नशा अमीरी का – कुमुद मोहन

“सुनिये!आज सुबह की ट्रेन से सीमा जीजी आ रहे ही हैं उन्हें लेने मैं स्टेशन चली जाऊं?”रीमा ने अपने बिज़नेस मैन पति मुकेश जिन्हें अपने पैसे का बहुत गुमान था से पूछा?”

मुँह सिकोड़कर मुकेश ने जवाब दिया”हुंह?क्या यार तुम्हारे रिश्तेदारों को ट्रेन से चलने की बड़ी बुरी आदत है!मेरा तो ड्राइवर भी कतराता है ट्रेन के इंतजार में खड़े रहने पर!

तुम्हें वहाँ स्टेशन पर धूप खाने की जरूरत नहीं है मैं ड्राइवर भेज दूंगा !

खैर ट्रेन दो घंटा लेट थी एक तो ड्राइवर का मुँह वैसे ही बना था ऊपर से सेकेंड क्लास के डिब्बे से उतरते मैडम के बहन  को देखकर आश्चर्य में पड़ गया!बेमन से उनका सामान डिग्गी में पटक दिया!

मुकेश जी की आलीशान हवेली पर पहुंचते ही वर्दी धारी गार्ड ने बड़ा सा गेट खोला तो बहन के शानो-शौकत देखकर एक बार तो सीमा को उसकी किस्मत से रश्क होने लगा पर दूसरे पल खुशी भी हुई कि उसकी बहन को कितना अच्छा घर-वर मिला!

हवेली में घुसते ही भारी पर्दे,ईरानी कालीन देख एसी की ठंडक पा जैसे सीमा को बाहर की तपती जलती गर्मी से राहत मिली तो वह रीमा को गले लगाने लपकी कि नाक सिकोड़ते जीजा जी की आवाज सुनाई दी”कैसी पसीने में तरबतर हो रही हैं आप तो जनरल वाले डिब्बे में आई होंगी ना!भई हम तो बस हवाई जहाज या ऐ सी कार से ही सफर करते हैं कितना भी डिस्टेंस हो मिनटों में कवर हो जाता है ना थकान न पसीने का झंझट!

बस पैसा होना चाहिए जेब में”गर्व से उनकी गर्दन तन गई! “जाईये जाकर फ्रेश हो जाईये”

सीमा झिझक कर पीछे हट गई!

फाईव स्टार होटल के कमरे जैसे गेस्ट रूम में आकर सीमा दंग रह गई!

सामान खोल सीमा अपने हाथ के बने रीमा के मनपसंद बेसन के लड्डू लेकर उसके पास पहुंची तो रीमा ने फौरन एक लड्डू उठाकर मुंह तक ही पहुंचाया था कि पीछे से मुकेश बोले”हमारे यहाँ ये घर के बने लड्डू मठरी कोई नहीं खाता यहां तो फाईव स्टार होटल से बेकरी या पुडिंग्स आती हैं!रीमा यह लड्डू स्टाफ में बांट दो!


  रीमा की बेटी सना स्कूल से आई तो सीमा ने उसे अपने हाथ का बुना स्वेटर और कढाई किया ड्रेस दिया तो उसने पास बैठे अपने पापा को दिखाकर कहा “देखो पापा मौसी मेरे लिए कितना अच्छा ड्रेस लाई तभी वे नाक चढ़ाकर कर बोले”अरे साली साहिबा आपने बेकार तकल्लुफ किया हमारी तो सारी शापिंग लंदन और पेरिस से होती है हमलोग यहां के घर के बने कपड़े कहां पहनते हैं?”

आते जाते उठते बैठते मुकेश जी अपनी अमीरी और अपने ठाठ-बाट का दिखावा करते जिसे देखकर सीमा को इनफिरिओरिटी काम्प्लेक्स फील होता!

शाम को मुकेश जी के क्लब में पार्टी थी रीमा ने सीमा को भी चलने को कहा!

तभी मुकेश जी बोले रीमा अपनी बहन जी को अपनी साड़ी और ज्वेलरी पहना देना इन्हें तो पता नहीं होगा क्लब वगैरह में क्या पहना जाता है!किसी क्लब की मेंबर होना तो अफोर्ड नहीं करती होंगी ना!

और हां तुम भी जरा जोरदार दिखना मेरे विदेशी गेस्ट आ रहे हैं कांट्रेक्ट मुझे ही मिले कोशिश करना!

क्लब जाकर सीमा ने वहां का खुला माहौल देखा कैसे लेडीज और जेन्ट्स ड्रिंक्स कर सिगरेट के घुऐं के गुबार में लिप्त भद्दे मजाक कर रहे थे!मुकेश के विदेशी मेहमान रीमा से चिपक चिपक कर डांस कर रहे थे उनकी नज़र रीमा को बींध रही थी और मुकेश जान बूझकर अनजान से बन रहे थे कांट्रेक्ट जो लेना था!

पार्टी देर तक चलती,सीमा ड्राइवर के साथ हवेली लौट गई! आकर देखा रीमा का नौकर और सना की आया रंग रेलियां मनाते टीवी पर एडल्ट मूवी देख रहें हैं और सना बेचारी एक तरफ सो रही है!

सीमा को देख सना जाग गई और सीमा के गले लग कर जोर जोर से रोने लगी”मौसी मुझे भूख लगी मैं इन लोगों से खाना मांग रही हूं पर ये लोग थोडी देर में लाते हैं कहकर खाना नहीं देते!

सीमा को बहुत अफसोस हुआ कि अमीरी के नशे और पैसे के अंहकार में डूबे उसके बहन बहनोई इस छोटी बच्ची के साथ कैसा खिलवाड कर रहे हैं!सोचकर भी उसे डर लगने लगा !

सीमा ने रीमा को समझाने की कोशिश की पर कोई फायदा नहीं हुआ!

फिर कुछ दिन बाद अचानक पता चला मुकेश की पार्टियों पर अंधाधुंध खर्च करने और अय्याशीयों की आदतों को देखकर उसका मैनेजर उन्हें धोखा देता रहा जिससे उसे  बिज़नेस में भारी नुकसान हो गया!जमीन जायदाद यहां तक कि रीमा के गहने तक बेचने की नौबत आ गई! जो लोग पैसे की वजह से उसके इर्द-गिर्द मंडराते थे वही उसे देखकर कन्नी काट जाते!

मुकेश का अहंकार और अमीरी का नशा एक झटके में चूर चूर हो गया!

#अहंकार 

कुमुद मोहन 

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