मैं अपनी मम्मी के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकता – बीना शर्मा: Moral stories in hindi

वर्षों बाद विमला ने अपने बेटे अजय को अपने घर पर देखा तो उसे बहुत आश्चर्य  हुआ  अजय के साथ में उसकी पत्नी अनामिका भी थी उसके बेटे बहू रोजगार के कारण काफी वर्षों से अपने बच्चों के साथ मुंबई में रहते थे जिनके वापस आने की उम्मीद विमला ने छोड़ दी थी मम्मी को अपनी तरफ आश्चर्य से देखते हुए अजय मुस्कुराते हुए बोला ” मम्मी जी अब मैं और अनामिका आपके पास ही रहेंगे वह भी हमेशा के लिए।”

         लेकिन बेटा तुम्हारी दुल्हन तो फोन पर मुझे मना कर रही थी कि वह यहां नही आयेगी फिर यह गांव आने को  कैसे तैयार हो गई ?तुम्हारे पापा तो बेटा बहु और अपने दोनों पोतों को देखने की लालसा को मन में लेकर ही चले गए”मम्मी की बातें सुनकर अजय को कुछ समय पहले की बात याद आ गई जब उसके पापा  फोन करके उसे कुछ दिनों के लिए गांव आने की जिद कर रहे थे

तब उनके दोनों बेटे और पत्नी ने काम का बहाना लगाकर गांव जाने से साफ मना कर दिया था इस घटना के कुछ दिन बाद ही दिल का दौरा पडने के कारण उसके पापा की मृत्यु हो गई थी पापा के जाने की खबर फोन पर जब उसकी मम्मी विमला ने रोते हुए  यह कहकर दी” बेटा तुम्हारी चाह में तो तुम्हारे पापा तरसते हुए चले गए एक दिन में भी ऐसे ही चली जाऊंगी” तो अजय का मन बेहद दुखी हो गया था उसे लगा कि पापा की तरह उसकी मम्मी भी कहीं उससे मिले बगैर हमेशा के लिए उसे छोड़कर ना चली जाए

इसलिए उसने  अपने दोनों बेटों से गांव चलने को कहा तो दोनों बेटे जो एक बड़ी कंपनी में जॉब करते थे ने उनसे गांव  जाने से साफ मना कर दिया बेटों के इनकार करने पर जब उन्होंने अपनी पत्नी अनामिका से गांव चलने को कहा तो अनामिका भी साफ इनकार करते हुए बोली” मैं तुम्हारे साथ गांव नहीं जाऊंगी और तुम्हें भी गांव जाने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हारी मां की तो आदत खराब है जो ऐसे बोल रही है।”

          “खबरदार जो मम्मी के खिलाफ कुछ कहा मैं अपनी मम्मी के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकता आज मैं जो कुछ भी हूं मम्मी की वजह से ही हूं यदि वह मुझे अच्छी शिक्षा नहीं दिलाती तो आज तुम मेरे साथ यहां नहीं होती गांव के किसी कोने में ही पड़ी होती और यदि मेरी मम्मी की जगह तुम्हारी मम्मी होती तो क्या तब भी तुम्हारा यही जवाब होता?

यदि तुम मेरे साथ गांव नहीं जाओगी तो मैं अकेला ही चला जाऊंगा मैंने फैसला कर लिया है जब तक मम्मी जीवित रहेगी तब तक मैं उनके पास रहूंगा और उनकी सेवा करूंगा जैसे उन्होंने  मेरी सेवा की थी अब फैसला तुम्हारे हाथ में है कि तुम मेरे पास  गांव चलोगी या बेटों के पास रहोगी?”

          पति की बात सुनकर अनामिका शर्मिंदा हो गई थी क्योंकि वह अपने मम्मी पापा से बहुत प्रेम करती थी जब भी उसके मम्मी पापा उसे याद करते थे वह तुरंत उनसे मिलने गांव चली जाती थी लेकिन सास ससुर के बुलाने पर भी वह उनके पास कभी नहीं जाती थी वह अजय के साथ गांव चलने को तैयार हो गई।

जब अजय ने यह बात अपनी मम्मी को बताई तो वह अनामिका की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली” बेटा या बेटी कितने भी बुरे क्यों ना हो परंतु, अपने माता-पिता के खिलाफ कोई भी एक शब्द नहीं सुन सकता क्योंकि बेटी भी अपने माता-पिता से उतना ही प्यार करती है जितना एक बेटा करता है इसलिए यह  तेरे साथ आने को तुरंत तैयार हो गई क्यों बहू में सही कह रही हूं ना?

     “बिल्कुल सही पकड़े हो मम्मी जी अब मैं यहीं रहकर आपकी सेवा करूंगी आपको कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होने दूंगी और आपके दोनों पोतों से भी कहूंगी कि जब कभी छुट्टियां पड़ा करें तो दोनों कुछ समय के लिए आपके पास आ जाया करेंगे “अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा तो विमला ने प्यार से उसे गले लगा लिया था। 

बीना शर्मा

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