इज़्ज़त किसकी – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 “तू निकल यहाँ से! हमारे पास नहीं है तुझे खिलाने के लिए फालतू पैसे! काम का न काज का दुश्मन अनाज का। तेरी पढ़ाई-लिखाई पर इतना खर्चा किया। सोचा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद तू नौकरी करेगा तो कुछ घर में सहारा लगेगा पर नहीं जी, इन्हें तो दिवास्वप्न देखने से ही फ़ुर्सत नहीं … Read more

 इज्जत का बाज़ार – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

मेट्रो शहर की चकाचौंध में “स्टार र्लाइट टावर्स अमीरी का प्रतीक था। बिल्डर विशाल मल्होत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की, “यह टावर समाज के ‘एलीट’ को समर्पित है! ” कैमरों की फ्लैश लाइट्स के बीच उसके चेहरे पर अकड़ थी। उधर, सोसाइटी के पिछवाड़े बसे झुग्गी-झोपड़ी में रोशनी बच्चों को पढ़ाती थीं। जब एक … Read more

 इसका क्या दोष? – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

“मां,अब मैं इस औरत के साथ एक दिन भी नहीं रह सकता।मैं दूसरे घर में शिफ्ट हो रहा हूं आज ही।पापा से नहीं कह पाऊंगा मैं।तुम बता देना,जब बाजार से आएं।उनसे पूछ लेना कि अपने बेटे के साथ रहेंगे या इस घर में।मेरी तकदीर ही फूटी निकली।मेरी वजह से तुम लोगों को भी जाते जी … Read more

 इज्ज़त – खुशी : Moral Stories in Hindi

रीना और राजीव रामदयाल जी की संतान थे।उनकी पत्नी शीला का निधन हो गया तो उन्होंने अपने दोनों बच्चों को फूल की तरह पाला। रामदयाल जी की कपड़ों की बहुत बड़ी फैक्ट्री थी।राजीव ने बीकॉम किया और पिता का कारोबार संभाल लिया।रीना का भी बीए पूरा होते ही उसके लिए लड़का देखा जाने लगा।रीना के … Read more

 खुबसूरत सोच – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

वैसे तो माँ – बाप के बाद ये बहनों का ही रिश्ता इतना पवित्र और निःस्वार्थ होता है कि कोई शक या लांछन की गुंजाइश न हो । उन दोनों बहनों का रिश्ता अच्छा भी  और मजबूत भी था । निष्ठा बड़ी और आस्था छोटी थी । जब निष्ठा के लिए लड़के देखने की शुरुआत … Read more

 एक थाली खिचड़ी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

वो प्रायश्चित करना चाहता है उस गलती के लिए जो उससे अनजाने में हुई है । वैसे तो कहते हैं अनजाने में हुई गलती को भगवान भी माफ कर देते है पर क्या खुद का जमीर माफ करता है जी हाँ कुछ गलतियां ऐसी होती है जिन्हें शायद भगवान माफ कर दे पर अपना जमीर … Read more

 गलती – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 दूसरों की गलती निकालना और उस गलती की भरपाई या सुधार के लिये उसे बाध्य करना इंसान की फितरत होती है।मालती का स्वभाव भी कुछ ऐसा ही था।ठेले पर चुन-चुनकर फल- सब्ज़ियाँ खरीदना और बेचने वालों से मोल-भाव कराने में उसे बहुत आनंद आता था।खुद चाहे फ़्रीज़ में दस दिन तक पालक सड़ाकर फेंक दे … Read more

 ज़माने की खबर हमें भी है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

” साक्षी बेटी..जल्दी-से तैयार हो जा…, कल तूने जिस लड़के की प्रोफ़ाइल देखकर मुझे नंबर दिया था ना..उससे मैंने बात की..वो लोग तैयार हैं…मैंने उन्हें तीन बजे इंपीरियल होटल में आने को कह दिया है..होटल में भी फ़ोन करके टेबल भी बुक कर दिया है..अब तू देर मत कर…।” कहते हुए मनोरमा बहुत उत्साहित थी। … Read more

 मेरी लक्ष्मी है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

” हाय राम! फिर से बेटी…मेरी तो#तकदीर फूट गई…।” कहते हुए गिरिजा जी ने अपने दोनों हाथों से माथा पकड़ लिया और धम्म..से सोफ़े पर बैठते हुए बड़बड़ाई, न जाने मैंने कौन-सा पाप किया था जो… विवाह के पाँच बरस बाद भी जब गिरिजा जी की गोद सूनी ही रही तब उनके पति बोले,” शायद … Read more

 तमाचा – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

चितरंजन जी अपने साथ लाए  तोहफों के साथ बेटी के ससुराल में बाहर के अतिथि कक्ष में अपने समधी का इंतज़ार कर रहे थे।यहां आए हुए उन्हें लगभग आधा घंटा हो चुका था। दिवाली के त्यौहार के उपलक्ष्य में वह बेटी के घर मिठाई और उपहार लेकर आए थे।इस आधे घंटे में नौकर उनके लिए … Read more

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