संघर्षों का मैदान -नेकराम Moral Stories in Hindi

हरियाणा का एक छोटा सा गांव सिरसा इस गांव का बेटा डेविड बीए. एमए फाइनल करने के बाद अपनी मां कलावती देवी के चरण छूकर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चल पड़ा जरूरत का सामान मां ने एक
पोटली में बांध दिया था 3 बरस पहले पिता का एक बीमारी के चलते देहांत हो गया था पिता का साया डेविड के सर से हटते ही डेविड को अपने सिरसा गांव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा अपने दादाजी के साथ
खेतों में हाथ बटाते हुए दादाजी ने बताया था हमारे पास बस यही छोटा सा खेत का टुकड़ा रह गया है लेकिन खेत की जमीन उपजाऊ नहीं है फिर भी मैं कोशिश करता हूं कि इस साल तो खेती अच्छी हो जाए किंतु हर बार फसल खराब हो जाती है —
मैं नहीं चाहता कि डेविड तू भी तपती धूप में काम करें और हाथ कुछ ना लगे गांव के दोस्तों के साथ घूमने से अच्छा है कि तू दिल्ली जाकर पढ़ाई को और आगे तक ले जाए बाकी सब राम भली करेगा ,,
इसलिए आज डेविड ट्रेन में खिड़की वाली सीट पर बैठे-बैठे अपने हरियाणा को बहुत पीछे छोड़ता हुआ आगे बढ़ रहा था —
डेविड के दादाजी ने मलका गंज में एक हॉस्टल में रहने की व्यवस्था दो दिन पहले ही दिल्ली में आकर कर दी थी इस बात का डेविड को आज सुबह ही पता चला था डेविड जब छोटा था गांव के कुछ दबंग जमींदारों के अवैध नकली शराब के ठेके चोरी छुपे चला करते थे जिसके कारण गांव के भोले भाले लोग बीमार होकर मर रहे थे डेविड के पिता भी नकली शराब के शिकार हुए और बीमार पड़ने के बाद जब उन्होंने आंखें बंद की फिर
अपनी आंखें कभी ना खोली सिरसा गांव के कुछ पुलिस वाले बड़े जमीदारों के चोरी छिपे चलने वाली नकली शराब की भट्टिया बंद करवाने में असफल रहे —
इसलिए डेविड को ट्रेन में बिठाते हुए दादाजी ने डेविड से कहा था सिरसा गांव में पुलिस की यूनिफॉम ही पहन कर आना है इस सिरसा गांव में बनने वाली नकली शराब के जमींदार तेज प्रकाश को कानूनन सजा देकर
सिरसा गांव को बचाने की जिम्मेदारी अब तेरी है–
ट्रेन पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी डेविड एक बैग कंधे पर लटकाए ट्रेन से उतर गया एक कुली डेविड की तरफ आते हुए बोला लाइए आपका बैग में ले चलता हूं उसने लपक कर डेविड का बैग ले लिया डेविड
ने प्लेटफार्म के बाहर आकर कुली को ₹50 का नोट थमा दिया कुली ने ₹20 वापस करते हुए कहा साहब मेरी मजदूरी के ₹30 बनते हैं तब डेविड मुस्कुराते हुए बोला मैं दिल्ली पहली बार आया हूं इसलिए मेरी तरफ से यह ₹20 भी रखो बस दुआ दे दो कि मैं जो सपना लेकर आया हूं वह पूरा हो जाए डेविड रोड पर खड़े होकर बस का इंतजार करने लगा काफी देर हो गई तब एक रिक्शा वाला डेविड के सामने रुका —
डेविड ने उसे पहचान लिया ,,, नवीन तुम यहां और यह रिक्शा आखिर माजरा क्या है तब नवीन ने बताया पहले मेरे रिक्शे में बैठो यहां स्टेशन पर तुरंत जाम लग जाता है डेविड रिक्शे में बैठ गया ,, नवीन ने रिक्शा चलाते हुए बताया सीजीएल की तैयारी के लिए सिरसा से मां और बाबूजी ने दिल्ली भेज दिया मुखर्जी नगर में बिल्डिंग नंबर 862 में एक तान्या नाम का पी जी है ,, बस वही रह रहा हूं पढ़ाई से थोड़ा समय निकालकर यह रिक्शा चला
लेता हूं ,,जेब खर्च निकल आता है पिताजी सिरसा गांव से जो रुपए भेजने हैं उनमें पी जी का किराया और खाने का पूरा हो पाता है —
डेविड ने नवीन को बताया मुझे तो मलका गंज जाना है दादाजी ने वही एक हॉस्टल देखा है मुझे उसी में रहना पड़ेगा बातों बातों में मलका गंज भी आ गया नवीन अपने पड़ोसी मित्र डेविड को मलका गंज के हॉस्टल छोड़कर
वहां से चल पड़ा नवीन ने डेविड को फ्री में ही छोड़ दिया था
रिक्शे का किराया भी नहीं मांगा सिरसा गांव में इन दोनों का घर आमने-सामने ही है नवीन 2 महीने पहले ही सीजीएल की कोचिंग के लिए दिल्ली आया था —
डेविड को दिल्ली के मलका गंज के हॉस्टल में 7 महीने हो चुके थे आज डेविड का इंटरव्यू था डेविड हॉस्टल से निकला ही था कि उसका मित्र नवीन रिक्शा लेकर आता नजर आया और रिक्शा रोककर डेविड से कहा ,, मैं सब जानता हूं ,, आज तुम्हारा इंटरव्यू है सुबह के 10:00 बजे तुम्हें इंटरव्यू के लिए पहुंचना है अभी सुबह के 9:00 बजे है 1 घंटे में मैं तुम्हें आराम से बाराखंबा रोड पर दसवीं मंजिल के ऑफिस तक पहुंचा दूंगा,,
डेविड मुस्कुराते हुए बोला तुम्हें तो मेरे इंटरव्यू की पूरी जानकारी है,,
नवीन अपना ई रिक्शा लेकर भीड़ भाड़ से निकलते हुए ठीक 10:00 बजे बाराखंबा रोड पर पहुंच गया वहां हजारों लड़के लड़कियां बिल्डिंग से उतरकर निराश होकर चले आ रहे थे आपस में बातें भी कर रहे थे इंटरव्यू के
लिए ना जाने किन पागल लोगों को बिठा रखा है उल्टे सीधे सवाल पूछ रहे हैं डेविड को भी कई लोगों ने मना किया यह इंटरव्यू में कोई भी शख्स पास नहीं हो सकता,,
डेविड दसवीं मंजिल पर पहुंच गया वहां सोफे पर कोई नहीं बैठा था 2 मिनट के बाद ही डेबिट के कागज जमा करवा लिए गए 5 मिनट और बैठने के बाद डेविड का नाम पुकारा गया,,
इंटरव्यू लेने वाले चार लोग थे दो महिलाएं दो पुरुष सामने एक खाली कुर्सी पर डेविड को बिठा दिया गया डेबिट को पहले ही बिल्डिंग के बाहर लोगों ने बता दिया था इंटरव्यू लेने वाले पागल है उल्टे सीधे सवाल पूछेंगे,,
एक मोटे ताजे व्यक्ति ने डेबिट की तरफ देखते हुए कहा मेरा नाम अरुण कुमार है हमने आपकी फाइल पढ़ी है आपको यह नौकरी किस लिए चाहिए आप नौकरी के लिए क्या कर सकते हो ,,
डेविड ने उत्तर दिया — सर मुझे यह नौकरी हर कीमत पर हासिल करनी है,,
अरुण कुमार – ने खिड़की की तरफ देखते हुए कहा,
आप जानते हैं यह ऑफिस दसवीं मंजिल पर है अगर आपको नौकरी चाहिए तो आप खिड़की से कूद जाइए अगर बच गए तो नौकरी पक्की
डेविड तुरंत खिड़की खोलकर दसवीं मंजिल से नीचे कूद गया,,
नौवीं मंजिल की बालकनी से एक मजबूत जाल पहले से ही बांध रखा था,, इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी,
नौवीं मंजिल में खड़े सुरक्षाकर्मियों ने डेविड को सहकुशल जाल से नौवीं मंजिल की खिड़की के रास्ते से निकाल लिया और फिर से दसवीं मंजिल के ऑफिस पर पहुंचा दिया ,,
अरुण कुमार — आओ डेविड बैठो कुर्सी पर ठीक तो,, हो ,,चोट तो नहीं लगी,
डेविड — मैं बिल्कुल ठीक हूं,
अरुण कुमार — तुम हमारे कहने पर बिना सोचे समझे क्षण भर में खिड़की से कूद गए ,, हमें ऐसे ही एक जांबाज सिपाही की जरूरत थी
जो निडर हो मौत से डरता ना हो, ,,
क्योंकि यह जो एसीपी की पोस्ट है , यह उन काबिल नौजवानों को दी जाती है जो अपने इलाके के गुंडो को मुंहतोड़ जवाब देते हैं तुरंत एक्शन लेते हैं,, यह तीन स्टार वाली खाकी वर्दी उन लोगों को दी जाती है
जो ऑफिसर अपनी जान हथेली पर लेकर चलते हैं इस इंटरव्यू में तुम पास हुए,,
ढाई लाख लोगों में से तुम्हें चुना गया है,, यहां बहुत से ऐसे लोग आए जिन्होंने खिड़की से कूदने से मना कर दिया,, कच्चे दिल वालों को 3 स्टार वाली वर्दी नहीं दी जाती,, मुबारक हो तुम इम्तिहान में पास हुए
दो दिन बाद डेविड की पोस्टिंग हरियाणा के सिरसा गांव के पुलिस थाने में हो गई ,,
डेविड के दादाजी को जब इस बात का मालूम हुआ कि उसका पोता डेविड सिरसा जिले का एसीपी नियुक्त किया गया है ,,
दादाजी जोर से दहाड़े ,, तेज प्रकाश, आज से तेरे दिन सलाखों के पीछे काटेंगे,, मेरा पोता एसपी बनकर इस सिरसा गांव में आ चुका है,,
जमींदार तेज प्रकाश के नकली शराब की भट्ठियों के बहुत से ठिकानों पर डेविड ने मीडिया को साथ लेकर छापेमारी शुरू कर दी ,, 1 महीने की छापेमारी में तेज प्रकाश के साथ साथ उसके तीनों बेटे गिरफ्तार कर लिए गए ,
सिरसा जिले में नशे का कारोबार हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया डेविड को इस काम के लिए भारत सरकार की तरफ से कई मेडल और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया,,।
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड
मुखर्जी नगर दिल्ली से स्वरचित रचना

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