मदरहुड के रिच लुक  –  कुमुद मोहन  

रमा जी फूली नहीं समा रहीं थी जब उन्हें पता चला कि उनकी बहू शीना मां बनने वाली है! पोता-पोती खिलाने का चाव उनके सिर चढ़कर बोल रहा था। जो आशीर्वाद उन्होंने बहू के गृहप्रवेश पर दिया था उसके फलने-फूलने का टाइम आ गया था।

रमा जी ने अपने इकलौते बेटे पवन की परवरिश अकेले दम पर की थी ।पवन जब दस साल का था उसके पिता रमेश बाबू एक रोड एक्सीडेंट में चल बसे थे। सरकारी मुलाजिम होने की वजह से रमा को उनकी पेंशन का हिस्सा मिलने लगा।

रमा पढ़ी लिखी थी उस को पवन के स्कूल में ही आर्ट टीचर की जाॅब मिल गई जिससे पवन की फीस में भी थोड़ा-बहुत कन्सेशन मिल गया।

रमेश बाबू की बूढ़ी विधवा मां उनके साथ ही रहती थीं,उनके रहने से पवन की पैदाइश से पहले रमा के खाने पीने उसके काम काज करने का पूरा जिम्मा रमा की सास ने उठा रखा था। पूरे नौ महीने उन्होंने रमा और बच्चे के लिए क्या अच्छा क्या गलत सबकुछ अपने तरीके से किया।

रमा ने भी उनका हर तरह से कहना मान कर वो सब किया जो उसके और होने वाले बच्चे के लिए बेहतर था।

रमा की तपस्या और उसकी सास के अनुभव के कारण पवन अच्छे संस्कारों के साथ साथ एक होनहार,कुशल इंजीनियर बन कर मुम्बई में एक बड़े सरकारी पद पर आसीन हो गया।

आज बहू के प्रेगनेंट होने का सुनते ही रमा ने भी तैयारी शुरू कर दी! झटपट गोंद-छुहारे के मेवा डले देशी धी के लड्डू,कच्चा नारियल-सेब और आंवले का मुरब्बा-मिश्री के साथ साथ घर का निकला घी और सारी चीज़ें याद कर कर जो उनकी सास ने उसे खिलाई थी अपनी केन की टोकरी में सजा कर रख लीं।

अपनी पुरानी बकसिया में से रमा ने पवन का पहला कुरता,चांदी का छोटा सा झुनझुना,चांदी के मोती और काले पोत के मोतियों का नजरबट्टू,काले धागे में पिरोया दरगाह का ताबीज सब एक थैले में बड़ी हिफाज़त से रखे मानों कोई खास खजाना हो।

रमा ने झटपट मुम्बई का रिजर्वेशन कराया और पवन को खबर कर दी।

सुबह स्टेशन से पवन का चपरासी और ड्राइवर रमा को घर ले आऐ।

पहली बार मां बनने की खुशी शीना सिर्फ पवन के साथ सेलिब्रेट करना चाहती थी इसलिए रमा के एकाएक टपक पड़ने से उसकी खुशियों में ब्रेक लग गया !अनमनी सी होकर मुंह बनाकर उसने रमा के पैर छू दिये।पवन जल्दी से मां के गले लग ऑफिस को निकल गया।



पवन का जूहू के पाॅश इलाके में फोर बी एच के का सुन्दर सा फ्लैट था।

फ्लैट का एक कमरा पवन और शीना का ,दूसरा बेबी के लिए तैयार हो रहा था जिसकी दीवारों पर नीले रंग का वाॅल पेपर ,नीले रंग के बेबी प्रिंट के पर्दे,नीला फर्नीचर सब कुछ नीला ही नीला यहाँ तक कि बाथरूम की बाल्टी,टब भी!

तीसरा कमरा बेबी की नैनी और आया के लिए रिजर्व था।जो दिन रात उसे देखेंगी।

चौथा छोटा कमरा जो शायद सर्वेंट कम स्टोर रूम था

उसमें बाकी का सामान सरका कर एक तरफ को फोल्डिंग पलंग डालकर शीना ने रमा की अटैची और टोकरी रखवा दी।

शाम को पवन के आने पर दादी बनने के एक्साइटमेंट में रमा शीना का अन्कंसर्न सा व्यवहार भूल शीना की बलाऐं लेते हुए बड़े लाड़ से गोंद और मेवे का लड्डू खिलाने लगी तो शीना तुनक कर बोली”मम्मी!हमने डायटीशियन हायर कर रखी है वह जो बताएगी वही मैं खाऊंगी,आप मेरे खाने की चिंता मत करें।ये सब जो आप लाई हैं मुझे नहीं खाना!और सारा सामान नौकरों को खिला दिया!

रमा ने देखा शीना की डायटीशियन सुबह आती दिन भर का खाने का चार्ट बना कर लगा जाती और कुक खाना बनाती रहती।

रमा का बहुत मन करता कि शीना की मनपसंद का कुछ बनाकर खिलाऐ पर  डर के मारे मन मारकर  रह जाती!

पवन के जाते ही शीना सजधजकर सहेलियों के यहाँ निकल पड़ती और जैसा तैसा लंच-वंच  खाकर लौटती।रमा ने एक दो बार टोका तो पवन ने ही मां को हिदायत दे डाली कि शीना को कोई स्ट्रेस ना दे।

शीना और पवन अक्सर लेट नाइट पार्टियों में जाते।एक दिन उनके घर की पार्टी में रमा ने देखा औरों के साथ शीना भी सिगरेट के कश ले ड्रिंक कर रही थी।



 

सुबह रमा ने समझाया इन सबका बच्चे पर गलत असर होगा तो शीना बिफर पड़ी “मम्मी आपका जमाना गया,हमें हमारा पहला मदरहुड ऐंजॉय करने दें!फिर अगर कुछ होगा भी हमने जो गायनोकोलोजिस्ट अपॉइंट कर रखी है वह संभाल लेगी ,आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।

रमा को समझ आ गया ये “रिच लुक का मदरहुड “है जो शीना समझती कि रमा जैसी अनपढ़-गंवार की समझ से बाहर है।

उसने पवन से उसे वापस भेजने को कहा और बताया कि आठवें महीने के बाद वह शीना की गोद भराई करना चाहती हैं!तो शीना ने तुरंत जवाब दिया “गोद-वोद भराई तो आऊट डेटेड है हम बेबी शावर करेंगे तो आपको बता देंगे फोटो और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आप देख लेना।

 चलते समय रमा ने बकसिया से निकला पुराना कुरता-नजर बट्टू और झुनझुना शीना को दिया कि बच्चे को कुरता पहना देना तो शीना से पहले पवन बोला “मम्मी ये कुरता पुराना है और हरे रंग का,हमने शीना की सोनोग्राफी करा रखी है! बेटा ही होगा इसलिए तो “बीफॉर बाॅय” सभी कुछ ब्लू ही ब्लू है।

शीना की मां के साथ अगले महीने हम लंदन पेरिस जा रहें हैं बेबी और शीना की प्री एंड आफ्टर प्रेग्नेंसी शापिंग करने।

इसलिए आप प्लीज बच्चे के लिए घर के सिले बुने कपड़े मत बनाने लगना।शीना ने तय कर रखा है कि वो शूरू से ही बच्चे को ब्रांडेड कपड़े ही पहनाऐगी।”

अपनें सीधे सादे बेटे के मुँह से रिच लुक वाले शब्द सुनकर रमा सोचने लगीं कहां उसकी परवरिश में कमी रह गई कैसे पैसों की चमक दमक के आगे उनकी ममता हार गई। दादी बन पोते को गोद में खिलाने का अरमान लिए वे भारी मन से अपने घर लौट गईं!यह सोचकर कि बहू-बेटे के मदरहुड के रिच लुक में उसकी कोई जगह नहीं!

 

दोस्तो!

आजकल जहां शादी-ब्याह-हल्दी-मेंहदी –तीज-करवा चौथ सबकुछ फैशन हो गया है

वहीं अगर मां बनना भी फैशन की दौड़ में शामिल हो जाए तो क्या आश्चर्य?क्योंकि ये दिन बार बार थोड़े ही आते हैं।

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