बसेरा – वीणा

सुबह से ही हॉस्टल के दो चक्कर लगा चुका था वह,पर कमरे के दरवाजे पर लगा ताला मानो उसे मुँह चिढ़ा रहा था। चौकीदार से भी वह दो तीन बार पूछ चुका था। आखिर में कहाँ गई ज्योति? रह रह कर सूरज के मन में एक ही बात आ रही थी।कल शाम तक तो उसने … Read more

अब आप ही मेरे पिता हैं – नीरजा कृष्णा #लघुकथा

उसने धीरे से दरवाजा खोल कर देखा। रामेश्वर बाबू…. उसके ताऊ जी….गहरी नींद में थे। एकदम क्लांत चेहरा… घोर थकावट और दुख की गहरी छाया उनके चेहरे पर बिखरी हुई थी। एक बार तो उसे लगा…ना उठाया जाए…सो लेने दिया जाए पर घड़ी पर निगाहें गई तो….अरे शाम के चार बज गए थे,” ताऊ जी! … Read more

मैनेजर – भगवती सक्सेना गौड़ #लघुकथा

मैनेजर नाम का मजदूर दीवाली की सफाई बड़े मन से कर रहा था। रश्मि अकेली घर पर थी, दोनो बेटे दिल्ली में कार्यरत थे, दीवाली में सबके आने का कार्यक्रम था। थोड़ी थोड़ी देर में आकर काम का मुआयना कर लेती थी, अचानक उसकी नजर गयी,  मैनेजर बड़े ध्यान से टेबल पर रखी अश्विन संघी … Read more

प्रसाद – दीप्ति सिंह #लघुकथा

राशि का गोलमटोल बेटा शुभ जब से घुटने चलने लगा है माँ को खूब दौड़ाता है गिरी हुई वस्तुओं को नियत स्थान पर रखते -रखते राशि थक जाती है कभी कभार तो भोजन करना भी दूभर हो जाता है। “राशि …राशि ”  की आवाज लगाते हुए मकान मालकिन रचना ऊपर आयी।  “क्या बात है दीदी … Read more

कसक – अनु ‘मित्तलइंदु ‘

बचपन से एक दूसरे को देखते बड़े हुये थे हम दोनों । मेरे घर के सामने ही घर था उसका । उसके पिता शहर के नामी वकील थे । और हम लोग उनके घर के सामने की बिल्डिंग में थर्ड फ्लोर पर किराये पर रहते थे । मेरे परिवार में मेरी बड़ी बहन अनीता जिसे … Read more

पापा की नफ़रत- सुषमा यादव

बेटियां तो पापा की परी होती हैं,,  ,,उनका अभिमान और गौरव होती हैं,, ,,, फिर ऐसा क्या था कि उसके पापा अपनी बेटियों को अभिशाप समझते थे,, उनसे नफ़रत करते थे,,, ,,, चलिए,,,मिलते हैं एक ऐसे ही पापा से,,, ,,, मेरी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई थी, दिल्ली में,, मुझे लगभग छः महीने तक नीचे झुकना … Read more

पिता के नाम पत्र – रीटा मक्कड़

short story in hindi

आदरणीय पापा जी.. आप क्यों चले गए हमे छोड़ कर।इतनी जल्दी क्यों थी आपको जाने की। अभी तो बहुत कुछ करना बाकी था।अभी बहुत सी बातें थी मेरे मन मे जो अनकही ही रह गयी और वो अभी तक कह नही पायी ..कहूँ भी तो किससे.!!! जो बातें सिर्फ और सिर्फ आपसे ही कह सकती … Read more

वो पगली – Motivational Short Story In Hindi 

जोर जोर से दरवाजा खटखटाने की आवाज सुन कर मैंने भाग कर दरवाजा खोला तो एक औरत अजीब सा हुलिया ..अंदर घुस आई।मैं एक दम से बहुत ज्यादा डर गई थी।उसने मुझे कुछ नही कहा सीधा वाशरूम में घुस गई। बाहर आकर उसने वाशबेसिन से हाथ मुँह धोया, कुल्ला किया और जैसे आयी थी वैसे … Read more

आईना – डॉ पारुल अग्रवाल

रात को पार्टी थी। पीने-पिलाने का दौर कुछ देर तक चल पड़ा था। सुबह के 11 बजे तनुजा की आंख खुली तो उसने किसी तरह डगमगाते कदमों से बाथरूम की तरफ कदम बढ़ाया। मुंह पर जैसे ही पानी के छपके मारें तो आईने में उसे अपना एक झुर्रीदार भयावह सा चेहरा दिखाई दिया। ये देखकर … Read more

मेरे पापा – प्रीती सक्सेना

पहली बार अपने पापा के के लिए कुछ लिखने जा रही हूं,, मेरे पापा,, श्री बी. पी. सक्सेना,, एक ईमानदार, कर्तव्य निष्ठ, अफसर थे,,, बहुत ज्यादा शांत,,, सरल,, व्यवहार था पापा का,, उनकी दुनियां,, बस कलेक्ट्रेट तक जाना और लौटकर,,, एक बार अपने सभी बच्चों से मिलना, पढाई का पूछना,, बस यहीं तक सीमित  था,, … Read more

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