ये कैसा रिश्ता – उषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

    हर वक्त उसकी आवाज कानों में गूंजती रहती थी घर पहुंचते ही वह ऐसे चिल्लाता था जैसे किसी के स्वागत का सारा जिम्मा उसका हो।           मुझे याद आने लगा वह दिन , जब मै  कॉलेज से आकर बैठी थी उसी समय  चिंकी ने आकर कहा -दीदी देखो आज हम लोग आपके लिए कुछ लाये हैं … Read more

आखिरी पड़ाव – डॉ शंकर लाल माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

उस दिन बंद कमरे में हो रही उनकी बातें अधखुली खिड़की से सुनीं, तो मैं दंग रह गया। अंदर से खाली होता जा रहा था, अज्ञात भय सालने लगा। बेटे अखिलेश की शादी हुए अभी दो ही साल तो बीते हैं। काफी सोच-विचार कर भरे घर की बेटी को बहू बनाकर लाया था। सोचा, थोड़ा … Read more

साँच को आँच नहीं – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi

नीलिमा जी जबसे बाज़ार से लौटी हैं , गुस्से में इधर – उधर बड़बड़ाते हुए घूम रहीं थी।  माधव जी (उनके पति ) ने  बेचैनी का कारण पूछा  नीलिमा जी फट पड़ी : हे भगवान् क्या बताऊँ आपको ? ऐसी चरित्रहीन बहु पल्ले पड़ी है की पूछो मत।  अरे हुआ क्या भाग्यवान ये तो बताओ … Read more

जिम्मेदारियाँ कभी खत्म न होंगी। – डाॅ कंचना सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सुनीति अपने माँ बाप की इकलौती संतान थी। बड़े लाड़ -प्यार से पाला था। माता -पिता की आँखों का तारा। कभी कोई दुख की छाया उस पर न पडे़, माँ की हर समय यही कोशिश रहती। पिता बैंक में अफ़सर थे। अतः स्थानान्तरण होते रहते थे। उन्हें समय ही नहीं मिलता। माँ काॅलेज में लेक्चरर … Read more

अप्रत्याशित प्रश्न और उत्तर – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      मम्मी-मम्मी, एक बात तो बताओ जब मेरे पापा है ही नही तो आप सिंदूर क्यो लगाती हो?दादू नही रहे तो दादी सिंदूर कहाँ लगाती हैं, पड़ौसी काका पिछले महीने ही स्वर्ग सिधारे हैं तो काकी ने सिंदूर लगाना बंद कर दिया पर मम्मी,मैंने तो पापा को देखा तक नही,उससे पहले ही वे चले गये तो … Read more

सिन्दूर की कीमत – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” हेल्लो जी मेरा नाम निशा है मैं आपके पड़ोस मे ही रहती हूँ !” नई नई उस कॉलोनी मे आई आभा से एक औरत बोली। ” जी हेल्लो बहुत अच्छा लगा आपसे मिलकर !” दरवाजे पर खड़ी आभा मुस्कुरा कर बोली। ” आपके घर मे कौन कौन है ?” निशा ने सवाल किया। ” … Read more

सेम टू यू… पतिदेव –   हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मां… कल अपने यहां करवा चौथ पर सरगी में क्या-क्या बनेगा और हां मां मुझे सुबह जल्दी उठा देना मुझे जल्दी उठने की आदत नहीं है ना, कल सुबह-सुबह ही खाने की बहुत सारी तैयारी करनी होगी ना, पंजाबी परिवार की सिमरन जो अभी 5 महीने पहले ही इस घर में बहु बनकर आई थी … Read more

जिम्मेदारी – सरोज देवेश्वर : Moral Stories in Hindi

       वह तेज कदमों से बसस्टॉप की ओर बढ़ रही थी. आज उसे ऑफिस में ज्यादा देर  तक रुकना पड़ा. अभी बसस्टॉप तक पहुंची  ही थी कि शहर कि बत्ती गुल हो गई. घुप्प अंधेरा छा गया सड़क सुनसान और डरावनी प्रतीत हो रही थी. कुछ देर में उसने गौर किया, सड़क  पर चहल पहल भी … Read more

बदलाव – पुष्पा कुमारी ‘पुष्प’ : Moral Stories in Hindi

“आजकल आप लंच में मेरी दी हुई सब्जी नहीं खाते हैं ना?” अनिता ने आखिर आज अपने पति सुनील से पूछ ही लिया “नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है!”. कुछ जरूरी फाइलें निपटाने में व्यस्त सुनील ने अनीता की बात को टालना चाहा “आज सब्जी में गलती से नमक थोड़ा ज्यादा पड़ गया था … Read more

रिश्तों में बढ़ती दूरियां – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज मेरा मेरे पति समीर और मम्मी जीके बीच का रिश्ता त्रिकोण के तीसरे कोण की तरह हो गया है… एक छत के नीचे रहकर भी अजनबी से हो गए हैं एक दूसरे के लिए… दोनो बच्चे कौस्तुभ और काव्या अपनी जिंदगी और कैरियर में  लगभग दोनो में सेट हो गए हैं… थोड़ा वक्त और…समीर … Read more

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