आँसू बन गये मोती – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi
सुमी चाहे घरेलू सहायिका थी, अपने बच्चे अनूप को स्वयंसिद्ध बनाया था सुमी ने। अनुशासित जीवन था उसका। सुबह परम प्रभुु का शुकराना करो, बडेे बुजुर्गों का चरण स्पर्श कर आशीष लो, खुद का काम खुद करो। सुमी सुमंगला जी की घरेलू सहायिका थी। सुबह से शाम तक जो भी काम हो, बडी लगन से … Read more