अब यही हमारा घर हैं !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

मुरली प्रसाद जी बैठे बैठे कविता लिख रहे थे कि उन्हे अपनी बहू राखी की आवाज सुनाई दी जो उनके बेटे कमल से कह रही थी देखा कैसे बैठे बैठे तुम्हारे बाबुजी ने खर्चा करवा दिया हमारा , मैं तो परेशान हो गई हुं इनसे , मुझसे नहीं होने वाली इनकी सेवा वेवा , पहले … Read more

बहू के आगमन के बाद ही कड़वाहट क्यों ??? – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

अच्छा हुआ , जो वह मनहूस जा रही हैं यहां से !! अगर वह खुद से ना जाती तो शायद थोड़े दिनों में मैं ही उसे इस घर से निकाल देती रोशनी अपनी मां गायत्री जी से बोली !! गायत्री जी बोली – रोशनी यह कैसी बातें कर रही हो तुम , भाभी हैं वह … Read more

जब मां ने बताई अपनी कीमत !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

साहिल ऑफिस से जैसे ही घर पहुंचा , सुरेखा जी को नजर अंदाज करके सीधा अपने कमरे में चला गया !! सुरेखा जी तो बेचारी कब से उसी का इंतजार कर रही थी मगर साहिल को तो मां के पास रुकने की तो छोडो उनको देखने तक की फुर्सत नही थी !!  सुरेखा जी का … Read more

घर के बेटी जमाई घर के बेटे बहू से बढ़कर क्यों ?? – स्वाती जैंन   : Moral Stories in Hindi

शिखा , जरा जल्दी हाथ चलाओ , आज होली है !! अभी थोडी देर में तुम्हारी ननद और ननदोई भी आ जाएंगे , फिर तुम्हे भी तो होली खेलने जाना होगा इसलिए पहले जल्दी जल्दी खाना बना लो , फिर तुम सब होली खेलने चले जाना और शेखर कहां हैं दिखाई नहीं दे रहा ममता … Read more

बहु को छठी का दूध याद दिला दिया !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

क्या कहा तूने ?? दो दिन बाद तुम लोग वापस घर लौट रहे हो !! परसों सुबह की फ्लाईट की टिकटस हो गई हैं !! आंखो में आंसू लिए सुनीता जी बोली !! हां मां , बस दो दिन ओर फिर हम सब वापस साथ होंगे फोन पर बेटा आशीष बोला !! फोन रखकर सुनीता … Read more

बड़ी बहू तो घर की बंधुआ मजदूर थी – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

वीणा , हमारी बेटी के लिए एक से एक रिश्ते आ रहे हैं मगर तुम हो कि सारे रिश्ते रिजेक्ट करती जा रही हो और बेटी की शादी कराने का नाम ही नहीं ले रही हो , मुकेश जी अपनी पत्नी वीणा से बोले !! वीणा जी बोली – पहली बात तो मैं अपनी बेटी … Read more

भाभी तो महाकंजूस हैं – स्वाति जैन Moral Stories in Hindi

मम्मी , यह क्या अब तक उठी नहीं आपकी बहू ?? आप रसोई में क्यों काम कर रही हो ?? उठने दो महारानी को करेगी सारा काम !! उसका घर हैं यह हमारा नहीं और आपने उसको कुछ ज्यादा ही सर पर चढ़ा रखा हैं , गुस्से में कनिका अपनी मां राजुल जी से बोली … Read more

आपकी पत्नी कोई अनूठी या हुरपरी नहीं हैं समझे !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

 तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मेरी पत्नी को धक्का मारा इसिलिए बड़ा किया था क्या तुमको कि तुम एक दिन अपनी ही मां को मारो , तुम्हारी मां से पहले यह मेरी पत्नी हैं समझे आलोक जी ने गुस्से में अपने छोटे बेटे मीतांश से कहा !! पापा , यह क्या मेरी पत्नी , मेरी … Read more

ईर्ष्या का अंजाम हमेशा बुरा ही होता हैं -स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

बहु , नाश्ता बना या नहीं ?? तुम्हारे पापाजी और कुंदन को ऑफिस जाने लेट हो रहा हैं कविता जी अपने कमरे से गुस्से में बोली !! जी मम्मी जी बन गया हैं बस गर्म गर्म नाश्ता ही परोस रही हुं , राही अपने ससुर जी और पति कुंदन को नाश्ता परोसते हुए बोली !! … Read more

देवरानी जी , हां मैं गंवार हुं-स्वाति जैन Moral stories in hindi

रीमा की शादी को अभी एक ही महिना हुआ था !! संयुक्त परिवार होने की वजह से घर में किसी ने भी उस पर काम का बोझ नहीं डाला था !! रीमा की जेठानी सीमा घर की सारी जिम्मेदारियां खुशी खुशी निभाती थी !! घर में सास और नंनद भी थे मगर सीमा की वजह … Read more

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