साजन बिन कैसी बरसात – रश्मि प्रकाश

‘‘ समधन जी, हमारे यहां शादी के बाद बेटी का पहला सावन पीहर में ही रहने का रिवाज है….आपको एतराज ना हो तो बेटी दामाद को कुछ दिनों के लिए हमारे पास भेज दीजिए?….आप इजाजत दे तो मैं यश को राशि और निकुंज जी को लेने भेज दूंगी !” राशि की माँ ने उसकी सास से पूछा

‘‘ अरे हां समधन जी, वो दोनों आपके ही बच्चे हैं …..बुला लीजिए पर देखिएगा ….ज्यादा दिन हमारी बहू को ना रोक लीजिएगा।‘‘हंसी में बात कहते हुए राशि की सास ने बहू को मायके जाने की आज्ञा दे दी

राशि की सास ने उसे बता दिया कि ‘‘दो दिन बाद उसका भाई आ रहा है पीहर जाने की तैयारी कर लो।‘‘

राशि जल्दी जल्दी घर के काम निपटा कर अपनी और निकुंज की पैकिंग करने लगी।

शाम को जब ऑफिस से निकुंज आया तो उसने बंद अटैची देख पूछा,‘‘ ये कहा जाने की तैयारी कर ली?‘‘

‘‘ आपको नहीं पता लड़की का पहला सावन मायके में बीतता?‘‘राशि ने पूछा

‘‘ हाँ पर तुमने इतनी पैकिंग कर ली जैसे कितने दिनों के लिए जाने वाली हो?‘‘ निकुंज आश्चर्य से बोला

‘‘ हाँ तो अब राखी के बाद ही आउंगी ना।‘‘ कहकर राशि निकुंज के लिए चाय लाने चली गईं

‘‘ यार ये बहुत दिन हो जाएंगे? तुम जल्दी नहीं आ सकती क्या?‘‘निकुंज उदास होकर पूछा

‘‘ आप भी तो साथ चलेंगे फिर दूर कहां रहेंगे? निकुंज मुझे बारिश बहुत पसंद, मैं तो मम्मी के साथ लॉन में खूब भींगती हूं और झूले पर बैठकर बारिश के गाने सुनना मुझे बहुत पसंद…. आपको पता है मैं ना हमेशा सोचती थी शादी के बाद फिल्मों के जैसे पति के साथ बारिश में भीगने के मजे लूंगी….अब जाकर ये सपना पूरा होगा ।”कहते हुए राशि कुर्सी पर बैठे निकुंज के गले में पीछे से बाँहे डाल कर उसपर झुक कर प्यार जताने लगी।



‘‘ मुझे तो बिल्कुल छुट्टी नहीं है राशि, ऑफिस में बहुत काम है। मैं शनिवार रविवार की छुट्टी में आ सकता हूं पर इतने दिन साथ रहना मुश्किल होगा।‘‘ कहकर निकुंज चाय पीने लगा

राशि का चेहरा ये सुन कर उतर गया।

रात में खाने के बाद राशि टीवी ऑन की….सामने रोटी ,कपड़ा और मकान फिल्म का गाना चल रहा था….अरे हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी.. तेरी दो टकियाँ दी नौकरी वे मेरा लाखों का सावन जाये।…

राशि धीमे से बोली ,‘‘ बिल्कुल मेरे सावन की तरह”और कहकर टीवी बंदकर के सो गई।

दो दिन बाद भाई आ कर राशि और निकुंज को ले गया।

निकुंज दो दिन रह कर चला गया….अगले शनिवार को आने का वादा कर। राशि का मन निकुंज के बिना बिल्कुल भी नहीं लग रहा था।

एक दिन बहुत बारिश हो रही थी, राशि उदास मन से बाहर देख रही थी।

‘‘ चल बेटा बारिश का मजा लेते हैं, ये बारिश भी आजकल जम कर कहां बरसते हैं।‘‘ राशि की माँ ने कहा

‘‘ नहीं माँ मेरा बिल्कुल मन नहीं कर रहा, फिर कभी बारिश होगी तो मजे लूंगी….आप जाओ, मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।‘‘ कहकर राशि रसोई में चली गईं

अचानक उसे यश की आवाज सुनाई दी,‘‘ दीदी दो चाय और बना देना, पापा भी आने वाले और उनके साथ कोई पहचान वाले भी हैं।‘‘

राशि बेमन से चाय बनाने लगी और सोचने लगी कितना अच्छा होता ‘‘निकुंज साथ होते, ये नौकरी भी ना सारा सावन बर्बाद करवा देगी….. ये बारिश भी कौन सा बोल कर शनिवार रविवार को ही आयेंगी।‘‘

वो चाय बना कर माँ को चाय देकर …फिर बैठक में चाय देने गई।

“पापा चाय ”कहकर वो जैसे ही बैठक में आई सामने निकुंज बैठा मुस्कुरा रहा था।

वो खुद को एक झटका देकर फिर सामने देखी फिर निकुंज नजर आया।

‘‘ क्या हुआ दीदी?‘‘ यश ने पूछा



‘‘ कुछ नहीं मुझे निकुंज क्यों दिखाई दे रहा बार बार..?”कहती हुई राशि उधर से जाने लगी

‘‘ अरे मैं ही हूं, देखो आ गया तुम्हारे साथ पहली बारिश के मजे लेने।‘‘ निकुंज जाती हुई राशि का हाथ पकड़ उसे रोकता हुए बोला

‘‘ पर तुम तो शनिवार…. ‘‘ कहकर राशि आश्चर्य से निकुंज को देखने लगी

‘‘ क्या करूं कल से लग रहा था बारिश होगी, फिर मुझे तुम्हारा डॉयलॉग याद आ गया ‘‘ तेरी दो टकियॉं दी नौकरी वे लाखों का सावन जाए… तो मोहतरमा बीबी के लाखों की खुशी के लिए दो टके की नौकरी से छुट्टी लेकर मिलने आ गया।‘‘ चलो सब बारिश के मजे लेते है कहकर निकुंज राशि और यश के साथ लॉन में भीगने चल दिए।

राशि सच में खुशी के मारे चहक उठी और फिल्मों के सारे पोज देकर फोटो लेने के लिए यश को परेशान करती रही।

मम्मी पापा बेटी की खुशी देख चुपचाप उधर से निकल गए। जवाई के स्वागत में अच्छा खाना जो बनाना था।

“आज तो मेरा दिल कर रहा है ये गीत गाऊँ… बरसात में जब आएगा सावन का महीना साजन को बना लूँगी अंगूठी का नगीना….” कह राशि बरसात के मौसम का मज़ा आपने साजन के साथ जम कर लेने लगी और बरसात भी आज कहाँ थमने वाली थी… दो दिल जो मिल रहे थे बरसात में उसे तो जम कर बरसना ही था।

 

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#बरसात

धन्यवाद

रश्मि प्रकाश

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