आंगन की दीवार : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  “देखिए शांति जी, मैं प्यार से समझ रही हूं सीधी तरह मान जाइए, वरना गुस्सा मुझे भी आता है।”कस्तूरी ने बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज को कड़क करते हुए अपनी साथ वाली पड़ोसन शांति से कहा।   दरअसल शांति अपने नाम के बिल्कुल विपरीत थी। हर किसी से ऊंचा बोलना, अपना … Read more

ताउम्र ग्लानि रही : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” साहब…आज गरीबों में कपड़े और खाना-दवाइयाँ बँटवानी है।” बहादुर ने अपने मालिक से कहा।   ” हाँ बहादुर, याद है…हाॅल में रखे सभी सामानों को तुम गाड़ी में भरो..मैं अभी आता हूँ।” कहकर अविनाश ने बीस-पचास के नोटों का बंडल अपने पर्स में रखे, गर्म शाॅल अपने कंधे पर डाली … Read more

निगाहें (अंतिम भाग ) –  सीमा बाकरे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सोमेश ने फिर से फ़ोन लगाया, पर इस बार फोन व्यस्त है ऐसा संदेशा आने लगा।हारकर उसने फोन लगाना बंद कर दिया और पेपर्स हाथ में लेकर ध्यान से पढ़ने लगा। उसमें लिखा था, में रामदयाल अपनी जमीन ,घर अपने मित्र हरिलाल के नाम कर रहा हूं। हस्ताक्षर रामदयाल। भैया … Read more

निगाहें (भाग 3) –  सीमा बाकरे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ये सब बहुत छोटी बातें थीं, जिनके बारे में सोमेश सोचना भी नहीं चाहता था, क्योंकि उसकी संस्कारों में मां -बाप के लिए कुछ भी करना ये बच्चे के लिए सम्मान की बात थी ना कि उन पर किसी तरह का एहसान करना है।पर ना चाहते हुए भी उसे बचपन … Read more

निगाहें (भाग 2) –  सीमा बाकरे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अम्मा बोली तो कुछ नहीं पर उन्हें गुस्सा आ गया है यह उनके देखने के अंदाज से पता चल रहा था।  नाराजगी वाले माहौल में ही बबली का जन्म दिन और जगराता निपट गया।जब सब काम खतम हो गया तब अम्मा ने सोमेश से पैसे मांगे और सोमेश ने खुशी … Read more

निगाहें (भाग 1) –  सीमा बाकरे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सोमेश और सोनी को बंबई में आए हुए दो साल हो रहे थे। इस बार ग्यारह महीने बाद फिर से दस प्रतिशत किराया बढ़ा दिया जाएगा। दोनों को यही टेंशन थी। बंबई आने के बाद से सबसे पहले अपना घर हो ,ये सपना हर बंबई वासी की तरह ये दोनों … Read more

पैसों की खनक (भाग 2 )- डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : उसका दिल तो बहुत दुखा था पर फिर भी उसने ये सोचा कि पापा ने उसकी पढ़ाई और शादी में बहुत खर्च किया है। पापा ने अच्छी शिक्षा देने के लिए कभी भी उस पर कोताही नहीं की। शायद अब उनकी कोई मजबूरी रही होगी,ऐसा सोचते हुए इस बात को … Read more

पैसों की खनक (भाग 1)- डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दिव्या के मायके से बार बार फोन आ रहे थे। वैसे तो उसकी शादी के बाद जबसे पापा के रिटायरमेंट हुआ है और भाईयों की अपनी गृहस्थी हुई है तबसे उसको बुलाने के लिए कभी इतने फोन नहीं आए फिर ये पिछले दो दिन से क्यों आ रहे हैं वो … Read more

तुम्हारे लिए …!! –  लतीका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बधाई हो विष्णु आज तेरी वर्षों की तपस्या त्याग और मेहनत  सफल हो ही गई शिवदयाल ने विष्णुप्रताप को गले लगाते हुए जोर से बधाई दी तो बेटा भड़क उठा हुंह..!पापा की कौन सी त्याग तपस्या मेहनत अंकल!!इन्होंने आज तक किया ही क्या है मेरे लिए ये सब मेरी मेहनत … Read more

कायरता –  बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कोंडेलिम बीच गोवा पर बैठा सागर सामने समुन्द्र से तेजी से आती लहर को देख रहा था।एक झंझवात उसके मन मस्तिष्क  चल रहा था।लहर समुन्द्र से आ रही थी और समुन्द्र उसे फिर अपने मे बार बार समेट रहा था।पर ये सागर तो अपनी उर्मी को यूं ही छोड़ आया … Read more

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