रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसे जा रही थी – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

नन्हीं खुशबू का एक ही सपना था। उसे पहाड़ पर चढ़ना था लेकिन व्हीलचेयर पर बैठी खुशबू ये भी जानती थी कि ये सपना कभी पूरा नहीं होगा। लेकिन वो सपने ही क्या जो पूरा होने की ज़िद ना करे……रात दिन एक ही सोच कैसे करूँ अपना सपना पूरा। जुझारू तो बचपन से थी पर … Read more

प्यार में धोखा – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सीमा बहुत परेशान थी। तीन दिन से कमली नहीं आ रही थी। फोन भी नहीं उठा रही थी। आज पड़ोसी की बाई से बात कर ही रही थी कि उधर से आती दिखाई  दी। “अरे, तुम तीन दिन से कहाँ थी? फोन भी नहीं उठा रही थी?” कमली कुछ बोली नहीं चुपचाप घर के अन्दर … Read more

भुगतान – पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

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 प्रगति आज बेहद खुश थी। दो सालों के बाद आज सुकेश अपने दोनों हाथों से ठीक होने जा रहा था। अब वह अपाहिज की श्रेणी से बाहर आ कर अपने सारे काम कर पाएगा। उसका सपना पूरा होने को है कि वह सुकेश को स्वस्थ कर पाएगी। मैं सारे बिल सबमिट कर बिल क्लीयर कर … Read more

हाय रे मेरी फूटी किसमत – खुशी : Moral Stories in Hindi

राधा एक पढीलिखी लडकी थी , अच्छा घर ,पति  सास ससुर  बच्चे  सब कुछ था ,पर कहते हैं ना कि सब होकर‌ भी कुछ लोग खुश नहीं होते वो हाल‌ था उसका ,किसी के यहाँ नया टीवी आया तो अपने घर में किचकिच किसी ने कुछ भी लिया तो क्लेश उसके सास ससुर , पति … Read more

कीमत – कीर्ति मौर्या : Moral Stories in Hindi

निखिल और राधा की शादी को लगभग दस बर्ष होने को है।अभी भी दोनों की गृहस्थी में खटपट होती ही रहती है।राधा एक नौकरीशुदा महिला है।वह एक विद्यालय में शिक्षिका है।जिसने निखिल के कंधों से बच्चों की पढ़ाई, घर का राशन, बिजली का बिल,गैस का बिल तथा सासू मां शान्ति जी की दवाईयों इत्यादि के … Read more

“ठोकर” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

प्रिया  #रोते रोते बस अपनी किस्मत को ही कोसे जा रही थी, आखिर ऐसा क्या पाना था, जिसकी चाहत में आज वो अपना सब कुछ गवा बैठी है…  माता पिता की लाडली बिटिया प्रिया, अपनी खूबसूरती और अच्छे व्यवहार से किसी का भी दिल जीत लेती थी, मगर कॉलेज में आते आते, गैर धर्म के … Read more

स्वाद के खातिर सेहत से समझौता नही – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

ये क्या मम्मी..आपने फिर वही घिसी पिटी तोरई की सब्जी बना दी, मुझे नही खानी ये मरीजों वाली सब्जी…तान्या चिढ़ते हुए मां से बोली बेटा तुम लोग पिछले दो दिनों से फास्ट फूड खा रहे हो । और लगभग हर वीकेंड पर तुम्हारे लिए बर्गर या पिज्जा बनता है या बाहर से ऑर्डर होता है … Read more

उम्र के आखिरी पड़ाव की कीमत – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

“वक्त बहुत महत्वपूर्ण होता है, कब वह हाथों से रेत की तरफ फिसल जाए पता ही नहीं चलता।”  “समय अपनी गति से आगे ही बढ़ता जाता है और हम उम्र के उस पड़ाव पर आकर खड़े हो जाते हैं जहां से वापस पीछे जाना नामुमकिन होता है।” शालिनी जी के यह शब्द सभागृह में गूंज … Read more

घडियाली आंसू बहाना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

लता के पति की मृत्यु करीब बारह साल पहले हो चुकी थी | उसकी दो बेटियां थी | जब उसके पति की मृत्यु हुई थी तब उसकी बड़ी बेटी रमा तेरह साल और छोटी बेटी जया दस साल की थी | उसके पति एक कंपनी में काम करते थे | पति की मृत्यु पर परिवार … Read more

बहू तो अच्छी थी,खराब तुमने कर दी भाभी…. – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

देवकी अपने मायके लगभग तीन साल बाद आई थीं। पोते पोती घर से निकलने नहीं देते थे। इस बार उनकी बहू अपने मायके गई, तो बोली “मम्मी जी आप भी अपने मायके हो आइए कब तक इन लोगों के चक्कर में कहीं नहीं जाएंगी”,तो देवकी ने फौरन अपने मायके आने का प्रोग्राम बना लिया। देवकी … Read more

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