मैं नहीं सहूँगी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” बस आलोक..खबरदार जो तूने अलका पर हाथ उठाया..क्रोध में तू ये भी भूल गया कि वो तेरे बेटे की माँ है..तेरे सुख के लिये वो दिन-रात खटती है और तू उसी पर…।” बेटे का हाथ रोकते हुए आनंदी लगभग चीखते हुए बोली।तब आलोक भी उन पर चीखा,” आज मेरा हाथ तो रोक लिया..उस वक्त … Read more

*माँ की तपस्या* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

सीधी, सहज, सरल, सुशील, सुन्दर सुलभा ने कभी सोचा भी नहीं था, कि उसके बचपन की एक जिद उसे अपने जीवन में कितनी भारी पड़ेगी। सुलभा सर्वगुण सम्पन्न थी, गृहस्थी के कार्य हो या रिश्तों को निभाने की बात वह सब बखूबी करती थी। मगर ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी।वह सिर्फ पॉंचवी कक्षा पास थी। … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई…. – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

 मंजू पढ़ी-लिखी होशियार …अचानक  मां बाप के पास एक अच्छा रिश्ता आया …अच्छे घर से और उन्होंने कुंडली मिलान की कुंडली मिल गई… यही सोचकर मंजू की शादी एक अच्छे घर में कर दी गई। जो ऊपर से लिखवा कर आए हैं वह तो हमें सहना ही पड़ता है यह बात मंजू के साथ लागू … Read more

मुखौटा – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

अरे तुम? नूतन को होटल के बार में डांस करते हुए देखकर विशाल ने चौंकते हुए कहा। वहाँ की चकाचौंध में विशाल नूतन से ज़्यादा बात तो नहीं कर सका, लेकिन उसने नूतन का फ़ोन नंबर ले लिया था। विशाल को देखकर नूतन भी सहज नहीं हो पा रही थी, वो डांस तो कर रही … Read more

मेरा चैन वैन सब उजड़ा – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

अभी थोड़ा समय बाकी है… इतनी देर तो नहीं हुई है… क्या करुं.. ? फोन भी आ गया है.. जल्दी पहुंचो.. तुम्हारे केबिन में साहब पहुंच चुके हैं.. मतलब सरप्राइज़ इंसपेक्शन आज होना तो नहीं चाहिए तो फिर आज कैसे? अब कोशिश तो कर ही रही हूं… अब गिर तो नहीं पड़ूंगी.. अब कर भी … Read more

निंदा रस का आनंद – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

अरे सुनो पता है मिसेस वर्मा के बहु बेटे का तलाक होने वाला है। शान्ति बोली, अच्छा ऽऽऽ क्या बात करती हो बड़ी गज़ब की खबर,शान्ति तुमको किसने बताया झुँड में खड़ी कुछ महिलाएं एक साथ बोल पड़ी.. तुम तो अभी नई नई ही आई हो हमारे अपार्टमेंट में…तुमको तो सारी खबरें रहती है रेखा … Read more

स्वार्थ – खुशी : Moral Stories in Hindi

मदन ,गीता और राधा तीनों भाई बहन थे।पिताजी अनोखे लाल का काम कुछ ऐसा जमा नहीं था आज छोड़ कल पकड़ घर का खर्चा बड़ी मुश्किल से चलता।मां आशा देवी आस पड़ोस के कपड़े सिल कर कुछ कमआती ।बच्चे स्कूल में पढ़ते थे।मदन पढ़ाई में अच्छा था और उसका सपना था कि वो कुछ पढ़ … Read more

काश मेरी भी एक बेटी होती – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

अपनी व्यस्ततम ज़िंदगी से कुछ वक़्त निकालकर यशोदा बगीचे में शाम को टहलने अवश्य ही जाती थी। बगीचे में नियमित रूप से आने वाले अधिकतर लोग यशोदा को जानने लगे थे। आस पास में रहने वाले बच्चे भी शाम को वहां आते थे। नंदिनी भी अक्सर शाम को वहां आया करती थी। सबसे अलग, शांत और गुमसुम रहने वाली इस … Read more

अपनी औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

कुलक्षणी जाने किसका पाप रखी है तू अपने पेट में…  अभी मैं तेरी और इस पाप के औलाद की सारी कहानी खत्म कर दूंगा..  इतना कहकर बलराम ने रमा पर जैसे हीं अपना हाथ उठाया रमा ने उसका हाथ पकड़ लिया। और बोली-बस अब और नहीं बहुत सह लिया मैंने,मैं अपने लिए सब-कुछ सुन सकती … Read more

नमक मिर्च लगाना – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सुषमा जी की बेटी कृति आने को है, गर्मियों की छुट्टियों में, अपने दोनों बच्चों संग।बेटी का ससुराल दूर होने के कारण पूरे साल सुषमा जी इस समय का इंतेज़ार करती हैं। अपने उम्र के हिसाब से सुषमा जी काम या व्यवहार में बहू के साथ भी कोई कमी नहीं रखती, वैसे भी बेटा और … Read more

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