मौन स्वीकृति… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”रितु उसे गोद ले ले बेटा… देख तो कब से रोए जा रहा है… तुम्हारी भाभी अंजना किचन में है ना…!” रितु ने आशु को उठाकर गोद में ले लिया… कल फिर आशु के पैर के पास चीटियों की लाइन चली जा रही थी…  कनक लता जी ने देखा तो चिल्ला पड़ीं…” रितु बाबू को … Read more

पत्नी से बहू तक का सफर – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

शालिनी के हाथ की थाली का , आरती का जलता दिया ,आंखों की अश्रु बूंद से धुंधला हो रहा था। घर में रौनक भरी हँसी-ठिठोली गूंज रही थी, आज छोटे बेटे अर्जन की दुल्हन ब्याह कर आ रही थी। हर चेहरे से खुशी छलक रही थी, पर शालिनी का मन भीतर  सिसक रहा था। उसका … Read more

मन की गांठे खुल जायेगी – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

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मै रायपुर नहीं जाऊंगी, आपको जाना है तो आप चले जाओं, वैसे भी उस घर में कोई इज्जत और मान-सम्मान तो मिलता नहीं है, आपकी मम्मी है, आपका भाई है आपको जाना हो तो चले जाओं, निधि ने एक सांस में ही सब कह दिया, जतिन ने ज्यादा बहस नहीं की, क्योंकि उसे भी पता … Read more

“मन की गाँठ – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

“मेरी रचना मन की गाँठ में पांच पात्र हैं जिनके मन की गाँठ खुल नहीं रही ।आगे देखते हैं क्या होता है ।इस कहानी में राघव जी उनकी पत्नी सीमा,उनका बेटा विनय उसकी पत्नी विभा और एक शादी शुदा बेटी रीना है ।पहले राघव जी की सुनते हैं—मेरा बेटा विनय बहुत अच्छा और आज्ञाकारी है।मैं … Read more

समझदार सास और बहू – पूनम अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राम राम जिज्जी, आओ , बड़े समय के बाद आना हुआ । आप पहले से बता देतीं तो मैं बड़के बिटवा को स्टेशन आपको लेने भेज देती  , अपनी बड़ी बहन को आया देख कर रामकली बोली ।  अरे बहू सुषमा , तनिक एक गिलास पानी तो ला बेटा , देखियो तुम्हारी रामपुर वाली  बड़ी … Read more

बस इतना सा ख्वाब है – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दीपा और रागिनी बचपन की मित्र हैं और संयोग से दोनों की शादी भी एक ही शहर में हो गई । समान शौक , बचपन की दोस्ती और एक ही शहर में रहते अब भी इनकी प्रगाढ़ दोस्ती में कोई अंतर नहीं पड़ा है। एक दिन अचानक ही रागिनी ने दीपा को फोन किया और … Read more

मां का संघर्ष – मृणाल सिंह : Moral Stories in Hindi

सुनंदा विवाह के बाद ससुराल आई तो पाया कि पति का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है आत्मविश्वास से। हीं नहीं है व्यापार का सारा काम करने के बाद कमाईं भाभी भाई के पास जमा हो जाती निर्णय भी घर में उनका हीं चलता था। उनके बेटे बाहर हास्टल में पढ़ रहे थे। सम्पन्न घर था … Read more

पट्टी पढ़ाना – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अभय और सूरज बहुत अच्छे मित्र थे और पढ़ाई में भी अच्छे थे। जहां अभय का दिमाग बहुत तेज था वहीं सूरज बहुत ही मेहनती छात्र था। सूरज दिल का बहुत साफ लेकिन अभय के मन में जलन की भावना हमेशा रहती थी कि,” मेरा दिमाग इतना अच्छा है कि एक बार कुछ भी पढ़ … Read more

बांझ – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

आज फिर सुबह सुबह सुखबसिया कांख में कुछ दबाकर दरवाजे पर आई…  काकी ने मजाक किया कि,, क्या सुखबसिया!! कांख में क्या दबाई हो जरा मुझे भी तो दिखा.. सुखबसिया शरमाते हुए बोली- हटो न काकी तुम तो हमेशा मजाक हीं करती रहती हो..  ये आंवला तेल है जो मैं दुकान से ले कर आई … Read more

पट्टी पढ़ाना – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

रमा जी के छोटे बेटे का विवाह हाल ही में बहुत घूमघाम से सम्पन्न हुआ। छोटी बहु रागिनी सँस्कारी रिश्तों को महत्व देती बड़ी ही नेक दिल सीधी-सादी इंसान। उसकी माँ ने उसे सदा ही मिलजुल रहने सबका आदर सम्मान करने की शिक्षा दी थी वो उसी का पालन कर रही । रमा देवी को … Read more

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