मेरी आत्मा को दुख देकर तू कभी खुशी नही रह सकती हैं – आराधना सेन : Moral Stories in Hindi
“देख रहे हो कैसे तुम्हारी माँ मुझे श्राप दे रही हैं और तुम कहते हो इसकी सेवा करने,मैं जीते जी इनकी कभी सेवा नही करूँगी “लीला गुस्से मे बडबडा रही थी रमेश काम से लौट ही था आँगन मे साइकिल खड़ी ही की थी । यह रोज की किच किच थी माँ आज कई सालो … Read more