अपमान बना वरदान – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi
स्वाति के तीखे नैन नक्श, रंँग सांवला एवं बाल घने बहुत लम्बे थे। स्वभाव में चंचलता लेकिन बात करने का अंदाज बहुत गंभीर था। वह जब भी बालों को धोती तो, मांँ बोलती जाओ! बालों को धूप में सुखा लो, नहीं तो खराब हो जाएंगे । “उसका बाल सुखाने का एक अनोखा ही अंदाज था। … Read more