मुँह मोड़ना – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

हीरा व्यापारी प्रताप नारायण पहली पत्नी के एक दस वर्षीय पुत्र राधे को छोड़ देहान्त के उपरांत, दूसरा विवाह कर लेते हैं।उनको दूसरी पत्नी से दो जुड़वां पुत्र होते हैं। धीरे धीरे उनकी संतानें बढ़ने लगती हैं । नई पत्नी प्रेमा अपने पुत्रों से तो खूब लाड़ प्यार व राधे से सारे घर बाहर के … Read more

 संयुक्त परिवार – खुशी : Moral Stories in Hindi

निशि एक 20 साल की लड़की थी जिसके लिए लड़के देखे जा रहे थे।परिवार में बड़ी बहन बबीता जिसकी शादी हो चुकी थी बड़ा भाई अमर जो पहले बहन की शादी कर अपनी शादी के बारे में सोचना चाह रहा था मां सीता देवी और पिता नारायण जी थे जो रेलवे में अकाउंटेंट थे।रिटायर हो … Read more

 “नमक मिर्च लगाना” – रजनी रियाल : Moral Stories in Hindi

गाँव की गलियों में मीरा की बातें हमेशा चलती थीं। कभी उसके नई साड़ी की चर्चा, तो कभी उसके पति के शहर से आए पैसे की। पर असली मज़ा तब आता, जब मोहल्ले की औरतें चौपाल पर जुटतीं और मीरा के पीछे नमक मिर्च लगाकर कहानियाँ बनातीं। एक दिन मीरा ने अपनी बेटी की पढ़ाई … Read more

 मेरी आत्मा को दुःख देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

सांवला रंग और दोहरे हाड़ काठ की प्रमिला काकी जब तन कर चलती तो लोगों को उनके स्त्री कम पुरूष होने का आभास अधिक हुआ करता… तीन बेटियां और दो बेटे होने के दंभ के साथ वो जब रास्ते में निकलती तो… अनायास हीं मुहल्ले की स्त्रियां ईर्ष्या से भर उठती… प्रमिला काकी की बेटियां … Read more

 आत्मबल – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

पढ़ाई में अव्वल रहने वाला अनन्य घर मोहल्ले स्कूल रिश्तेदारी हर जगह सबकी आंखों का तारा था। माता पिता अपने बेटे में अपना सुनहरा भविष्य देख कर निहाल हो जाते थे।स्कूल के शिक्षक ऐसे मेधावी छात्र में भावी उच्च प्रशासनिक अधिकारी की छवि देख  गर्वित हो जाते थे।हर जगह अनन्य का डंका बजता था। किस्मत … Read more

 मां बनना सरल नहीं होता… – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अपनी पहचान खो कर एक नव सृजन करना पड़ता है… प्रसव गृह की पीड़ा को केवल एक मां हीं समझ सकती है…. प्रसव गृह में चार नर्सें और दो लेडिज जूनियर डाक्टर और एक महिला सर्जन लगातार प्रसूता स्त्री का हौसला बढ़ाए जा रही थीं। वाह बहुत अच्छा…  थोड़ी सी और हिम्मत दिखा दो बस…  … Read more

 बाप से मुंह मोड़ लिया बच्चों ने – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज बद्रीनाथ जी की मृत्यु हो गई थी। बड़ा ही कष्टकारी जीवन था उनका। वहां मौजूद हर व्यक्ति कह रहा था बेचारे बद्रीनाथ जी की तो आज जिंदगी सुधर गई।हर वक्त भगवान को कोसते रहते थे कि सबको तो बुलाते हो अपने पास मुझे कब बुलाओगे, कबतक ये अंधकार मय जीवन जीता रहूंगा। भरा-पूरा परिवार … Read more

 मुझे अलग रहना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“हम फ्रिज का पानी नहीं पीते… हमारे यहां तो अभी भी मटका ही चलता है… जैसे फ्रिज में बोतल भर कर डालती हो… वैसे ही मटके में पानी भर दो… दो मटके हैं… दोनों भर कर रख देना…!”  पूरा दिन तो बस मटके भरने में ही निकल जा रहा था… ऊपर से खाना, बर्तन, घर … Read more

 “आत्मा की पुकार” – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

संध्या की हल्की धूप आंगन में बिखरी थी। पुरानी हवेली के झरोखों से रोशनी छन-छनकर भीतर आ रही थी, जैसे समय खुद थम गया हो। उसी हवेली के एक कोने में बैठी थी शांत, गम्भीर और अपने ही ख्यालों में डूबी हुई सरोजनी… वो कभी इस हवेली की रानी थी, मन से भी और प्रेम … Read more

 नारी वस्तु नहीं होती – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

सुलोचना ताई सोच लो बेटी तो चली हीं गई अब कहीं ये दुधमुंही पोती भी !!!!  तुम इसको भी???  आंखों में बेशर्मी और लहजे में हरामीपन लिए गुड्डी का ज्येष्ठ जब सुलोचना ताई से बोला तो सुलोचना ने झट से पोती को सीने से लगा लिया। गुड्डी का ज्येष्ठ होंठों पर कलुषित मुस्कान लिए आगे … Read more

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