समझौता अब नहीं – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi
गर्मी की एक धुंधली सी शाम थी, जब सूरज ने अपनी आखिरी किरणों से धरती को जलाया था। गांव के दूर-दराज खेतों में हलवाहे काम कर रहे थे, और किसान अपने घर लौट रहे थे। यह एक सामान्य सा दिन था, लेकिन रामनाथ जी के घर में कुछ अलग हो रहा था। उनके जीवन में … Read more