नेकराम का इंटरव्यू -नेकराम Moral Stories in Hindi

पत्रकार — नेकराम जी आप यह बताइए आपने लिखना कब आरंभ किया नेकराम – जब मैं छोटा था करीब 14 बरस का अप्रैल का महीना शुरू हो गया था ,,, घर के बाहर कितनी धूप निकल आई है सुबह के 10:00 बज चुके हैं,,,, नेकराम अभी तक बिस्तर पर पड़ा हुआ है मां रसोई घर … Read more

बात संस्कारों की है-नेकराम Moral Stories in Hindi

राजस्थान का एक छोटा सा गांव जसोल इस गांव का बेटा उत्कर्ष 3 महीने पहले दिल्ली आईएएस की तैयारी करने गया था शुरुआती दिनों में तो दिन में चार बार उत्कर्ष का फोन आ जाया करता था फिर अचानक एक महीने बाद ही उत्कर्ष का फोन आना बंद हो गया उसकी मां लच्छो इस बात … Read more

छोटू का घर -नेकराम Moral Stories in Hindi

बात बचपन की है जब मैं कक्षा तीसरी में पढ़ता था हमारा स्कूल घर से 1 किलोमीटर की दूरी पर था उस दिन पिताजी ने दफ्तर से छुट्टी ले रखी थी पिताजी मुझे स्कूल छोड़ने चल दिए रास्ते में फिर मुझें सीमेंट के बने हुए बड़े-बड़े पाइप दिखाई दिए तो मैंने पापा से कहा ,,,पापा … Read more

ईश्वर जो करता है अच्छा करता है -नेकराम Moral Stories in Hindi

रात के 8:00 बज चुके थे सोहनलाल कारखाने से छुट्टी करके घर चल पड़ा वह हमेशा पैदल ही घर जाता था ,,सड़क किनारे उसे हमेशा की तरह छोले भटूरे की दुकान दिखाई थी सोहनलाल ने अपनी पैंट की जेब टटोली तो दस का नोट पैंट में पड़ा मिला,, सोहनलाल छोले भटूरे की रेहड़ी के पास … Read more

माता वैष्णो के दर्शन -नेकराम Moral Stories in Hindi

दर्शक अपनी-अपनी कुर्सियों पर चिपके बैठे हैं और पर्दा खुलता है,, साड़ी पहने हुए एक स्त्री जिसका नाम माधुरी है रोटी पकाते हुए अपने पति महेश से कहती है,, सुनो जी,, क्यों ना हम माता वैष्णो के दर्शन करने चले अप्रैल का महीना है बच्चों के स्कूल की छुट्टियां भी पड़ चुकी है तब महेश … Read more

संघर्षों का मैदान -नेकराम Moral Stories in Hindi

हरियाणा का एक छोटा सा गांव सिरसा इस गांव का बेटा डेविड बीए. एमए फाइनल करने के बाद अपनी मां कलावती देवी के चरण छूकर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चल पड़ा जरूरत का सामान मां ने एक पोटली में बांध दिया था 3 बरस पहले पिता का एक बीमारी के चलते देहांत हो … Read more

किराने की दुकान -नेकराम Moral Stories in Hindi

नेकराम मेरी बात सुन मैं सोच रही हूं एक किराने की दुकान खोल लूं फिर हमें धनिया मिर्च मसाले बाजार से नहीं खरीदने पड़ेंगे चीनी और चाय की पत्ती भी आजकल बहुत महंगी हो गई है दाल बेसन आटा साबुन कोलगेट सभी सामानों पर हर साल एक या दो रूपया दुकानदार बढ़ा ही देते हैं … Read more

मायका ही देखा ससुराल नहीं -नेकराम Moral Stories in Hindi

जब मैं आठ वर्ष का था तो मैंने देखा मां कमरे के भीतर रो रही थी मैंने मां से पूछा ,,,अम्मा तुम रो क्यों रही हो ,,क्या बात है ,,मुझें बताओ,, तब मां ने कहा नेकराम अब तुझे क्या बताऊं तू तो अभी छोटा है ,, तब मैंने कहा अम्मा अब मैं बड़ा हो चुका … Read more

छोले भटूरे -नेकराम Moral Stories in Hindi

उन दिनों कक्षा दूसरी में पढ़ता था शाम को स्कूल से घर आया तो मां घर पर नहीं थी भाई ने बताया आज रामकिशन चाचा के घर मीटिंग है वहां कोई नेता आया हुआ है ,, मोहल्ले की सभी औरतें वहां मौजूद है मीटिंग के बाद सबको एक-एक थैली मिलेगी उन थैलियों में पूरी और … Read more

नब्बे रुपए -नेकराम Moral Stories in Hindi

घिस घिसकर जूते का नीचे वाला तला गल कर खत्म हो गया चलने पर मेरे पैरों की दोनों एड़ियां जमीन से टकराने लगी है दो साल से इन्हीं जूतों को रगड़ रगड़ कर पहन रहा हूं स्कूल के लड़के भी अब मुझें चिढ़ाने लगे हैं अगर तुम मेरे लिए नए जूते खरीद कर नहीं लाओगी … Read more

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