स्त्रियां कहां बुद्ध हो पाती हैं!! – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सीमा जी  शाम को टहलने पार्क निकली तो देखा सोसाइटी की सभी महिलाएं झुंड बनाकर चर्चा में व्यस्त थी। सीमा जी 3 महीने बाद बेटी के पास से अमेरिका रहकर लौटी थी। पहुंचते ही उन्हीं के ब्लॉक की सत्यवती बोली, “और बताइए कैसा रहा बेटी के यहां का विदेश भ्रमण?” वे कुछ कह पाती उससे … Read more

लल्लो चप्पो करना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

 ममता (बड़ी बहु) ला मुझे दे , ये  प्लेट, सरला जी ने प्लेट छीनते हुए बोला, औऱ आवाज लगाने लगी   सुमन बेटा, (छोटी बहु) फल खा के ही ऑफिस जाना। सुमन ने उनके हाथों से फल लेते हुए बोला, अभी टाइम नही है माँ जी ऑफिस में खा लुंगी। बहु को बाहर बाय बाय … Read more

बेटी – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

रामलाल जी की 2 बेटियां थी, बड़ी रंजना ओर छोटी रोहिणी। रंजना स्कूल मे टीचर थीं और रोहिणी कॉलिज के फाइनल ईयर मैं थी। बिन मॉ की बेटियों सूंदर, समझदार ओर गृह कार्य मे दक्ष थीं।। रामलाल जी एक सेठ के पास मुंशी का काम करते थे। मामूली तनख्वाह ओर 2 जवान बेटियां की शादी … Read more

लतिका – सुधा भार्गव : Moral Stories in Hindi

हाँ ,उसका नाम लतिका ही था । उसकी तरह न जाने इस जग में कितनी भरी पड़ी हैं जो लता बनने से पहले ही लताड़ दी जाती हैं या अपना इस्तेमाल करने के लिए खुद विवश हो उठती हैं।  उसके साथ तो कुछ यू हुआ –तीन भाइयों वाली वह बहन थी । पिता प्रकाश की … Read more

दिखावे की जिंदगी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आओ ना शालू… बच्चे सो गए हैं .. थोड़ी देर मेरे पास आओ… पति शैलेश  ने अपनी पत्नी शालू  से कहा .. नहीं यार ,,बहुत थक गई हूं जानू … फिर सुबह ऑफिस भी जाना है.. कल बात करेंगे … वैसे भी तुम्हें पता है, आज मैं किटी में भी गई थी …. तुम्हे एक … Read more

शिवानी – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

शिवानी को दिखावा इतना पसंद था कि वह चाहे कम खा सकती थी लेकिन फैशन के लिए खर्च करने को हर समय तैयार रहती । जब भी अपनी किसी सखी को किसी खास ड्रेस में देखती तो उसे तब तक चैन न आता जब तक कि उससे भी अच्छी ड्रेस वह न ले लेती । … Read more

पुत्र मोह – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

ब्याह के दस साल बाद भी राजन और  उमा संतान सुख से वंचित रहे! संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने हर मंदिर में दिये जलाऐ,हर चौखट पर माथा टेका,हर मजार ,दरगाह पर चादर चढ़ाई,हर गुरूद्वारे पर अरदास लगाई! जाने कितने व्रत अनुष्ठान कराऐ! आखिरकार भगवान ने उन की सुन ली! उनके घर विनय के रूप में … Read more

क्योकि मैं अब माँ हूँ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“मम्मा मै कपड़े कहां बदलूं ?” बुआ के यहां शादी में आईं बारह साल की श्रीति अपनी मम्मी स्नेहा से पूछती है। ” बेटा यहां सब औरतें ही तो हैं और सब यहीं बदल रहे तुम भी यहीं बदल लो ना अब कोई और कमरा नहीं है यहां शादी का घर है बेटा समझो बात … Read more

दिखावे से दूर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 शिल्पी, मोनिका  को फोन करके बोली, “मोनिका चल आज शाम को साथ में कॉफी पीने चलते हैं और तुझसे एक जरूरी बात भी करनी है। तो मिल रही है ना शाम को ”   मोनिका -” शिल्पी, आज तो नहीं मिल पाऊंगी कल आ सकती हूं कल मैं बिल्कुल फ्री हूं। आज शाम को मेरे पति … Read more

पछतावा – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

गंगा शांत बह रही थी | वातावरण शांत, सुखद और मनमोहक था | एक नाव गंगा की लहरों पर मंद गति से तैर रही थी | नाव पर सेठ मनोहरलाल बैठे थे | सामने अपनी पत्नी  उमा की एक बहुत सुंदर तस्वीर रखे थे | तस्वीर पर एक बहुत खूबसूरत हार चढा था और सामने … Read more

error: Content is Copyright protected !!