रिश्ता – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

डोर बेल सुनकर मैंने दरवाजा खोला, तो देखा कि सामने मेरा दोस्त अनुज खड़ा हुआ फोन पर किसी से बात कर रहा था, ओर हँसते हँसते ओके ओके, ठीक है, ठीक है,  बोल रहा था। उसका हँसना मुझे बड़ा अजीब लगा, क्योकि अक्सर गंभीर रहने वाला इंसान आज हँस रहा था। फोन बंद होने पर … Read more

बेटी की चाहत – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

इमरजेंसी वार्ड के लेबर रूम के बहार प्रभा देवी और उनके पति नरेंद्र बाबू चिन्तित चहलकदमी कर रहे। अन्दर उनकी छोटी बहू रमा की डिलीवरी जो होने वाली है। दो घंटे बाद लेबर रूम का दरवाजा खुलता है। नर्स हाथों के दस्तानों को उतारती उत्सुकता से बोली बधाई हो अम्मा पोता हुआ है। नर्स ने … Read more

समझ – खुशी : Moral Stories in Hindi

मैं शुरू से ही सास और ननद इस रिश्ते से चिढ़ती थी क्योंकि मेरी मांt को आजीवन उसकी सास और ननद ने दुख दिए एक पल भी सुख का मेरी मां को नसीब नहीं हुआ। इसलिए मेरी शुरू से ही सोच थी कि जिस घर में सास और ननद होगी मै वहां शादी नहीं करूंगी।अब … Read more

आपने मेरे लिए क्या किया है – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

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“आपने मेरे लिए क्या किया है?” बेटे रोहन के मुंह से ऐसे कठोर शब्द सुनकर सरिता की आंखों में आसूं आ गए।जिस बेटे को इतने नाजों से पाला अपनी रातों की नीद कुर्बान की वही आज उसकी परवरिश पे सवाल कर रहा था वो भी बहु प्रिया के सामने जिसने आते ही पूरी तरह से … Read more

हम सब साथ हैं – लक्ष्मी कानोडिया : Moral Stories in Hindi

आगरा की व्यस्त गलियों के बीच, राजा मंडी में एक तीन मंज़िला पुराना लेकिन मजबूत घर था, जहां शर्मा परिवार कई पीढ़ियों से साथ रह रहा था। घर की सबसे ऊपरी मंज़िल पर दादी-जी रहती थीं—सफेद बाल, मुस्कुराती आँखें और कहानियों का खजाना। बीच वाली मंज़िल पर रमेश शर्मा, उनकी पत्नी काव्या और दो बच्चे—ध्रुव … Read more

जुआ का दांव – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जुआ का अंतिम दांव लगा हुआ था। दोनों पक्षों के लोग अपने अपने साथी को जीतते हुए देखना चाह रहे थे… आज तीन चार घंटे से लगने वाला हर दांव कमल ने हीं जीते थे.. और जीते भी क्यों नहीं,,ले देकर यहीं तो एक काम आता था जिसमें उसे महारथ हासिल थी… और विरासत में … Read more

बुद्धू मम्मा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      चलो बच्चों …7:00 बज गए हैं पढ़ने बैठो…. हां मम्मी… बस 5 मिनट…. आरंभ और आरवी ने पुष्पा की बातों का उत्तर दिया….!            अरे ,अभी तक तुम लोगों की किताबें खुली नहीं …..इधर लाओ मोबाइल ….मुझे दो और तुरंत पढ़ने बैठो….. 5 मिनट बोलकर आधे घंटे से मोबाइल में लगे हो…. पुष्पा गुस्से में बड़बड़ा … Read more

पति का प्रेम – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

समझ नही आता अम्मा कभी-कभी इतना कड़वा क्यों बोलती है ? किसी बात का सीधे जवाब ही नही देती, पूछो कुछ तो नमक मिर्च लगा के त खेल स्वर में बढ़ा चढ़ा के ही बोलती है। ये सवाल मेरे ही नही हम उम्र सभी लड़कियों के मन में आता है कि क्या इस उम्र तक … Read more

मुस्कान – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

      “दीप्ति! क्या तू मेरे घर आ सकती है? मुझे तुझसे कुछ कानूनी परामर्श लेना है।” पूजा थोड़ा गुस्से में थी।             “क्या हुआ? दीप्ति ने सशंकित भाव से पूछा।             “तू पहले घर आ,तब बताऊँगी।” कहकर पूजा ने फोन रख दिया।              शाम के समय दीप्ति कचहरी से सीधे पूजा के घर  पहुँची। पूजा की सास ने दोनों … Read more

शहाबो की बारात – हेमलता श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

मेरा विवाह संभ्रांत परिवार में हुआ था और खेती-बाडी भी थी, विवाह के कुछ दिनों बाद जब  सासूमां के साथ उनके गांव गई तो आदतन  मुझे हर जगह डर लग जाता था पर नई होने के कारण किसी से कुछ कह न पाती।  एक दिन पति से पूछ ही लिया आपको डर नही लगता लाइट … Read more

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