किसका दायित्व – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

विक्की आज तुम इस समय घर पर क्या कर रहे हो ?? पापा आज मेरी तबियत ठीक नही थी । इसलिए मैं आज स्कूल नही जा पाया ।

सच्ची में ख़राब है या किसी कारण वश ऐसा कर रहे हो ।

नही, पापा सच में ख़राब है……तभी वहाँ विक्की की माँ आ जाती है और उसे चाटे मारना शुरू कर देती है । मैंने तो तुम्हें बस स्टॉप पर छोड़ा था आज भी तुम घर पर कैसे ???

माँ ! आज बस नही आयी थी, तो मैं घर वापस आ गया ।

विक्की को किसी से झूठ बोलते हुए डर नही लगता था । क्योंकि वो इन सब बातों का आदि हो गया था । आज उसके माता-पिता के पास इतना समय ही नही था कि वो उसका सही मार्ग दर्शन कर सके । ऐसा हमेशा से नही था ।उनकी ज़मीन के बिक जाने के बाद जो पैसे उन्हें मिलें उसके चलते दिखावा करने की हौड़ में लग गए । अच्छा घर , बड़ी गाड़ी ,अच्छा रहन-सहन और पढ़ाई के लिए ऊँची शिक्षा दिलाना बस अपना फर्ज समझ बैठें । उन्होंने अपने बेटे को महँगे स्कूल में डाल दिया है और सारी ज़िम्मेदारी स्कूल की है । बोल अपने दायित्व से आज़ाद हो गए ।वो यें क्यों भूल जाते है कि बच्चों को सही शिक्षा के साथ सही का ज्ञान करवाना माता-पिता का दायित्व है ना की स्कूल का ।

विक्की की इस तरह की परवरिश के कारण झूठ बोलने के साथ साथ ग़लत संगत में पड़ गया । धर्म के अनुयायी लोगों के साथ रह ग़लत पथ पर चलने लगा । हम हिंदू है और हमारा धर्म सर्वोपरि है । राम हमारा है इस पर हमारा ही हक़ है । ऐसी बातें बच्चों के मन में डाली जा रही थी । विक्की भी अपने घर आकर राम नाम के नारे लगाता । यें सब देख उसके माता-पिता खुश थे , कि हमारा बेटा धर्म के मार्ग पर चल रहा है । एक दिन रात को जब सब खाना खा रहे थे । तो विक्की ने अपनी काम वाली से पूछा आप कौन से धर्म से है ????

विक्की की माँ ने उससे पूछा क्यों बेटा ??? क्या हुआ ??

माँ अगर ये मुस्लिम है तो हमारे घर काम नही करेगी । उसकी ये बात सुन सावित्री को बड़ा अचरज हुआ कि आख़िर सात साल के बच्चे का इन सब बातों से क्या लेना ?? सावित्री ने भी बच्चा समझ उसकी बात को एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल डाला । देश में भी धर्म की हवा चल रही थी और लोगों के मन में धर्म का एक नया रूप सामने लाया जा रहा था ।

विक्की एक दिन अपनी माँ के साथ किसी के घर शादी में गया था । जहाँ सब बच्चे खेल रहे थे । तभी विक्की अपने से बड़ी लड़की के पास जाता है और उन्हें राम राम बोलने लग जाता है । वो लड़की मुस्कुरा के उसे हेलो बोल चल देती है । तभी विक्की उसे फिर से राम-राम बोलता है । वो लड़की कुछ सोच रही होती है कि तभी विक्की उसे बोलता है कि क्या आप राम-राम नही बोल सकती । क्या आप मुस्लिम है यें सब सुन वो लड़की उसे बोलती है अभी तुम इन सब बातों के लिए बहुत छोटे हो ।

छोटा हूँ तो क्या पर मेरा धर्म सबसे बड़ा है । ये सुन विक्की की माँ उसे डाँटने लग जाती है । ये सब तुम क्या कह रहे हो बेटा । सब धर्म बराबर होते है ।

नही , माँ हम हिंदू है इसलिए ये हिंदुस्तान हमारा है ।

सब विक्की की बातें सुन सोच में पड गए । माहौल ख़राब होता देख सावित्री विक्की को घर ले कर चली आयी । घर आकर जब ये सारी बातें सावित्री ने अपने पति को बताई तो उसने विक्की को खूब डाँटा। बेटा ऐसे नही बोलते ये देश इस देश में रह रहे सभी वासियों का है और इस देश में रह रहे सभी भारतीय है । सभी धरमों को हमारे संविधान में समान अधिकार है ।

लेकिन ये सब बातें विक्की के ऊपर से साफ जा रही थी । शायद उसको सब समझाने में समय लगे । लेकिन आज विक्की के माता-पिता जान चुके थे कि बच्चे को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ सही मार्ग दर्शन कराना भी ज़रूरी है । वो कहाँ जाता है , किस से मिलता है सब दायित्व परिवार और परिजनो का है । लेकिन सही इंसान बनाने का दायित्व परिवार और समाज में रह रहे सभी लोगों का है । क्योंकि बच्चा अपने बड़ों से और समाज में रह रहे लोगों उनकी सोच और करनी से बहुत प्रभावित होता है । इसलिए हम सबको अपने दायित्व को समझना चाहिए । देश का भविष्य आने वाली नसल के बच्चों से जुड़ा है इसलिए सही गलत का ज्ञान हर कदम पर बच्चों को कराना बहुत आवश्यक है ।

#दायित्व

स्नेह ज्योति

1 thought on “किसका दायित्व – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi”

  1. ऐसा लग रहा है जैसे कहानी नहीं, राजनीतिक भड़ास निकली जा रही हो।

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