दिखावे की जिंदगी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

रश्मि जब देखो तब तुम मुझे छोटी नौकरी का ताना मारती रहती हो—— और मेरे सारे पैसे—- अपनी साड़ियां खरीदने में और दिखावे में उड़ा देती हो! अपनी अमीर सहेलियों की बराबरी करती हो—- उनके घर इतना महंगा सामान है! तो हमारे घर भी होना चाहिए—- तुम्हें मालूम होना चाहिए मैं एक क्लर्क हूं और … Read more

दिखावे की जिंदगी – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

रुबी भले हीं एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी थी मगर उसके सपने बड़े हीं ऊंचे थे। एशो-आराम का जीवन और खूब से संवर कर रहना उसका सबसे पसंदीदा शौक था। पढ़ाई में तो वो बहुत हीं औसत थी लेकिन फैशन के मामले में अव्वल… छोटी उम्र से हीं उसे दिखावा करने का बड़ा हीं शौक … Read more

पिता के सपने – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

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सूरज और किशोर बचपन से ही एक साथ ही खेलकूद कर बड़े हुए। दोनों के ही परिवार शुरू से ही एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते हुए, एक अच्छे पड़ोसी होने का धर्म निभाते रहे । सूरज और किशोर की उम्र बराबर होने के कारण ,दोनों दिनभर एक साथ खेलते रहते । सूरज … Read more

नई दिशा – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मयंक ने माही के पास जाकर कहा, “हाय, मैं मयंक! दुल्हे का सबसे खास दोस्त! क्या आप यहाँ लड़की वालों की ओर से मेहमान हैं?”  माही ने उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा, ” अरे वाह! बिल्कुल सही पहचाना आपने! जैसे आप दुल्हे के खास दोस्त, वैसे ही मैं दुल्हन की खास सहेली! बस यहीं … Read more

असलियत कुछ और है – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral Stories in Hindi

रीना की सासू मां ने चहकते हुए कहा”बहू,ओ बहू !!!खुशखबरी है।तुम्हारे बड़े भांजे की शादी पक्की हो गई।रजनी(बड़ी ननद)ने अभी बताया।दामाद जी ने सबसे पहले हमें ही खुशखबरी दी है।अच्छे से तैयारी कर लेना।मुझे जल्दी ही ले जाएगी आकर।शादी के नियम नहीं जानती ना वो।अमित को बोलना,बहू के लिए सोना तो देना ही पड़ेगा।” रीना … Read more

मैं तो बहुत खुश हूँ – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 ” सुनिये ना.. सोफ़ा खरीद लीजिये ना..बच्चों के दोस्त आते हैं तो उन्हें कुरसी पर बैठाना बहुत खराब लगता है..सबके घर में…।” छवि की बात पूरी होने से पहले ही मानव बोल पड़ा,” ओफ़्फ ओ…तुम फिर से शुरु हो गई..।”      ” तो आप मेरी बात मान क्यों नहीं लेते…।” मनुहार करते हुए वो बोली तो … Read more

शहर की चमक – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

संयोगिता बीए. फाइनल की छात्रा थी तभी पिता सतेंद्र को किसी ने शहर के एक खूबसूरत नौजवान लड़के का रिश्ता सुझाया। सतेंद्र शहर गए वहां शांतनु और उसके परिवार से मिले। शांतनु और उसका परिवार उन्हें एक नजर में ही पसंद आ गया।  इसी साल ही शांतनु की बैंक में क्लर्क की पोस्ट पर नौकरी … Read more

रिश्ते प्यार से चलते हैं ना की मजबूरी से -मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“बस बहुत हो गया संपदा••! तुझे अब वहां जाने की जरूरत नहीं! संपदा की मां सुमित्रा जी गुस्से से  बोलीं ।   ‘मां!आप सही कहती थीं कि मुझे सारांश से शादी नहीं करनी चाहिए! अब मैं पछता रही हूं! कहते हुए संपदा रोने लगी।  बस बेटा! अभी कुछ नहीं बिगड़ा है सब कुछ छोड़-छाड़ के यहां … Read more

दिखावे कि ज़िंदगी – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

# दिखावे की जिंदगी # रमेश और सुरेश दोनों बचपन के दोस्त थे , जो एक ही गाँव में पले-बड़े थे । दोनों के सपने बहुत बड़े थे, लेकिन रास्ते बिल्कुल अलग थे । रमेश हमेशा से ही मेहनत और ईमानदारी में विश्वास रखता था । उसकी एक छोटी सी दुकान थी जिसे उसने धीरे-धीरे … Read more

दिखावे की जिंदगी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आओ ना शालू… बच्चे सो गए हैं .. थोड़ी देर मेरे पास आओ… पति शैलेश  ने अपनी पत्नी शालू  से कहा .. नहीं यार ,,बहुत थक गई हूं जानू … फिर सुबह ऑफिस भी जाना है.. कल बात करेंगे … वैसे भी तुम्हें पता है, आज मैं किटी में भी गई थी …. तुम्हे एक … Read more

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