मिले माई — लंगड़ा आया है – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

     शादी के बाद पहली रसोई के दिन ही श्वेता के कानों में आवाज आई…मिले माई लंगड़ा आया है….    इस आवाज को आए मिनट भर भी नहीं हुए होंगे कि ससुर जी ने आकर कहा ….दुल्हन , दो रोटी और थोड़ी सी सब्जी एक प्लेट में दे दो …लंगड़ा आया है ….पल्लू ठीक करते हुए धीरे … Read more

एहसास – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आज 14 फरवरी ….. सुबह सुबह की आपाधापी के बीच जैसे ही अरुणिमा  करी पत्ता (मीठा नीम) लेने बगीचे में पहुंची…..      ओह , तीन-चार दिनों से क्यारी में पानी ही नहीं डाला है…. पूरे गुलाब के पौधे सूखने की कगार पर है…. पूरी जिम्मेदारी घर की , रसोई की ,पेड़ पौधों की ….मेरी ही तो … Read more

बहुत याद आती है सासू मां की – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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देख बेटा तान्या….. तू नौकरी करना चाहती है ना…. बेशक कर….! पर याद रखना घर की व्यवस्था तो तुझे ही देखनी पड़ेगी…. स्पष्ट और सच बोलना शायद सही होगा …।     मुझसे ना …ये घर के कामों और तुम्हारी मदद के विषय में ज्यादा उम्मीद मत रखना…..  मैं उम्र के इस पड़ाव  ” ढलती सांझ ” … Read more

न्याय – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आज कैसी सब्जी बनी है सर्वथा…?  मुंह बनाते हुए समीर ने कहा ….. होठ बिचका कर बिटिया अनन्या ने भी समर्थन किया ….!      देखो समीर , ….अब तो देश-विदेश सभी जगहो पर कार्य की गुणवत्ता के मद्देनजर , कार्य की अवधि कम करने की सोच रहे है….।       बस एक हम गृहणी के कार्यों के बारे … Read more

तकदीर – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  ओह…. इस बार फिर तीन नंबरों से चूक गया…..अरे मम्मी , शायद मेरी तकदीर में ही नहीं है एसएससी एग्जाम निकालना… वरना पहली बारी में पांच नंबर से और इस बार तीन नंबर से थोड़ी ना चूक जाता ….!      देख बेटा विप्लव….मुझे लगता है ना ….अभी तुझे और मेहनत की आवश्यकता है बेटा ….. ये … Read more

मुस्की – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

   चाचू — चाचू……दरवाजा खोलो ना… देखो तो आपकी मुस्की आई है…. प्लीज चाचू….. रोते-रोते दरवाजे पर मुक्का मारती हुई मुस्की थक कर वहीं बैठ गई ….!    आप जब तक बाहर नहीं आओगे मैं यहां से नहीं हटूंगी चाचू…. मुझे नहीं मालूम चाचू …..सही कौन है और गलत कौन है….? मम्मी पापा की बातों से लगता … Read more

फिरोजी रंग की बॉर्डर वाली साड़ी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

    अलमारी खोलकर जैसे ही अतुल्या ने फिरोजी रंग की बॉर्डर वाली साड़ी निकाली….  देखते ही तुरंत अंश ने कहा…    अरे …आज ये वाली साड़ी पहनोगी अतुल्या…..? मां की साड़ी …?    आज उनकी पहली बरसी है ….सारे रिश्तेदार , मेहमान आएंगे ….    हां अंश, आज मां जी की बरसी पर उनकी ही ये साड़ी पहनूंगी ….. … Read more

अंकुर – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  बच्चों ने शर्मा जी के रिटायरमेंट को एक उत्सव का रूप देने की सोची , पता लगते ही शर्मा जी भड़क गए , अरे ये कोई खुशी का मौका है क्या… जो पार्टी रखी जा रही है ।  हां पापा …आज के जमाने में स्वस्थता के साथ रिटायरमेंट होना भी बहुत बड़ी खुशी की बात … Read more

चीख – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

   रुक जा रानी बिटिया….. मत  रो पापा आते ही होंगे…..पापा की गोद में जाना है …..अभी पापा को दिखाती हूं….. कहकर अनुष्का ने फोन लगाया वीडियो कॉल …….      कितनी देर में पहुंच रहे हैं अविरल…..?  देखो आपकी प्यारी बिटिया रानी आपके लिए रो रही है….. बस 10 मिनट में पहुंचने वाला हूं बेटा….. मम्मी को … Read more

माँ बूढ़ी होती है…प्यार परवाह बूढ़ा नहीं होता बेटा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

सुनते हैं जी ….रात के 9:00 बज गए हैं अभी तक पूर्वांश लौटा नहीं है…. मुझे बहुत चिंता हो रही है ….कांता ने पति मनोहर से कहा …….आ जाएगा …मार्च का महीना है काम ज्यादा होगा….. मनोहर ने भी कारण बताकर कांता को आश्वस्त करना चाहा…। ये गतिविधि लगभग रोज का ही हो गया था…. … Read more

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