अब यही हमारा घर हैं !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi
मुरली प्रसाद जी बैठे बैठे कविता लिख रहे थे कि उन्हे अपनी बहू राखी की आवाज सुनाई दी जो उनके बेटे कमल से कह रही थी देखा कैसे बैठे बैठे तुम्हारे बाबुजी ने खर्चा करवा दिया हमारा , मैं तो परेशान हो गई हुं इनसे , मुझसे नहीं होने वाली इनकी सेवा वेवा , पहले … Read more