मेरी भाभी शेरनी है” – सुधा जैन

शीर्षक सुनकर पढ़कर चौंकिए मत “मेरी भाभी शेरनी है” से मेरा आशय यह है कि मेरी भाभी श्रेया बहुत बहादुर ,आत्मनिर्भर ,

आत्मविश्वास से परिपूर्ण नए जमाने की भाभी है। मेरे शुभम भैया की पसंद.. उनकी हमसफर ..कदम कदम पर साथ देने वाली ..मेरे भैया को आगे बढ़ाने वाली… मेरे बारे में सही राय देने वाली मेरी प्रिय भाभी है। मेरी भाभी और मेरा संबंध ननंद भाभी का नहीं.. बल्कि दो सहेलियों जैसा है। मैं एक ननंद होने के बाद भी ना उनसे कोई आशा रखती हूं.. ना ही कोई आर्डर देती हूं ..और एक भाभी होने के बाद भी वह कोई पारंपरिक भाभी नहीं है कि मुझे अच्छा खाना बनाकर खिलाएं… मेरी मान मनुहार करें.. मुझे दीदी

दीदी.. करके बोले.. पर मेरी भाभी फिर भी मेरी प्रेरणा की स्त्रोत है ।

मेरी भाभी ने निफ्ट कॉलेज दिल्ली से एमबीए फैशन डिजाइनिंग में किया। उनकी सोच जमाने से कुछ अलग है। बेंगलुरु में जॉब करते हुए वह मेरे भैया से मिली ..और मेरे भैया के सहज, सरल, प्रतिभाशाली ,ईमानदार व्यक्तित्व ने उनको प्रभावित किया और वह मेरे भैया की जीवनसंगिनी बन गई।  फिलहाल वे मिंत्रा कंपनी में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर हैं। बहुत प्रगतिशील विचारों से काम करती हैं ..उन्हें फालतू की बातों से कोई लेना देना नहीं है.. वह सोचती हैं कि लड़कियां सिर्फ खाना बनाने… घरेलू काम करने के लिए पैदा नहीं हुई है… बल्कि उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के मौके अवश्य मिलना चाहिए।


मैं पढ़ी-लिखी हूं.. लेकिन फिलहाल जॉब नहीं कर रही हूं वह मुझसे हमेशा कहते हैं “सृष्टि तुम कितनी टैलेंटेड हो तुम्हें घर से बाहर अवश्य निकलना चाहिए, कुछ ना कुछ करना चाहिए, क्योंकि ठहराव जिंदगी नहीं है” मेरे भाई से भी हमेशा मेरे बारे में बात करते हैं और कहते हैं” शुभम तुम  सृष्टि के लिए कुछ करना चाहिए”। मुझे उनकी बातों से बड़ी प्रेरणा मिलती है। मेरा पूरा परिवार उनकी बहादुरी ,उनके विचारों का सम्मान करता है। मेरी मम्मी हमेशा कहती है कि मेरी बहू श्रेया ने मुझे नई दुनिया दिखाई। कोई लड़की इतनी ताकतवर भी हो सकती है मैं यह सोच भी नहीं सकती। घरेलू कार्यों के अलावा भी एक लड़की के प्रगति के कई मायने होते हैं ।उनकी सोच अच्छी, उनके विचार अच्छे हैं। उनकी भावनाएं अच्छी है। मेरे भाई को भी कदम दर कदम बढ़ाने की सोचते हैं ।

मेरा भाई हंस कर कहता है “तुम्हारी भाभी शेरनी है, और शेरनी के साथ रहना कोई आसान नहीं है… उनका सम्मान करता है… दोनों एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखते हैं… और जीवन पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। मेरी भाभी को देखकर मेरे परिवार की कई बहुओं ने उनसे बहुत कुछ सीखा है। नए जमाने की दौड़ में शामिल होने की कोशिश कर रहे है। मैं भी अपनी भाभी से बहुत प्यार करती हूं। उनका सम्मान करती हूं और सोचती हूं कि भाभी  सिर्फ नंनदो की हां में हां मिलाने के लिए नहीं होती.. या सिर्फ नंनदो को भोजन कराना.. उपहार देना यही काम नहीं है …अपनी ननंद को जीवन पथ पर नई प्रेरणा देना… नया जीवन जीना सिखाना ..अपनी बात को मजबूती से रखना… किसी से डरना नहीं.. दबना नहीं… और अपने जीवन में आगे बढ़ना… यह बातें मैंने भाभी से सीखी है ..और मुझे इस बात का गर्व है कि “मेरी भाभी शेरनी है”।

रचनाकार

सुधा जैन

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