“उलझन,” – मिनाक्षी राय 

लता आज बहुत परेशान थी उसकी उदासी और परेशानी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी l

लता आज इस बात से परेशान थी, कि क्या इस बदलते माहौल में संयुक्त परिवार का एक साथ रहना कोई गुनाह है क्या??

आज लता अपने लिए जब नए घर के मालिक से मिलने गई तो उसका पहला सवाल यह था, ‘कि आपके परिवार में कितने लोग रहते हैं लता ने जैसे ही कहा उसके परिवार में 10 सदस्य जाते हैं तो मकान के मालिक बहुत आश्चर्य और पूछा कि कौन-कौन तब लता ने बताया कि वह अपने पति और दो बेटों के साथ और साथ में सास ससुर और देवर देवरानी और उनके बेटे और बेटी रहते हैं तब उस मकान के मालिक ने मना कर दिया कि आपके परिवार के हिसाब से मेरा घर बहुत छोटा हैl

लता वापस आ जाती है और सोचने लगती है कि इस बड़े शहर में अपने परिवार को लेकर वह कहां जाएगी ?



लता का बचपन गांव में बिता था और वह पली-बढ़ी भी गांव से थी और वो एक संयुक्त परिवार में ही रहती थी l हालांकि उसकी शिक्षा भले ही शहर से हुई थी लेकिन उसने गांव को बहुत नजदीक से देखा था,  और उसे लगता था कि संयुक्त परिवार एक आदर्श परिवार होता है l

लेकिन वह जबसे शहर को देखा, उसने लोगों के विचार और और शहर के लोगो को  एकल परिवार पर ज्यादा जोर देते  देखा | बदलते महौल मे गांव में भी धीरे-धीरे   संयुक्त परिवार टूटकर एकल परिवार के रूप में बदलने लगे, पर बहुत लोग अब भी संयुक्त परिवार में रहते थे| और लता की शादी भी संयुक्त परिवार में ही हुई थी और सभी लोग आपस में बहुत प्यार करते थे एक दूसरे की हमेशा मदद किया करते थे यही वजह है कि लता को अपने परिवार से बहुत प्यार हैl

“उलझन” इसी वजह से कहानी का शिर्षक है, कि संयुक्त परिवार या एकल परिवार दोनो मे से आज के बदलते यहौल के हिसाब से ठीक है | यही उलझन है कहानी की नायिका की|

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