“परिवर्तन” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा
आज “अम्मा” सुबह से ही बहुत खुश थी ! दौड़-दौड़कर सारे घर की सफाई कर रही थी। बेड-बिछावन झाड़- पोछ्कर साफ-सुथरा चादर बिछा दिया । फिर किचेन में आ गई बेटे की पसंद का खाना बनाने। लगभग पन्द्रह दिन बाद बेटा हॉस्पीटल से आ रहा था। “कोरोना” ने उसे अपने चपेट में ले लिया था। … Read more