अपने लिए जीना सीख लिया – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

रेलवे स्टेशन पर बैठी सुलभा जी बार बार यही सोच रही थी क्या जो कदम मैंने उठाया वो सही है…. या फिर मैं कुछ गलत कर रही हूँ… विवेक मेरा ही तो बेटा है फिर उसे ऐसे छोड़ कर कैसे जा सकती हूँ…. सुलभा जी की मनःस्थिति कुछ भी समझ पाने के लिए तैयार नहीं … Read more

एक फैसला आत्म सम्मान के लिए-मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

मामी जी•• हमें आपके सामान की भी••  तलाशी लेनी होगी! कृपया  अपना बैग खोलें ! क्या पर क्यों •••?अभ्यांस के ऐसे बोलने से शांति जी घबरा गई । और कुछ देर रुक के, अपना बैग चेक करवाने लग गईं । देखिए••• हम लोग सिर्फ अपनी तसल्ली के लिए ऐसा कर रहे हैं आप सब कृपया … Read more

आत्मसम्मान का सम्मान – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुनिए जी … टीना को फोन लगाकर होली में आने का कार्यक्रम पूछिए।इस बार तो मेरा नवासा भी आएगा साथ में …उमंग और उत्साह सुमित्रा की आवाज में छलक रहा था। अभी लगाता हूँ बहुत दिनों से टीना की कोई खबर भी नहीं मिली है कहते हुए सुजीत जी ने फोन लगा दिया। ना टीना … Read more

महिला -दिवस – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

बड़े चाव से अपने इकलौते बेटे मनुज के लिए मानसी को पसंद किया था,सुषमा ने।देखने में सुंदर,और सजातीय तो थी ही, पढ़ी-लिखी भी थी।मानसी की चंचलता ने मन मोह लिया था सुषमा का।मनुज ने तो पहले ही कह दिया था”देख -परख कर आप ही लाना अपनी बहू।बाद में मुझे ना घसीटना दोनों की कलह में।मुझे … Read more

एक फैसला आत्म सम्मान के लिए….. – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुरभि बारहवीं पास करने के बाद अपनी मांँ से बोली…. मांँ मुझे अब आगे नहीं पढ़ना, मुझे नौकरी करनी है। घर वालों ने बहुत समझाया कि वह अभी पढ़ाई कर ले नौकरी करने के लिए सारे जीवन पड़ा हुआ है।  सुरभि के दिमाग में नौकरी ही नौकरी चल रही थी। घर वालों के समझाने का … Read more

आत्मसम्मान – निभा राजीव”निर्वी” : Moral Stories in Hindi

ऋषि दवाइयों की दुकान पर सिरदर्द की दवा लेने पहुंचा। वहां पहले से ही एक छरहरी सी सुंदर युवती खड़ी थी। ऋषि ने जब दवा का नाम कहा तो केमिस्ट ने कहा,-” सॉरी सर, उस दवा की तो हमारे पास एक ही पत्ती थी जो मैंने इन मैडम को दे दी है।”  ऋषि ने थोड़ा … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi

विजय कान्त के दोनों बेटों का अच्छा कारोबार था । हों भी क्यों नहीं, इंसान को आधी सफलता तो उनके कुशल व्यवहार व हंसमुख स्वभाव से ही मिल जाती है ।          लोकेश के दिल्ली में स्विफ्ट कारों की एजेंसी थी और धीरज  सूरत में साड़ियों का होलसेल व्यापार करता था ।            विजय कान्त व उनकी … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

आज मै जो हूँ अपनी माँ की बदौलत हूँ..मेरी माँ ने मेरी खातिर किया.. “एक फैसला आत्मसम्मान के लिए”….मेरे लिए किया था उसने फैसला वो मुझे फर्श से अर्श तक पहुँचा कर रहेगी । आज भले ही वो इस दुनिया में नहीं है….. ये दुनिया उन लोगों को सलाम करती है जो अपने बल पर … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सम्मान समारोह में जब महिमा ने अपनी सफलता का श्रेय रोशनी को दिया, तबसे रोशनी के आंसू ही नहीं रुक रहे थे।जब सब काम निपटाकर कमरे में आई तो नींद उसकी आंखों से दूर भागकर उसे यादों के झरोखे में ले गई। रोशनी, कहने को दो बच्चों की मां, कमानेवाला पति, सास ससुर,ठीक ठाक सी … Read more

एक फैसला आत्म सम्मान के लिए – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  के सम्मान समारोह में वीमेन अचीवमेंट अवार्ड के लिए अर्पिता के नाम की घोषणा हो रही थी और अर्पिता अपने अतीत में खोई हुई थी मानो पूरा अतीत एक फिल्म की तरह से उसकी आंखों से गुजर रहा था।    अर्पिता के पिता पुलिस विभाग में एक आरक्षी के पद पर तैनात थे। … Read more

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