विरासत – अनुज सारस्वत

अमेरिका से विदुषी 15 साल बाद भारत लौटी थी, अपने दादा जी की चहेती थी ,जो कि अब भी भारत के एक पहाड़ी गांव में गंगा के समीप रहते थे ,रिटायर्ड मेजर थे उसके दादू, 80 साल की उम्र में भी फिट और यंग रहते थे सारा ऑर्गेनिक फार्म खुद ही व्यवस्थित करते थे, विदुषी … Read more

पति बनकर नहीं पर पिता बन समझ पाया” – आरती असवानी  

बात हो गयी न दामाद जी से, फिर सो जाओ न” श्वेता ने अपने पति आशुतोष से कहा। “जब पता था उसको बीवी की प्रेग्नेंसी की कुछ जटिलताएं है तो टूर पर गया ही क्यों। बेचारी मेरी बच्ची अकेली कैसे करेगी। मैंने तो सौरभ को एसी के लिए भी डांट लगाई तब उसने फोन कर … Read more

वासना – पृथ्वीराज

रॉकी, शहर के सबसे अमीर आदमी का बेटा.. जिसने कभी हारना नही सीखा, वो जो चाहता वो चीज उसके कदमों में होती थी.. और जिसे वो हासिल नहीं कर पाता था, उसे वो मिटा देता था.. दिन भर घूमना फिरना और रातों में पार्टी उसकी आदत थी.. शराब और शबाब दोनो से दिन रात घिरा … Read more

वक्त का पलटवार –   सुषमा यादव

हम वक्त के साथ वफादारी नहीं करेंगे,, वक्त की कीमत नहीं समझेंगे तो वक्त हमें पलटवार करके सब सिखा देगा,, वक्त किसी का सगा नहीं होता है,, बड़े से बड़े लोग वक्त की मार से नहीं बच पाए हैं, वक्त ने पलक झपकते ही अहंकारी व्यक्ति को धाराशाई कर दिया है,इसी विषय पर आधारित मेरी … Read more

 तो वक्त निकालो  ना –   मीनू झा

इस लड़की को तो सजने धजने से फुर्सत ही नहीं है,जब देखो संवरने बैठ जाती है,अभी स्कूल का टाइम हो रहा है अभी भी वहीं हाल…इत्ती सी तो है रे तू फिर कहां से सीखा मेकअप लगाना हेयर स्टाइल बनाना??बता? मम्मा..इत्ती सी नहीं हूं मैं..पंद्रह साल की हूं! हां.. बहुत बड़ी हो गई है..अरे हमें … Read more

 वक्त  – प्रियंका सक्सेना

“मां, आज खाने में शाही पनीर‌ बनाना, प्लीज़।” सोहम ने लाड़ से कहा तो सुधा ने बोला ,” ठीक है बेटा। तुम जब तक अपना सारा होमवर्क और टेस्ट की तैयारी कर लो मैं शाही पनीर और मटर-पुलाव बना देती हूं। ” “मेरी प्यारी मां॑!” “बस-बस! मक्खनबाजी नहीं, पढ़ाई ‌करो।” धीरे से प्यार से गाल‌ … Read more

वक्त” –  भावना ठाकर ‘भावु’ 

अनुराग और आरती का सुंदर मध्यमवर्गीय परिवार था, पति-पत्नी और दो बच्चों के साथ अनुराग टु बीएचके फ़्लेट में आराम से ज़िंदगी जी रहा था। आरती सुंदर, संस्कारी और आदर्श पत्नी है, पति की आय में सलीके से घर का निर्वाह कर लेती है। हंसी-खुशी जीवन बित रहा था। अनुराग सुबह दस बजे ऑफिस के … Read more

वक्त – संजु झा

वक्त की वक्र और कुटिल चाल को आजतक कोई नहीं समझ सका है।यही वक्त जब उसपर मेहरबान होता है तो अनगिनत खुशियाँउसकी झोलियों में उड़ेल देता है और नाराज होने पर उन खुशियों को सूद समेत वसूल भी लेता है।यही हाल मोनिका के साथ भी घटित हुआ है।वक्त की मार से उसके सारे सपने रेत … Read more

कुछ घाव वक्त भी नही भरता – संगीता अग्रवाल 

“स्नेहा कहां हो तुम …स्नेहा …!” निकुंज अपनी पत्नी को आवाज लगाता हुआ घर में दाखिल हुआ। ” लो तुम यहां बैठी जाने कहां गुम हो और मैं तुम्हे घर भर में ढूंढ रहा हूं !” निकुंज पत्नी को बालकनी में गुमसुम बैठे देख बोला। ” आ गए आप … मैं चाय लाती हूं !” … Read more

अपना वक्त हम कैसे भूल जाते हैं.. – रश्मि प्रकाश 

“ राशि कल सुबह जल्दी उठ जाना …सुबह के पाँच बजे पूजा तुम्हें ही करनी है…इस घर का यही नियम है …याद रहे नहा कर तैयार  हो जाना ….पहली पूजा तुम्हें ही करनी है ।” जेठानी की बात याद करते हुए राशि चार बजे का अलार्म लगा सो गयी  सुबह जब अलार्म बजा …. नींद … Read more

error: Content is Copyright protected !!