एक छोटी सी ख़्वाहिश – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

सुबह की भगादौड़ी के बाद सुमन ने अपने लिये एक कप चाय बना,बालकनी में रखें झूले पर आकर बैठ गई, आज मन थोड़ा उदास था, दिन भर काम में लगे रहने पर भी उसके कामों की कोई कीमत नहीं… जो घर में बैठे लैपटॉप पर काम करते, मोटी सैलरी पाते, सिर्फ उनके काम की ही … Read more

“हस्ताक्षर” – उषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

    देव अपनी मां काव्या की अलमारी मे कुछ जरूरी पेपर  ढूंढ रहा था। तभी उसने देखा एक लाल रंग की मखमल की डिब्बी एक कपड़े में लिपटी रखी है। उसके अंदर जिज्ञासा जाग उठी कि इसमें ऐसा क्या है जो मां ने इतना संभाल कर रखा है। सारे गहने तो मां बैंक के लाॅकर् मे … Read more

यह तो मेरी कज़िन है । – करूणा मलिक : Moral Stories in Hindi

कैसा लगा ससुराल, नीलू ! सास के बिना जेठानी ही तो सास नहीं बन बैठी ? सच बताऊँ, मुझे तो अजीब सा लगता है आज तक , अगर मम्मीजी घर में ना हों । भई , ससुराल तो सास से ही होता है । यार , दो ही महीने तो हुए अभी , शुरू में … Read more

मैं नहीं चाहती की छोटी छोटी बातें कोई बड़ा रूप ले ले और रिश्ते बिखर जाए… – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सुबह सुबह सूरज की किरणों ने अपने रंग बिखेरने शुरू कर दिए थे। अलसाई आंखो को लगा लेट हो गई। चल उठ स्वयं को ही आदेश देती हुए  नीलिमा  ने उठ कर गर्म पानी का सेवन करते हुए खिड़की से पर्दा हटाया। अचानक घड़ी की तरफ नज़र गई। ओह लेट हो गई। गुप्ता जी तो … Read more

समझौता – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

वेदिका आज सुबह से ही अनमनी सी थी। एक द्वंद्व उसके अंतर्मन में निरन्तर चल रहा था। रात की घटना उसे जीवन के दो राहें पर ला खड़ा किया था। वह क्या करे और क्या ना करे उफ़ ! ये कैसी उलझन? जी चाहता था, कि बेटी के वाट्सअप चैट पर उसे खरी खोटी सुनाए, … Read more

दायित्व का हस्तांतरण – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

इस बार दुर्गा पूजा में,तिथियां जल्दी पड़ रहीं थीं।एक दिन में ही दूसरी तिथि भी पड़ जा रही थी।हमारे बंगाली पूजा में जिला मुहूर्त में अष्टमी समाप्त होकर नवमी तिथि लगती है,उसे संधि पूजा कहतें हैं।ब्याह के बाद संधि पूजा के प्रति सासू मां की तत्परता देखी थी मैंने कभी-कभी सुबह चार बजे भी मुहूर्त … Read more

तानाबाना – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सोच सोच कर प्रमुदित हो जाती थी मैं … बस अब जल्दी से बेटे की भी शादी कर दूं फिर मेरी जिम्मेदारियां खत्म हो जाएंगी ….वह दिन भी आया और खूब धूमधाम उत्साह से बेटे पृथु की शादी हो गई बहू प्रीति भी जैसा नाम वैसा स्वभाव। निश्चिन्त थी मैं अब ।बेटे की जॉब दिल्ली … Read more

सिंदूर मेरा सम्मान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

केतकी, स्वभाव से अक्खड और  जिद्दी थी लेकिन बहुत सुंदर और पढ़ी-लिखी।   पढ़ाई खत्म करने के बाद वह एक जॉब कर रही थी। माता-पिता और भाई अजय की लाडली। जो भी कमाती थी अपने कपड़ों, मेकअप और ज्वेलरी आदि पर खर्च कर देती थी।उसकी मां उसे समझाती थी कि कुछ बचत करना सीखो। बचत बहुत … Read more

मैं नही चाहती ये छोटी सी बात कोई बड़ा रूप ले ले और सब रिश्ते बिखर जाएं – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मेरे पापा ने हम लोगों की परवरिश बहुत ही अच्छे से किया था | उम्र के इस पड़ाव में भी , उनकी एक एक बात याद है | उन्होंने जो संस्कार दिए है हमको,  उसी के बल पे आज मैं अपनी जिंदगी  के बड़े से बड़े दुख भी आसानी से काट लेती हूं |  आज … Read more

सिंदूर – एक एहसास या दिखावा – रचना वत्स : Moral Stories in Hindi

दोपहर के 2:00 बजे हैं  ,  विभा एक कॉस्मेटिक शॉप मे आती है  ,  उसको अपने लिए कुछ मेकअप का सामान खरीदना है | दुकान बहुत बड़ी है जहां पर लगभग हर तरह का मेकअप का सामान हर ब्रांड के  मेकअप का सामान मिलता है | क्योंकि समय ऐसा है कि  इस समय दुकान के … Read more

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