“जान की कीमत” – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :

सोसाइटी के मुख्य गेट पर उत्तेजित स्थानीय लोगों की बढ़ती भीड़ से डर कर सभी बिल्डिंग के गार्ड को भी सुरक्षा हेतु बुला लिया गया था, लेकिन हालात और भी बद्तर हो गए, जब मृतक की नई नवेली दुल्हन, जिसकी मात्र पंद्रह दिन पहले ही शादी हुई थी, बदहवास रोती कलपती वहा पहुंची और साथ ही अपने एकलौते जवान बेटे के गम में पागल से हो चुके मां बाप का करुण रुद्रण सुनकर लोगों का गुस्सा चरम सीमा पर पहुंच गया। 

शहर की सबसे पाश सोसाइटी में ऊंचे ऊंचे टावर्स में रहने वाले एक बड़े बाप की बेटी ने दारू के नशे में डिलीवर बॉय को अपनी तेज रफ्तार कार से बुरी तरह रौंद डाला और भाग गई, पर वहा मौजूद लोगों ने गाड़ी का नंबर नोट कर पुलिस को सूचित किया पर उचित कार्यवाही ना होते देख, आज पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए सोसाइटी के बाहर धरने पर बैठ गया था। 

मुंहमांगी रकम मिल जानें पर पुलिस ने उल्टा मृतक की ही  लापरवाही और नशे में धुत होना वजह बताई साथ ही पीड़ित परिवार को भी एक मोटी रकम के बदले मामला रफा दफा कराने के लिए जोर डालने में लगे हुए थे।

ये सब एक्सीडेंट करने वाली लड़की के बाप के कहने पर हो रहा था, अपनी अकड़ और पैसे के बलबूते आज वो एक जान की कीमत लगा कर, अपनी बेटी को किसी भी तरह  जेल जानें से बचाना चाहता था, ये जानते हुए भी की बेटी ही कसूरवार है, अपने आलीशान ड्राइंग रूम में गर्दन ऐंठा कर पुलिस वालो को मामला जल्दी निबटाने को कहने लगा।

तभी पीड़ित परिवार द्वारा मीडिया को सीसीटीवी में रिकॉर्ड सारी वारदात को सबूतों के तौर दिए जाने से ये मामला टीवी पर आ कर पेचीदा हों गया और हर तरफ किरकिरी होने से पुलिस हरकत में आई। 

बेटी को घर से गिरफ्तार करके ले जाती पुलिस को देखकर आज एक घमंडी बाप की अकड़ निकल चुकी थी।

स्वरचित, मौलिक रचना

#गर्दन ऐंठा कर रखना

कविता भड़ाना

 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!