“मेरा घर” – डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा
#मायका “माँ” बैठक में ही चावल लेकर चुनने के लिए बैठ गई थी। तभी मेन गेट की घंटी बजी। उन्होंने वहीं से पूछ लिया- कौन है? कोई आवाज नहीं आई। वह सोचने लगी कि पता नहीं कौन हो सकता है अभी दोपहर के समय। दोनों बाप-बेटे तो घर में ही हैं तो फिर कौन आया? … Read more