रिश्तों के सही मायने – डॉ.बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

   जब किसी की अच्छाई पर बात करनी हो तो शायद ही कोई बोलता हो, सभी खामोश रहते हैं। लेकिन किसी की बुराई करनी हो तो गूँगें भी बोल पड़ते हैं। इसके बावजूद भी बुराई कितनी भी बड़ी हो वह हमेशा अच्छाई के सामने छोटी ही होती है। और जहां तक विश्वास की बात है…. विश्वास … Read more

अपने मन की सुनो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

ड्राॅइंग रूम के सोफ़े पर बैठकर श्रुति टेलीविज़न पर कार्टून शो देख रही थी।फिर वो रिमोट से चैनल बदलकर न्यूज़ देखने लगी।एक रिपोर्टर बोल रही थी,” आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों पर गोलियाँ बरसा दीं..।उसने तुरन्त टीवी बंद कर दिया और पास बैठे अपने पिता से बोली,” पापा..कल स्कूल में मेरी एक सहेली कह … Read more

बीस साल बाद – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज दस दिन बाद जब वे कमरे पर आये तो चौंक गए।कारण मंत्री रघुवीर ने बीस हजार रूपए भेजे थे। साथ में पत्र भी था उसमें फोन नंबर भी दिया था। फोन करते ही प्रणाम किया और बोला -सर आपने पहचाना। अरे बेटा रघु ,तुमने पैसे क्यों भेजे? सर यह तो आपके उपकार के बदले … Read more

समझौता अब नहीं। – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“बहुत हो गया। हर बार मैं ही समझौता करूं? नहीं अब ये नहीं होगा।” मंगला ने अपनी सास जानकी देवी से कहा। ” क्या फर्क पड़ता थोडा तुम समझौता कर लेती बडी? छोटी नई नवेली है। थोडे दिनों में हमारे रंग में रंग जायेगी। थोडा समय तो लगेगा ही।” ” माँ जी, जब से इस … Read more

वक्त ने बदल दिया – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

सुधीर का आखिरी दिन नौकरी का बहुत सालों से कंपनी में नौकरी कर रहा था।  लेकिन अचानक कंपनी बंद होने के कारण सुधीर का आखिरी दिन जाने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था.. लेकिन क्या करें कंपनी इतनी लॉस में चली गई की सुधीर डिप्रेशन में आ गया और कुछ भी करने के … Read more

चेतना….. – प्रतिक्षा हरिपूरकर : Moral Stories in Hindi

चेतना… संवेदना… ये भावनाएँ हर किसी को जन्म के साथ प्रकृति द्वारा कम या ज़्यादा मात्रा में प्रदान की जाती हैं… कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की चेतना, संवेदना को जितना समझता है, वह उस व्यक्ति के उतना ही करीब जाता है… समान दुःखी या समान विचारों वाले लोग जल्दी जुड़ जाते हैं क्योंकि उनकी … Read more

दरारों – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

बारिश की बूँदें खिड़की के कांच पर थिरक रही थीं, जैसे किसी पुराने गीत की धुन हो। सुमन खिड़की के पास बैठी थी, चाय का प्याला सामने रखा था, लेकिन उसकी नज़रें कहीं  और थीं। उसी घर में जहाँ कभी बच्चों की किलकारियाँ गूँजती थीं, अब चुप्पियों की चादर तनी हुई थी। विनय जी, सेवानिवृत्त … Read more

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

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    इसका नाम वक्त है– कब बदल जाए– कुछ नही मालूम। हँसते खेलते घर का माहौल अनायास ही मातम में  बदल जाता है।ऐसा कुछ घट जाता है जो कि इंसान की कल्पना से बहुत परे होता है। ऐसी अप्रत्याशित घटनायें घट जाती हैं जिन्हें सोच कर भी मन  हिल जाता है।     कभी ना कभी हर किसी … Read more

फुलवा और फूली – हेमलता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुनो” 21 दिन का सरकार ने लॉक डाउन लगाया है “पति के इतना कहते ही मुझे तुरंत बेटे का ख्याल आया. हम अपने गांव में हर नवरात्रि में आते हैं मंदिर में श्रृंगार करने और नवरात्रि मनाने, कन्या पूजन करने .इस बार भी आए थे पर यहां आते ही पता चला कि सरकार ने कोरोनावायरस … Read more

बाबूजी के कमरे की खामोशी – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

घर में चहल-पहल थी। अनन्त का प्रमोशन हुआ था, और परिवार जश्न में डूबा था। ड्राइंग रूम में केक काटा जा रहा था मिठाइयों, नमकीन, आइसक्रीम के दौर के साथ दोस्तों के कहकहे सुनाई पड़ रहे थे।  लेकिन घर का एक कमरा जिसमें बाबूजी रहते थे उन्हें किसी ने बुलाना क्या बताना भी उचित नहीं … Read more

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