अस्तित्व की तलाश ( भाग 1 ) – लतिका श्रीवास्तव 

..मां देखो मेरी ट्रॉफी और ये ढेर सारे पुरस्कार सब में मैं ही फर्स्ट आया हूं मिस ने मेरी बहुत तारीफ की खूब तालियां बजीं बजती ही रही …ये देखो सर ने मुझे ये चॉकलेट का डब्बा भी दिया है …. मानस अभी अभी स्कूल से घर आया था और आज स्कूल में मिले ढेरों … Read more

जिंदगी जीने के लिए है…… – लतिका श्रीवास्तव 

शालिनी तुमसे एक काम ठीक से नहीं होता दिमाग कहां रहता है तुम्हारा आज कल…..मैने तुमसे फाइल लाने को कहा था तुमने ये कोई सी किताब लाकर दे दी है….शांतनु झुंझला कर कह रहा था तभी शालिनी ने धीरे से फाइल उसकी ओर बढाते हुए कहा ये लीजिए आपकी फाइल …. सॉरी जल्दी जल्दी में … Read more

भक्ति का शोषण – लतिका श्रीवास्तव 

सुनंदा ने सुबह सुबह जैसे ही दरवाजा खोला …अचानक पैर किसी चीज से टकराया …नीचे देखा तो जमीन पर एक नारियल लाल सिंदूर,कुछ चावल के दाने, काला तिल लाल रंगव का कपड़ा और कुछ लाल फूल बिखरे थे…ये क्या है पड़ा है जमीन पर…लगता है किसी का पूजा का सामान जल्दी जल्दी में गिर गया … Read more

दिल की दुआ – लतिका श्रीवास्तव 

वो कुछ नहीं करता है… वो कौन..!मेरा बेटा सूरज …! हां वो कुछ ऐसा नहीं करता जो आज कल की दुनिया में कुछ करने लायक की परिभाषा में फिट हो सके..मसलन मेरे   भाई का लड़का पूरी यूनिवर्सिटी में टॉप किया है और अभी विदेश में जॉब ऑफर मिला है….करोड़ों का ऑफर है….अब वो वहीं … Read more

सबक – लतिका श्रीवास्तव

जैसे जैसे चिराग के रिजल्ट घोषित होने का दिन नजदीक आ रहा था शोभा जी के पूजा पाठ का समय भी बढ़ता जा रहा था…वैसे तो वो रोज ही पूजा करती ही थीं परंतु इस समय तो मंदिर में बहुत ध्यान लगा के पूजन हवन करने लगी हैं…आखिर उनकी प्रतिष्ठा जो दांव पर लगी है … Read more

 शामली – लतिका श्रीवास्तव

…अब दूल्हे की भाभी दूल्हे को काजल लगाएगी दूल्हा नेग देगा…..भाभी को बुलाओ पंडित जी की आवाज सुनते ही शामली तुरंत काजल की डिब्बी लेकर आ गई …भाई जी की सारी अलाये बलाए दूर….बुरी नजर बुरी आफ़त से दूर हों… दुआएं देते हुए भाभी ने शुभ्र की आंखों में काला काजल लगाया तो शुभ्र की … Read more

आत्मोत्सर्ग ….होलिका का – लतिका श्रीवास्तव 

होलिका दहन का समय हो गया है मंजूषा जल्दी आ बेटा क्या कर रही है अभी तक …. मां जोर जोर से आवाज़ लगा रही थीं..उसके ना दिखने पर उनकी आवाज में एक प्रकार की बेचैनी और व्यथा भी झलक जाती थी..मंजूषा रसोई में खामोशी से डिनर की अंतिम डिश मावा वाली सेंवइयां बना रही … Read more

एक रिश्ता शुक्र तारे सा – लतिका श्रीवास्तव

नमस्ते चाचीजी  जी नमस्ते चाचा जी …. वही आदर भरा  मधुर सम्मोहित संबोधन सुन कर वसुधा जी ने भी पलट कर नमस्ते नमस्ते बेटा ..कैसी हो सब बढ़िया है ना..!!कहा तो बदले में उत्साह से भरा..” जी चाचीजी आपका आशीर्वाद है ……प्रत्युत्तर मानो दिल से ही निकला…मुस्कुराहटो का आदान प्रदान हुआ और वो आगे बढ़ … Read more

ड्रेस कोड – लतिका श्रीवास्तव 

short story in hindi

साब पेपर…..सुनते ही वहीं परिसर में मॉर्निंग वॉक करते हुए विशाल ने जैसे ही दरवाजे पर पड़ा पेपर उठाया ….. साब सलाम आप नए आए हो आते ही आपका फोटू छप गया है  पेपर में ….देखो…और विशाल के पेपर खोल कर देखने तक वहीं खड़ा रहा था वो ….फोटो देख कर विशाल के चेहरे पर … Read more

उन्मुक्त खिलखिलाहट – लतिका श्रीवास्तव

अरे ये मैं क्या सुन रही हूं बेटा !!तुम मनन को समझाती क्यों नहीं  ये अचानक नौकरी नौकरी की जिद लगा रखी है इसने !!वो भी दूर दराज गांव में!! यहां देख अंशु भी कितने बड़े स्कूल में सोनू के साथ पढ़ता है कितना लंबा चौड़ा घर है आराम है सब सुख सुविधा है…वहां इन … Read more

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