कोई हमारे रिश्ते पर उंगली उठाए मुझे मंजूर नहीं – संगीता अग्रवाल 

“मेरे बारे में सोचना छोड़ दो नितिन अगर इतना सोचोगे तो अपनी होने वाली पत्नी से कैसे न्याय करोगे!” मोहिनी ने हंसते हुए फोन पर कहा।

” क्या यार मोहिनी तुम भी ना कुछ भी बोलती हो पत्नी अपनी जगह है तुम अपनी जगह!” नितिन हंसता हुआ बोला।

” पर नितिन दुनिया ऐसी दोस्ती को नहीं मानती ये तुम भी जानते हो!” मोहिनी गंभीर हो बोली।

” मुझे दुनिया की परवाह नहीं मोहिनी मैने तुम्हारे बारे में सपना( नितिन की मंगेतर) को भी बताया है और उसे हमारी दोस्ती से कोई एतराज़ नहीं, वो तो तुम यहां थी नहीं वरना तुम्हे मिलवा भी देता उससे!” नितिन बोला।

” कोई बात नहीं जल्द ही वापिस आ रही हूं मैं तब मिलेंगे तुम्हारी सपना से अभी रखती हूं बाय टेक केयर!” मोहिनी बोली।

” बाय !” नितिन बोला और फोन काट दिया।

ये हैं मोहिनी और नितिन बचपन की दोस्ती है दोनों की । बहुत से लोगों ने उनकी दोस्ती को गलत नज़रों से देखा पर उनकी दोस्ती पाक साफ रही हमेशा। मोहिनी की दो साल पहले विकास से शादी हुई थी विकास भी दोनों की दोस्ती की इज्जत करता था। मोहिनी अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश थी और इधर नितिन के लिए रिश्ते देखे जा रहे थे। अचानक छह महीने पहले एक एक्सिडेंट में विकास चल बसा और मोहिनी की दुनिया उजड़ गई उस वक़्त नितिन ने एक दोस्त का फर्ज निभाते हुए मोहिनी को संभाला तब मोहिनी तीन महीने की गर्भवती थी । मोहिनी यूं तो जॉब करती थी अभी फिलहाल बच्चे के जन्म पर अपने पीहर गई हुई थी क्योंकि वो यहां अकेले रहती थी और यहां उसकी देखभाल को कोई नहीं।नितिन का आज ही सपना से रिश्ता हुआ था तो वो मोहिनी को उसके बारे में बता रहा था।

“हेल्लो सपना मैं मोहिनी!” पीहर से आ एक दिन मॉल में मोहिनी सपना और नितिन से मिलने पहुंची।

” हेल्लो मोहिनी कैसी हैं आप !” सपना ने पूछा।

” मैं ठीक हूं पर ये बताओ तुम्हे ये मेरा पागल दोस्त कैसे पसंद आ गया!” मोहिनी ने मजाक में पूछा।


” क्या यार मोहिनी तुम भी अच्छा ये बताओ हमारा छोटा विकास कैसा है?” नितिन ने पूछा।

” वो ठीक है मम्मा साथ आई हैं मेरे तो उनके पास है !” मोहिनी बोली।

फिर इधर उधर की बातें और हंसी मजाक के बीच तीनों कॉफी और सैंडविच का मजा लेते रहे।

” चलो नितिन और सपना मैं चलती हूं तुम लोग एन्जॉय करो अब तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा सपना तुम दोनों परफेक्ट मैच हो !” मोहिनी सपना को गले लगाती हुई बोली।

” मुझे भी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा मोहिनी उम्मीद है हम दोनों की दोस्ती भी खूब जमेगी!” सपना बोली।

” बिल्कुल!” ये बोल मोहिनी वहां से निकल ली।

कुछ समय बाद नितिन और सपना की शादी हो गई।

 

एक दिन सपना ने मोहिनी को फोन किया ” क्या बात है मोहिनी जबसे हमारी शादी हुई है आप तो गायब ही हो गई हैं?”

” अरे सपना बस इस लिटिल मास्टर के इतने काम ऊपर से ऑफिस !” मोहिनी ने बात संभाली।

” मुझे कुछ नहीं सुनना इस रविवार उसी मॉल में मिल रहे हैं हम जहां पहली मुलाकात हुई थी आपसे!” सपना ज़िद करते हुए बोली।

” ओके !” मोहिनी प्यारी सी सपना का प्यार देख बोली।

मॉल में मोहिनी नितिन से थोड़ी कटी कटी रही ये बात नितिन ने तो नहीं पर सपना ने महसूस की।

” नितिन मुझे आइसक्रीम खानी है ला दो ना!” सपना नितिन से बोली।

” ओके बॉस!” नितिन बोला।



” क्या बात है मोहिनी कुछ हुआ क्या?” सपना नितिन के जाते ही बोली।

” नहीं तो क्यों?” मोहिनी बोली।

“आपने नितिन से दूरी क्यों बना ली ?” सपना मोहिनी की आंखों में झांकते हुए बोली।

” नहीं… वो वो !” मोहिनी इस सवाल के लिए तैयार नहीं थी।

” देखो मोहिनी अगर मेरे कारण तुम अपने दोस्त को यूं दूर करोगी तो मैं खुद को अपराधी समझूंगी मेरी कोई बात बुरी लगी तो मुझसे कहो!” सपना बोली।

” नहीं सपना तुम तो इतनी प्यारी हो पर अब नितिन की शादी हो गई लोग हमारे रिश्ते को गलत ना समझे अच्छा यही है हम एक दीवार बना ले इस दोस्ती में क्योंकि हमारा समाज लड़का लड़की की दोस्ती नहीं समझता अब तक ठीक था सब पर अब मैं एक विधवा हूं और नितिन की तुमसे शादी हो गई कोई हमारे रिश्ते पर उंगली उठाए मुझे नहीं मंजूर!” मोहिनी एक सांस में बोल गई।

” लोगों की मुझे परवाह नहीं बस आपसे मेरी हाथ जोड़ विनती है ये दूरी बना आप इतने प्यारे रिश्ते को मत तोड़िए प्लीज़!” सपना ने सच में हाथ जोड़ दिए।

” खुशकिस्मत है नितिन जिसे तुम जैसी लड़की मिली !” मोहिनी उसका हाथ पकड़ते बोली।

” क्या बातें हो रही हैं मेरी बुराई तो नहीं!” तभी नितिन वहां आ बोला।

” हां सपना बता रही तुम बहुत खराब हसबैंड हो !” मोहिनी हंसते हुए बोली।

” अरे अरे हम तो अपनी बीवी से इतना प्यार करते फिर खराब क्यों!” नितिन बोला।

” ऐसे ही प्यार करते रहना मेरी दोस्त को वरना तुम्हारे कान पकड़ कर उठक बैठक लगवाऊंगी!” मोहिनी नितिन के कान पकड़ती बोली और तीनों हंस दिए ।

सपना के चेहरे पर संतोष था कि इस प्यारी दोस्ती को तोड़ने की वो वजह नहीं बनेगी । मोहिनी को ये संतोष था कि सपना की समझदारी ने उसका दोस्त तो वापिस लौटाया ही बल्कि सपना के रूप में एक नया दोस्त भी मिल गया।

दोस्तों यही होता हमारे समाज में लड़का लड़की की दोस्ती गलत नजर से देखी जाती जबकि ऐसा नहीं है लड़का लड़की दोस्त भी हो सकते।

 

उम्मीद है आप मेरी बात से इत्तेफ़ाक रखते होंगे।

आपकी दोस्त

संगीता

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