समझौता अब नहीं। – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“बहुत हो गया। हर बार मैं ही समझौता करूं? नहीं अब ये नहीं होगा।” मंगला ने अपनी सास जानकी देवी से कहा। ” क्या फर्क पड़ता थोडा तुम समझौता कर लेती बडी? छोटी नई नवेली है। थोडे दिनों में हमारे रंग में रंग जायेगी। थोडा समय तो लगेगा ही।” ” माँ जी, जब से इस … Read more

वक्त ने बदल दिया – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

सुधीर का आखिरी दिन नौकरी का बहुत सालों से कंपनी में नौकरी कर रहा था।  लेकिन अचानक कंपनी बंद होने के कारण सुधीर का आखिरी दिन जाने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था.. लेकिन क्या करें कंपनी इतनी लॉस में चली गई की सुधीर डिप्रेशन में आ गया और कुछ भी करने के … Read more

अकेलेपन का दंश – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रेलगाड़ी अपनी पूरी रफ्तार मे चल रही थी। हौकरो की आवाज इसतरह से गूंज रही थी जैसे उनका इंजन की आवाज से कोई मुकावला हो और उन्हें उससे तेज आवाज मे बोलकर अपना सामना बेचना हो। एक समानवाला अभी अपना सामान बेच ही रहा होता कि दूसरा अपना सामान लेकर आ जाता। बच्चो को तो … Read more

परिवार ही पूंजी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

श्रुति की बड़ी दीदी श्रेया की शादी थी पिछले सप्ताह।श्रुति रीना की सबसे पक्की सहेली थी।सुमि ने फोन पर बताया था निधि को”मम्मी,श्रुति की दीदी की शादी पक्की हो गई है।मीनाक्षी आंटी(श्रुति की मम्मी)आप को फोन लगाई थी,और आपने उठाया नहीं।एक बार फोन कर लीजिएगा।” निधि को वास्तव में आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी हुई।अभी तो कुछ … Read more

बात सस्कांरों की – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

 रीवा और शुभम पिछले दो साल से प्यार की पीगों पर झूल रहे थे, लेकिन मुकाम तक पहुंचन बाकी था। मुकाम यानि कि शादी, शुभम की तरफ से तो कोई अड़चन नहीं थी और रीवा भी अपने  परिवार की और से निशचिंत थी कि उसके मां बाप भी अपनी बेटी की पंसद पर कोई एतराज … Read more

संयुक्त परिवार-मनीषा सिंह

” मैं नहीं रह पाऊंगी यहां••! चार महीने से गर्भवती शक्ति पसीना पोछते पति अनिल के सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए बोली।  अब तनिक आराम तो कर लो श्रीमती जी••! अनिल फौरन शक्ति के पैरों को अपने गोद में रखते हुए बोला । आराम••? ये आराम वाली बात  ना ही बोल तो अच्छा है••! … Read more

 ससुराल की खट्टी-मीठी यादें!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

कहां से शुरू करुं?  लंबा वक्त गुजर गया  जब पापा की पढ़ाई में डूबी,रहने वाली,एक छोटे से परिवार की बेटी एक बड़े से परिवार की बहू बनी! बहुत डरते डरते ही पापा ने हां बोला था  और डर होता  भी क्यों ना? आखिर जब पापा पहली बार मेरे ससुराल गए थे, सभी भाई, मेरे पूज्य … Read more

 मुझे संयुक्त परिवार में शादी नहीं करनी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मानसी, आज शाम को तुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं, कॉलेज से जल्दी आ जाना, मै तो कह रही हूं कि तू आज कॉलेज ही मत जा, ताकि अच्छे से उनके आने से पहले ही तैयार हो सकें और फिर बाकी काम भी तो होते हैं, उनमें भी हाथ बंटा देगी, दादी ने कहा … Read more

 ससुराल – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“सुनयना मिताली दीदी ने अपनी तृप्ति के लिए एक रिश्ता बताया है !” विशाल जी घर में आते ही अपनी पत्नी से बोले। ” देखिए अगर आपको लगता है घर परिवार अच्छा है तो आप आगे बात कीजिए शादी तो हमे तृप्ति की करनी ही है ना!” सुनयना जी पानी लाते हुए बोली। ” बाकी … Read more

एक कुटुंब ऐसा भी – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”Moral Stories in Hindi

“चाची..तुम तो रहने ही दो..! मैं कर देता हूंँ प्रथम बोला।” चाची की मदद करने के लिए साक्षी भी दौड़ती हुई आई। मुझे बताओ चाची मैं तुम्हारी मदद करती हूंँ। आज चाची ने रसोई के ऊपर चढ़कर साफ- सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। दोनों बच्चे चाची से बहुत स्नेह करते थे।  “तुम लोग … Read more

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