वक्त – बीना शर्मा Moral stories in hindi

“हर बीमारी का इलाज सिर्फ दवा नहीं होती वक्त भी होता है भैया आपने कभी मम्मी के लिए वक्त निकालने की कोशिश की बस डॉक्टर से दवाई दिलवा कर अपना फर्ज पूरा कर दिया कभी-कभी मम्मी के पास बैठकर इनके साथ कुछ वक्त गुजार कर तो देखो इनकी बीमारी अपने आप दूर हो जाएगी “राखी ने अपने भाई राजन से कहा जो उसके कहने पर आज अपनी मम्मी से मिलने आई थी।

अपनी मम्मी को दुखी देखकर उसका दिल बैठ गया था 6 महीने पहले ही दिल का दौरा पड़ने के कारण उसके पापा की मृत्यु हो गई थी पहले भरपेट भोजन खाने वाली उसकी मम्मी पापा के जाने के बाद खाना खाने से कतराने लगी थीं जिसके कारण उसकी मम्मी बेहद कमजोर हो गई थीं उन्हें भूख लगनी और नींद आनी बिल्कुल बंद हो गई थी।

खाना बस वह नाममात्र का खाती थीं। अपने पापा के जाने के बाद अपनी मम्मी का दुख बांटने के लिए राखी काफी दिनों तक अपनी मम्मी के पास रही थी तब उन्हें खाने पीने की और अनिद्रा की कोई दिक्कत नहीं थी परंतु, कुछ दिनों से उन्होंने खाना-पीना बिल्कुल बंद कर दिया था उसके भैया ने अस्पताल में डॉक्टर को दिखा कर उन्हें दवाई भी दिलवाई परंतु, दवा खाने से भी उन्हें भूख नहीं लगी थी ना हीं नींद आती थी रात भर ऐसे ही जगती रहती थीं जिससे परेशान होकर उसके भैया ने फोन करके उसे मम्मी को समझाने के लिए बुलाया था।

राखी की बात सुनकर राजन बोला” दीदी आप क्या चाहती हो मैं मम्मी के पास ही बैठा रहूं सुबह 8:00 बजे सोकर उठता हूं फिर 9:00 बजे ऑफिस चला जाता हूं शाम को 6:00 बजे ऑफिस से छुट्टी मिलती है छुट्टी के बाद कुछ घंटे अपने दोस्तों के साथ बिताता हूं ताकि मूड ठीक रहे फिर घर आकर कुछ देर मोबाइल चलाता हूं या फिर टीवी पर अपना मनपसंद प्रोग्राम देखता हूं फिर बच्चों के साथ कुछ वक्त बिताकर खाना खा कर थक कर सो जाता हूं मेरे पास वक्त हीं कहां है जो मैं इनके साथ बिताऊं आपकी भाभी और बच्चे तो दिनभर मम्मी के साथ रहते ही हैं ।”

राजन की बात सुनकर राखी दुखी स्वर में बोली” जब आपके पास ही मम्मी के लिए वक्त नहीं है तो भाभी और बच्चों के पास कहां से होगा? भाभी मम्मी के पास एक बार खाना रखकर अपने कमरे में चली गईं दोबारा आकर उन्होंने यह भी नहीं देखा की मम्मी ने खाना खाया कि नहीं वे भी दिनभर मोबाइल से अपने परिजनों और दोस्तों से बात करती रहती हैं

और बच्चे भी स्कूल से आकर मोबाइल पर गेम खेल रहे हैं आज आप कंपनी में अच्छी जॉब कर रहे हैं इसके पीछे मम्मी का बहुत बड़ा हाथ है जब आप रात भर जाग कर परीक्षा की तैयारी करते थे तब मम्मी आराम करने की बजाए पूरी रात जागकर आपका हौसला बढ़ाती थीं।

पिछले साल जब आप भाभी और बच्चे कोरोना की चपेट में आ गए थे तब चिंता के कारण आपकी भूख प्यास और नींद सब उड़ गई थी तब मम्मी ने आपकी बहुत सेवा की थी आपको काढ़ा बनाकर देती थी दिन में कई-कई बार पौष्टिक भोजन बना कर खिलाती थी आप सबको कोरोना से मुक्त करने के लिए वे अपना सारा वक्त आप सब पर कुर्बान कर देतीं थी आज मम्मी की वजह से ही आप सब सही सलामत है जिस माँ ने आपके लिए इतना किया उनके लिए आपके पास वक्त भी नहीं।

जो वक्त आप दोस्तों और मोबाइल के साथ गुजारते हैं वह वक्त आप मम्मी के साथ भी तो गुजार सकते हैं आज मैंने मम्मी को अपने हाथ से खाना खिलाया तो उन्होंने थोड़ी ना नुकर करने के बाद खाना खा लिया और जब मैंने उनके सिरको थोड़ी देर प्यार से सहलाया तो उन्हें नींद भी आ गई भाई यदि आप थोड़ी सी कोशिश करें तो मम्मी ठीक हो सकती हैं।

याद रखना यदि आप आज मम्मी को कुछ वक्त नहीं देंगे तो कल को आपके बच्चों के पास भी आपके लिए वक्त नहीं रहेगा यह दुख तो एक दिन सब पर पड़ता है किसी की पत्नी साथ छोड़ देती है तो किसी का पति साथ छोड़ देता है और सबसे बड़ी बात जिसका बेटा माँ की कदर नहीं करता उसकी पत्नी और बच्चे भी मां की कदर नहीं करते क्योंकि वे भी वही करते हैं

जो देखते हैं यदि आपको अपना कल सुधारना है तो मम्मी के लिए वक्त जरूर निकालो” राखी की बात सुनकर राजन शर्मिंदा हो गया था वह पश्चाताप भरे स्वर में बोला” दीदी आज आपने मेरी आंखें खोल दी मैं आज के बाद मम्मी का पूरा ख्याल रखूंगा अपनी पत्नी और बच्चों को भी इनकी सेवा करने के लिए प्रेरित करूंगा ताकि यह जल्दी स्वस्थ हो जाएं “राजन की बातें सुनकर राखी के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी अपने भाई को मां की सेवा का मूल मंत्र और वक्त का सबक सिखा कर वह अपनी ससुराल आ गई थी।

कुछ दिनों बाद जब उसने अपनी मम्मी का हाल-चाल जाने के लिए अपने भाई के पास फोन किया तब उसका भैया हंसते हुए उससे बोला” दीदी अब मम्मी ठीक हैं जैसा आपने समझाया था मैंने ऐसा ही किया जब मम्मी खाना नहीं खाती तब मैं प्यार से मम्मी को अपने हाथों से खाना खिलाता हूं नींद न आने पर आपकी भाभी मम्मी के सिर में तेल की मालिश करती हैं

और बच्चे भी उनके साथ खेलते रहते हैं अब मैं मेरी पत्नी और बच्चे मम्मी का बहुत ख्याल रखते हैं जिससे मम्मी अब खाना भी खाने लगी है और चैन की नींद सोने भी लगी है अब आप मम्मी की तरफ से निश्चिंत रहो। “ठीक है भाई अब मैं मम्मी की तरफ से निश्चिंत हूँ।” मम्मी की कुशलता का समाचार पाकर मेरा मन खुश हो गया” यह कहकर राखी ने खुशी से फोन रख दिया था।

दोस्तों माता-पिता वह फरिश्ते होते हैं जो अपनी जिंदगी का बहुमूल्य वक्त अपने बच्चों की अच्छी परवरिश और उनका बेहतर भविष्य बनाने के लिए कुर्बान कर देते हैं अपने बच्चों के सपने पूरे करने की खातिर वे अपने सपने भी कुर्बान कर देते हैं जब बच्चे दुखी होते हैं तब उनका दुख दूर करने के लिए माता-पिता दिन रात उनकी सेवा करते हैं तब बच्चों का भी फर्ज होता है दुख में अपने माता-पिता की सेवा करने का इसलिए जिंदगी में अपने माता-पिता के लिए वक्त जरूर निकालिए ताकि उन्हें दुख ना हो कि उन्होंने अपनी संतान के लिए अपना बहुमूल्य वक्त कुर्बान कर दिया।

बीना शर्मा

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