वही ट्रैन, बस, मार्किट, सब्जीवाला…    घर जाकर फिर से शाम का खाना बनाना, सब के कपडे सही से अपनी जगह लगाना और रात को सोते वक़्त फिर से बिस्तर लगाना और फिर से दूसरे दिन के बारे में सोचना, ये सब करने के बाद भी लड़ना नहीं और ऊपर से प्रेम करना…. ” hats off to that couple “

    तो दोस्तों, इन्हीं  सब ज़िम्मेदारीयों और परेशानीयों के साथ एक दूसरे से बिना किसी शिक़ायत के साथ रहना, वही कहलाते है, सर्वोत्तम दंपत्ति।

                     ” PERFECT COUPLE “

                     ” इसी का नाम है ज़िंदगी। “

                     ” यही है जीवन की सच्चाई। ” 

 

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