निर्णय (भाग 27) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

रोहित और अंजली के दो-तीन घंटे बड़ी मुश्किल से निकलते हैं ,दोनों ही भगवान को धन्यवाद देते हुए बहुत खुश नजर आ रहे हैं , जब नेहा को रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है ,तब रोहित और अंजलि उससे मिलने अंदर जाते हैं, अंजलि अंदर उन बच्चों को देखकर खुशी के मारे पागल हो जाती है ,दोनों बच्चों को एकटक देखती रह जाती है । रोहित भी खुश होता है लेकिन वह नेहा को देखता है ,वह शायद उसे ठीक नहीं लग रही थी ,और नेहा लेटे हुए केवल मुस्कुरा रही थी ,और बड़ी मुश्किल से अंजलि कोबधाई हो दीदी इतना कह पाती है, अंजलि यह सुनकर उसके माथे को चूम लेती है और कहती है नेहा तुम्हारा यह एहसान मैं कभी नहीं भूलूंगी।

नेहा और अंजलि को वहीं छोड़कर रोहित सरिता के पास आता है ,और  कहता है की सरिता नेहा तो बहुत ज्यादा वीक लग रही है, उससे तो शायद बोलते भी नहीं बन रहा ।

सरिता रोहित सेकहती है , हा वीक तो हो गई है , दो बच्चे को जन्म दिया है वह भी नॉर्मल ,घबराओ नहीं रोहित कुछ समय की देखभाल से वह बिल्कुल ठीक हो जाएगी ।

पर रोहित के चेहरे से चिंता की लकीरें नहीं जाती ।

नर्स अंजलि को बच्चों को हाथ नहीं लगाने देती , बहुत खुश हो रही थी दूर से बच्चों को देख देख कर । अचानक से अंजलि को रोजी की याद आती है, कि वह काफी समय से उससे नहीं मिली, और शायद वह अंजलि नेहा की आंखों में रोजी के लिए एक उत्सुकता देख रही थी , नेहा से अभी आई कहकर अंजलि बाहर निकल जाती है ।

रोहित को आता देखकर वह रोहित से कहती है मैं अभी आती हूं आप नेहा के पास बैठना ।

रोहित आवाज देकर पूछता ही रह जाता है, इतनी जल्दी में कहां जा रही हो । पर अंजलि घबराती हुई सी चली जाती है ।

रोहित नेहा के पास जाकर उसकी सर पर हाथ रखकर उसे एहसास दिलाता है सब कुछ ठीक होगा और वह अकेली नहीं है। रोहित के हाथों का स्पर्श पाकर नेहा धीरे से अपनी आंखें खोलती है , पर कुछ कहती नहीं है । रोहित नेहा की आंखों में कुछ अजीब सा डर देखता है वह नेहा से कहता है नेहा हम तुम्हारे साथ हैं तुम क्यों इतना असुरक्षित महसूस कर रही हो।

लेकिन नेहा आंखें बंद कर लेती है ,

इतने में अंजली रोजी को गोद में लेकर आती है , रोजी से कहती है , मेरी रोजी तो अब दीदी बन गई । रोजी बहुत खुश होती है देखकर , नेहा अपनी आंखें खोल कर अंजलि और रोजी को देखती है तब उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आती है । अंजलि और रोजी दोनों दूर से उन बच्चों को देखकर खुश हो रहे हैं और रोहित नेहा के चेहरे को पढ़कर खुश हो रहा है तब उसे समझ में आता है शायद रोजी को वहां ना देख कर   नेहा थोड़ी उदास थी ।

धीरे-धीरे नेहा की हालत में भी सुधार आने लगता है, और 15 दिन बाद वह लोग छुट्टीकरा  वापस फार्म हाउस पर आ जाते हैं , उन बच्चों की देखभाल के लिए दोनर्स लेकर जाते  हैं जो फुल टाइम उन बच्चों की देखभाल करें।

अब रोहित अपने घर खबर कर देता है , और बच्चों की फोटो भेजकर सबको अंजलि की डिलीवरी की खबर दे देता है । रोहित के माता पिता वहां आने के लिए बोलते हैं लेकिन रोहित कहता है कि आप कुछ समय रुक जाइए फिर आइएगा ,  वह चाहता था नेहा को कम से कम 1 महीना अच्छी तरह केयर मिल जाए ,

सभी लोग अंजली के मां बनने से बहुत खुश हैं , उन बच्चों की अंजली ही ज्यादा केयर करती थी , उन बच्चों को पाकर अंजलि की तो दुनिया ही बदल गई थी हर समय वह उन बच्चों में मगन रहती थी और रोजी का भी पूरा ख्याल रखती है। और नेहा भी उन बच्चों से बहुत ज्यादा स्नेह नहीं रखना चाहती थी।

1 महीने में नेहा में बहुत कुछ परिवर्तन आ जाता है ,और वह अंजलि से कहती है ,कि अब मुझे मेरे घर छुड़वा दीजिए अंजली नेहा को  कहती  है अचानक से क्या हुआ तुम्हें नेहा बिल्कुल जिद पकड़ लेती है ,आज ही घर जाएगी, अंजली बहुत मनाने की कोशिश करती लेकिन नेहा नहीं मानती ,

रोहित का काम काफी दिनों से डिस्टर्ब चल रहा था, इसलिए वह 2 दिन के लिए बाहर गया हुआ था । गांव से अंजलि के पास खबर आती है , की परिवार के सभी लोग यहां आ रहे हैं , अब उसके पास नेहा को उसके घर भेजने के अलावा और कोई रास्ता ही नहीं समझ आ रहा था, काम वालों का इंतजाम करके और एक खाने वाली को नेहा को क्या-क्या देना है रोजी के लिए कैसा क्या बनाना है यह सब चीजें समझा कर नेहा के साथ भेजने को तैयार कर देती है ।

नेहा के जाने के पहले वह नेहा के घर को पूरा क्लीन करवाती है ,और उसके बाद नेहा और रोज़ी को ड्राइवर से  उसके घर भिजवाने की तैयारी करती  है, और कहती है यह सब लोग जैसे ही गांव चले जाएंगे ,मैं तुम्हें वापस बुलवा लूंगी ,और खाने-पीने में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करना ,किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे कॉल करना नेहा हल्की सी मुस्कुराहट के साथ गाड़ी में बैठ जाती है।

रोजी को ढेर सारा प्यार करने के बाद अंजली की आंखें थोड़ी सी नम हो जाती है , पर इतने दिनों में नेहा रोजी को फिर समय देने लगी थी, तो रो जी अब जाते समय रोती नहीं है ,और बाय कर के अंजलि की गोद में छुप जाती है । अंजलि नेहा से कहती है इस को गोद में मत उठाना यह रजनी तुम्हारे साथ जा रही है, रोजीइसके साथ   है और यह रोजी का पूरा ख्याल रखेगी । नेहा मुस्करा कर बोली आप अपना भी ख्याल रखना ।

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