डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -35)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

आगामी सप्ताह के  मंगलवार को जया का इंटरव्यू था।

वह नियत समय पर स्कूल में प्रिंसिपल के रूम के बाहर बैठी हुई अपना नाम पुकारे जाने  का इंतजार कर रही है।

दरवाजे के आसपास इंटरव्यू देने वालों की भीड़ इकठ्ठा है।

जया का नाम  अनांउस हुआ तो वह उठ खड़ी हुई।

धीमें कदमों से चलती हुई उस कमरे के सामने जा पहुंची जहां एक्सपर्ट पैनल की टीम बैठी थी” ,

”  में आई कम इन सर “

” येस ” कमरे में से किसी ने आवाज दी।

आवाज कुछ पहचानी सी लगी ।

उसने जैसे ही कमरे में कदम रखा।  कुर्सी पर बैठे शख्स का चेहरा देख कर एकदम से चौंक उठी।

सामने चेयर पर हिमांशु विराजमान है। वह भी जया को देख कर चौंक उठा।

स्कूल में नैना के पी.टी. एम के सिलसिले में कितनी दफा जया से मुलाकात हुई थी।

नैना की मार्क्स शीट लेने के दरम्यान जया का सिर सदा गर्व से ऊंचा रहता था।

नैना ने कभी ऐसा काम नहीं किया था।   कि उसका सिर झुकाए लेकिन आज हिमांशु को देख कर  जया का सिर शर्मिंदगी से झुक गया।

” आप यहां ? इंटरव्यू देने? प्लीज़ बैठिए ना। “

हिमांशु भी अपनी चेयर पर से उठ गया था।

उसे देख कर जया को यह महसूस हुआ है।

कि उसे नैना की वजह से अपना तबादला ले कर यहां आना पड़ा था।

इस बात का सख्त अफसोस है।

वह हड़बड़ा कर बोल उठी ,

“कहां खो गए आप ? चलिए इंटरव्यू स्टार्ट करें “

” जी ! आपके हिसाब से किसी जिद्दी बच्चे को कितनी कठोर सजा मिलनी चाहिए ?”

” उसे समझाना चाहिए , समझना चाहिए या उसकी जिद पूरी कर देनी चाहिए या वहां से पलायन कर  जाना चाहिए ?”

जया मन में सोच रही थी भले ही गलती नैना की है।  पर उसे एक बार माफी मांगने का मौका तो जरूर मिलना चाहिए था।

हिमांशु का चेहरा सन्न हो गया वह बात को बदलना चाहता था।

उसे आभास हो गया। उसके और नैना के बीच संबंधों का पता नैना की दीदी को अवश्य मालूम है।

वह अपनी चेयर से उठ कर खड़ा हो गया।

” आप जानते हैं ?

आज भी नैना आपको कितने मन से याद करती है। उसके मन का वह कोना आज भी रिक्त  है। जिसमें वह किसी को प्रवेश करने की इजाजत नहीं देती है “

” किशोर मन  पर पड़ी छाप अनमिट रहती है”

मैं जानती हूं ,

उसने जो कुछ भी आपके साथ किया वह ग़लत था उसे किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता “

लेकिन मालूम है ? उसे कितनी ग्लानि हुई थी‌।

इस वजह से उसने अपनी जान लेने तक की आधी- अधूरी कोशिश की थी।

हिमांशु बिना हिले- डुले अपनी जगह पर खड़ा हुआ जया की सारी बातें सुन रहा है ,

” मैं उससे बात करना चाहता हूं । क्या उसका नम्बर मुझको मिल सकता है “

उसने धीरे से कहा।

अगला भाग

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -36)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!