संस्कार अपना अपना -मुकेश कुमार

एक परिवार में 4 देवरानी जेठानी रहती थी । शादी के 15 साल हो गए थे लेकिन अभी भी सबसे बड़ी जेठानी को कोई बच्चा नहीं हुआ था। उस से छोटी तीन देवरानियों के बेटे स्कूल में पढ़ने लगे थे वह भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में क्योंकि तीनों देवर सरकारी नौकरी करते थे। बड़ी जेठानी … Read more

एहसास के परिंदे उड़ चले -मुकेश कुमार

रमन और प्रिया की हाल ही में शादी हुई थी और वह दोनों मालदीव में हनीमून मनाने के लिए गए हुए थे  वहां एक सप्ताह बिताकर अब अपने घर लौट आए  थे।  अगली सुबह प्रिया किचन में नाश्ता तैयार करने के लिए गई लेकिन रमन की भाभी ने प्रिया से  कहा, “मेरी प्यारी देवरानी अपनी … Read more

सम्बंध – डा. अशोकालरा

वह फुटपाथ पर बैठ कर अखबार और कागज़ के लिफ़ाफ़े बेचता था। होगा कोई तेरह-चौदह साल का सहज सरल व्यवहार का बालक। जाने क्यों उधर से आते-जाते, अखबार लेते, मैं उससे लगाव महसूस करने लगा। शाम को कुछ देर उसके पास बैठ कर, खबरें पढ़ता और कभी-कभी बिना जरूरत के ही उससे लिफ़ाफ़े भी खरीद … Read more

कभी नीम नीम कभी शहद शहद

शांति के  जन्म होते ही उसकी मां स्वर्ग सिधार गई शांति का  लालन पालन की जिम्मेदारी उसकी दादी ने उठाया।  लेकिन दादी भी कब तक इतनी छोटी बच्ची को पाल सकती थी आखिर में फैसला यह किया गया शांति के  पापा की शादी उसकी छोटी मौसी से कर दिया जाए।  अगले साल ही शांति की … Read more

रिश्तो की पहचान – मुकेश कुमार

आकृति और समीर नोएडा के एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे दोनों कंपनी में एक दूसरे के अगल-बगल ही बैठते थे इसीलिए उन दोनों में दोस्ती हो गई और यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई। 1 दिन लंच के समय समीर और आकृति बैठकर लंच कर रहे थे तभी आकृति ने कहा … Read more

हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती

राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पर पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक बारात का स्वागत किया, तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छू लिए, चौंककर जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया और कहा महाराज आप बड़े है वरपक्ष वाले है ये … Read more

दामाद बेटा तो बहू बेटी क्यों नहीं बन सकती – मुकेश कुमार

दोस्तो यह कहानी है एक मध्यम वर्गीय परिवार में रहने वाली आरती की जिसने मायके को भूलाकर ससुराल को ही अपना घर बना लिया था लेकिन ससुराल वाले उसे अपने परिवार का सदस्य मानने को तैयार ही नहीं थे उनके लिए तो घर के हर महत्वपूर्ण फैसले में बेटी और दामाद की सलाह महत्वपूर्ण थी … Read more

कुछ बंधन तोड़े से भी नहीं टूटते – मुकेश कुमार

राजू अपने दादा जी को सुपरस्टार दिलीप कुमार का अपने मोबाइल से फोटो दिखाते हुए कह रहा था, “दादा जी आप बिल्कुल इनके जैसे लगते हो।” राजू रोजाना अपने दादाजी के साथ ही मैथ पढ़ता था, जब उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता था तो वह कुछ ना कुछ बहाने कर अपने दादाजी को पटाने … Read more

नौकरी वाली देवरानी -मुकेश कुमार

कांता जी की दो बहुए थीं बड़ी बहू का नाम सरिता था और छोटी बहू का नाम मीरा था। कांता जी की दोनों बहुएं देखने में बहुत खूबसूरत थी। बड़ी बहू सरिता गांव की रहने वाली थी और सिर्फ मैट्रिक पास थी वही छोटी बहू मीरा शहर की रहने वाली थी और ग्रेजुएट थी।  छोटी … Read more

अतीत का दर्द – मुकेश पटेल

मां तो बचपन में ही गुजर  गई थी पिता का देहांत पिछले साल कोरोना महामारी में हो गया था।  आज 1 साल बाद गर्मी की छुट्टियों में शिल्पा अपने मायके आ रही थी।  भाई संतोष बहन को लेने के लिए स्टेशन पहुंच चुका था।  शिल्पा घर के अंदर प्रवेश करते ही सामने अपने मम्मी पापा … Read more

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